लखनऊ: राजभवन में शुक्रवार (7 जुलाई) को उत्तर प्रदेश के वर्ष 2017 में पद्म पुरस्कार से सम्मानित विभूतियों का अभिनंदन किया गया। गवर्नर राम नाईक ने इन विभूतियों को सम्मानित किया। इन सभी लोगों को शॉल और पुस्तक भेंट कर अभिनंदन किया गया।
बता दें कि इस साल प्रदेश के जिन महानुभावों को पद्म पुरस्कारों से अलंकृत किया गया उनमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता एवं सांसद मुरली मनोहर जोशी हैं जिन्हें समाजसेवा के क्षेत्र में तो प्रो (डाॅ.) देवी प्रसाद द्विवेदी को साहित्य एवं शिक्षा क्षेत्र के लिए पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा राम कुमार चैरसिया को संगीत कला, हरिहर कृपालु त्रिपाठी को साहित्य एवं शिक्षा तथा डाॅ. मदन माधव गोडबोले को चिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र में पद्मश्री 2017 पुरस्कार से अलंकृत किया गया था। इन सम्मानित लोगों को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।
आज इन लोगों के सम्मान समारोह में आयोजित कार्यक्रम में गवर्नर राम नाईक, सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, प्रमुख सचिव राज्यपाल जूथिका पाटणकर आदि राजभवन के गांधी सभागार में
मौजूद थे।
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वाराणसी का अपना महत्त्व है
इस दौरान बीजेपी सांसद मुरली मनोहर जोशी ने कहा, कि 'गवर्नर साहब का आदेश था कि इस अवसर पर सभी सम्मानित विभूतियों की ओर से सबका आभार प्रकट करूं। विशेष बात ये है कि हम पांच में तीन वाराणसी के हैं। चौथा मैं भी वाराणसी से सांसद रह चुका हूं। पद्म पुरस्कारों में संख्या की दृष्टि से यूपी और वाराणसी का अपना महत्त्व है। पद्म अलंकरण की विशेश्ता है कि आप इसे कोट पे लगा सकते हैं, लेकिन नाम के साथ नहीं लिख सकते।'
जुगाड़ का सम्मानित होना बड़ी बात
जोशी ने आगे कहा, इसे बैठक खाने में प्रमाण पत्र के रूप में लगा सकते हैं। इससे केवल मानसिक संतोष होता है। इससे कोई विशेष सुविधा भी नहीं मिलती। लेकिन ये अपने आप में सम्मान का विषय है।' उन्होंने कहा, 'प्रतिभा देश के किसी भी कोने में मिल सकती है। सामान्य तौर पर हम जिसे प्रतिभा बोलते हैं लोग उन्हें जुगाड़ कहने लग गए हैं। लेकिन जुगाड़ हर किसी के बस की बात नहीं। जुगाड़ से बहुत ऊंची खोज की जाती है। जुगाड़ जब व्यापक रूप से प्रयोग में आता है, तो इसे खोज कह देते हैं। जुगाड़ अगर सम्मानित होता है तो ये बड़ी बात है।'