UP Elections 2022: बड़ा भाई बनने में भाजपा को देनी पड़ी सिटिंग सीटों की कुर्बानी

UP Elections 2022 : पिछले विधानसभा चुनाव यानी 2017 की बात है तो इस चुनाव में भाजपा ने अपने सहयोगी दलों सुहेलदेव समाज पार्टी को आठ और अपना दल एस को 11 सीटें दी थी।

Written By :  Shreedhar Agnihotri
Published By :  Monika
Update: 2022-02-05 07:34 GMT
बीजेपी फ्लैग 

UP Election: विधानसभा चुनाव में बडे़ भाई की भूमिका निभाने के लिए भाजपा (BJP) को अबतक बड़ा त्याग करना पड़ा है। भाजपा ने छोटे दलों अपना दल (एस) और निषाद पार्टी (Nishad Party) के लिए अबतक एक दर्जन सीटे छोड़ी हैं। इसके बावजूद उसके सहयोगी दल और सीटों को मांगने पर अड़े हुए हैं। अब अपनी भारतीय जनता पार्टी (BJP) को अपनेे सिटिंग विधायकों (sitting legislators) को मनाने और चुनाव में इन दलों को सहयोग करने की एक बडी चुनौती है।

जहां तक पिछले विधानसभा चुनाव यानी 2017 (Assembly Election 2017) की बात है तो इस चुनाव में भाजपा ने अपने सहयोगी दलों सुहेलदेव समाज पार्टी (Suheldev Samaj Party) को आठ और अपना दल एस को 11 सीटें दी थी। इसके बाद उसने 384 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इसमें उसे 312 सीटों पर सफलता मिली थी। जबकि 13 सीटों में उसके सहयोगी दल चुनाव जीते थें। लेकिन इस चुनाव में भाजपा के सुहेलदेव समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) से मतभेद हो गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi)  ने राजभर को मंत्रिमंडल से बर्खाश्त कर दिया। इस बार राजभर अखिलेश यादव के साथ हैं। जबकि उनकी जगह निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद भाजपा के साथ है।

निषाद पार्टी (Nishad Party) ने अभी तक 10 और अपना दल (एस) ने 9 प्रत्याशियों का ऐलान किया है। इन 19 सीटों में से 12 सीटें ऐसी हैं, जहां मौजूदा विधायक भाजपा के हैं यानि दर्जनभर विधायकों की सीटें अबतक सहयोगी दलों के खाते में जा चुकी हैं।

पिछले विधानसभा चुनाव में इन सीटों पर भाजपा की जीत 

पिछले विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो कायमगंज, घाटमपुर, मऊरानीपुर, बिंदकी, बारा, चायल, नानपारा, बछरावां की सीटें भाजपा ने जीती थी। जो इस बार अपना दल (एस) के पास हैं। जबकि कांग्रेस से भाजपा में आने वाली नानपारा सीट से भाजपा की माधुरी वर्मा अब सपा के पाले में हैं जबकि मेंहदावल, सुल्तानपुर सदर (जयसिंहपुर), चौरी-चौरा और कालपी की सीटों पर निषाद पार्टी प्रत्याशी घोषित कर चुकी है।

इसी तरह सैदपुर के विधायक सुभाष पासी कुछ दिनों पहले भाजपा में शामिल होकर चुनाव लडने की तैयारी कर रहे थें। लेकिन यह सीट भाजपा ने निषाद पार्टी को दे दी है। अब वो सैदपुर से ही निषाद पार्टी के उम्मीदवार हैं। मऊरानीपुर सीट से अपना दल की टिकट पाने वाली रश्मि आर्या सपा से भाजपा में शामिल हुई थीं। फिर अपना दल में गईं और टिकट पा गईं।

मेंहदावल विधानसभा से राकेश सिंह बघेल भाजपा का टिकट कटा 

इसके अलावा पूर्वांचल की एक और महत्वपूर्ण संतकबीर नगर (Sant Kabir Nagar) जिले की मेंहदावल विधानसभा से राकेश सिंह बघेल भाजपा का टिकट कट गया है और अब इस बार भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी ने अब अनिल कुमार त्रिपाठी को अपना प्रत्याशी बनाया है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि सहयोगी दल अभी भी भाजपा पर कुछ और सीटों को लेने का दबाव बना रहे हैं । फाजिलनगर, कुशीनगर, हाटा, रामकोला और खड्डा विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं। जहां अपना दल (एस) का सांगठनिक ढांचा बेहद मजबूत है। भाजपा की मजबूरी है कि वह सहयोगी दलों की हर बात मानने को तैयार है। क्योंकि यह छोटे दल पूर्वांचल में काफी मजबूती से चुनाव लड रहे हैं और इनकी ताकत भी काफी हैं।

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