UP Election 2022: बीजेपी के स्टार प्रचारकों की सूची से ये नेता गायब, लेकिन मोदी कैबिनेट में बने हुए हैं मंत्री, आखिर क्या है Inside Story
UP Election 2022: भाजपा ने तीस नेताओं वाली स्टार प्रचारकों की सूची जारी की। सूची में विवादित चेहरा केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी गायब। लिस्ट में गायब औऱ पद पर कायम रखकर एक तीर से दो निशाने लगाने के फिराक में बीजेपी।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022. उत्तर प्रदेश में चुनावी बिगूल बज चुका है। राज्य की सभी सियासी पार्टियां चुनावी तैयारियों को मूर्त रूप देने में मशगूल है। इसी क्रम में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है। 30 नेताओं वाले इस सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर यूपी बीजेपी के तमाम धुरंधर इसमे शामिल है। हालांकि इस सूची में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी का नाम शामिल नहीं है। सूची से टेनी का नाम गायब होने को लेकर कई तरह की अटकलें जा रही है।
केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी बीते साल तब सुर्खियों में आए थे, जब किसान आंदोलन के दौरान लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर जीप चढ़ा दी गई थी। इसका आरोप केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र टेनी पर लगा। जो फिलहाल सलाखों के पीछे कैद है। इस कांड के बाद मोदी सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी। मिश्र के बेटे के गिरफ्तारी में देरी किए जाने पर कोर्ट ने भी सरकार की खिंचाई की थी। वहीं विपक्ष लगातार पीएम मोदी से अजय मिश्र टेनी को मंत्रीपद से बर्खास्त करने की मांग कर रहा था। हालांकि पीएम ने विपक्ष की मांग को अनसुना कर दिया।
अजय मिश्र के बहाने एक तीर से दो शिकार के फिराक में बीजेपी
इस बीच केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ, जिसमे वो एक पत्रकार से गाली गलौज औऱ हाथापाई करते नजर आए। दरअसल पत्रकार ने उनके बेटे के बारे में सवाल पूछ लिया था, जिसपर केंद्रीय मंत्री आगबबूला हो गया। उनकी इस हरकत ने रही सही कसर भी पूरी कर दी औऱ मौजूदा दौर में वो मोदी कैबिनेट के सबसे विवादित चेहरा बन गए। ऐसे में स्टार प्रचारकों की सूची से उनका नदारद होना दिखाता है कि बीजेपी उनके विवादित चेहरे से दूरी बनाने की कोशिश कर रही है। तो ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर क्यों नहीं पीएम मोदी उन्हें अपनी कैबिनेट से हटा देते हैं, जिससे नाराज किसानों में एक बड़ा संदेश भी जाएगा। इसका जवाब है ब्राहम्ण वोट बैंक।
दरअसल गैंगस्टर विकास दूबे के एनकाउंटर के बाद एंटी ब्राहम्ण होने का तमगा झेल रही बीजेपी की छवि दुरूस्त करने के लिए पीएम मोदी ने उन्हें अपने कैबिनेट में शामिल किया था। आपराधिक पृष्ठभूमि से आने वाले टेनी की लखीमपुर खीरी औऱ उसके आस पास के जिलों में पकड़ मानी जाती है। वहीं रही बात किसानों की नाराजगी का तो इसका ज्यादा असर पंजाब में है, जहां बीजेपी का ज्यादा कुछ दांव पर नहीं है। वहीं उत्तर प्रदेश में बीजेपी टेनी को चुनाव प्रचार से दूर रखकर पश्चिमी यूपी के किसानों को एक संदेश देना चाहती है वहीं इतने विवादित होने के बाद भी केंद्रीय कैबिनेट में बनाए रखकर ब्राहम्णों को भी एक राजनीतिक संदेश देना चाह रही है।