लखनऊ: यूपी में 70 हजार चौकीदारों के अच्छे दिन आ सकते हैं। ये लोग लंबे समय से फोर्थ ग्रेड दर्जे के लिए आंदोलन कर रहे हैं। अब राज्य के चीफ सेक्रेटरी आलोक रंजन ने इस बारे में प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पंडा से रिपोर्ट मांगी है। चौकीदारों को अभी 1500 रुपए मानदेय के रूप में मिलते हैं। बदा दें, बिहार में इन्हें फोर्थ ग्रेड मिला हुआ है।
पिछले साल अनुपूरक बजट में मानदेय बढ़ाने का भेजा गया था प्रस्ताव
-ग्रामीण चौकीदारों का मानदेय बढ़ाने से पिछले साल वित्त विभाग ने इनकार कर दिया था।
-गृह विभाग ने 2015—16 के अनुपूरक बजट में चौकीदारों को मानदेय 100 रुपए प्रतिदिन करने का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा था।
-वित्त विभाग ने 10 अगस्त 2015 को वित्तीय नियमों का हवाला देते हुए ग्रामीण चौकीदारों को 100 रुपए प्रति माह की दर से मानदेय भुगतान किए जाने से इनकार करते हुए कहा था कि इसके लिए बजट व्यवस्था किए जाने का औचित्य प्रतीत नहीं होता।
139.10 करोड़ का सरकार पर पड़ता अतिरिक्त बोझ
-वित्त विभाग ने कहा था कि ग्रामीण चौकीदारों को 100 रुपए प्रतिमाह मानदेय दिए जाने से बजट में 139.1040 करोड़ व्यवस्था कराया जाना समीचीन प्रतीत नहीं होता, लेकिन अब एक बार फिर चीफ सेक्रेटरी आलोक रंजन ने इस पर प्रमुख सचिव गृह से रिपोर्ट मांगी है।
यूपी में 70 हजार चौकीदार कार्यरत
-ग्रामीण चौकीदार संघ के देवतादीन यादव ने बताया कि वर्तमान में यूपी में लगभग 70 हजार चौकीदार कार्यरत हैं।
-इसके अलावा ढेर सारी ग्राम सभाओं के अलग होने से नई ग्राम सभाएं बनी हैं। इस तरह प्रदेश में लगभग एक लाख चौकीदारों के पद हैं।
ग्रामीण चौकीदारों के बारे में यह भी जानें
-पुलिस एक्ट के अनुसार, चौकीदारों का नियुक्ति प्राधिकारी डीएम होता है।
-ग्रामीण चौकीदार गांव और थानों के बीच पुलिस की मदद के लिए अंग्रेजों के जमाने से काम करते आए हैं।
-ये पुलिस की गांव की कानून-व्यवस्था से संबंधित सूचनाएं देते हैं।