UP Election 2022: हमारे वोट से समाज की समृद्धि और लोकतंत्र को मजबूती मिलती है

UP Election 2022: सामाजिक कार्यकर्ता पी वी राजगोपाल ने इस बैठक में कहा कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है।

Newstrack :  Network
Published By :  Shraddha
Update: 2021-11-19 13:33 GMT

 उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा (डिजाइन फोटो - सोशल मीडिया)

UP Election 2022: चुनाव लोकतंत्र (Election Democracy) की महत्वपूर्ण परम्परा है, जिसे निभाना हम सबका अधिकार भी है और फर्ज़ भी। इसमें हमारी भूमिका तब और भी महत्वपूर्ण हो जाती है जब चुनाव के दौरान बढ़ रहे धनबल और बाहुबल को रोक पाना बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है। लेकिन जागरूकता के जरिये निष्पक्ष चुनाव को भी सम्पन्न किया जा सकता है।

ये बातें एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म (Association for Democratic Reform) और यूपी इलेक्शन वाच (UP Election Watch) के राज्य संयोजक संतोष श्रीवास्तव (State Convenor Santosh Srivastava) ने विभिन्न जनपदों से आए सामाजिक कार्यकर्ताओं के लखनऊ में आयोजित बैठक में कहीं। उन्होंने कहा कि आजकल सबसे ज्यादा जरूरत हमारे समाज को जागरूक करने की है, जिससे हम अपने जनप्रतिनिधियों से सवाल पूछ सकें। जब तक हम सवाल पूछना नहीं शुरू करेंगे तब तक हम अपने जनप्रतिनिधियों के आगे बेवकूफ बनते रहेंगे।

सामाजिक कार्यकर्ता पी वी राजगोपाल (फाइल फोटो - सोशल मीडिया)

गांधीवादी, सामाजिक कार्यकर्ता पी वी राजगोपाल (Social Activist PV Rajagopal) ने इस बैठक में कहा कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) नजदीक आ रहा है।ऐसे में लोगों को जगाने का समय आ गया है। लोगों को यह बताना होगा कि धर्म आधारित, जाति आधारित, धनबल और बाहुबल आधारित चुनाव जो होता है, उसे हमें मुक्त रहना होगा। तभी हम देश का सही से संचालन कर पाएंगे।

उन्होंने कहा कि हर वार्ड में हर पंचायत में लोगों को यह तय करना होगा कि हमें डेमोक्रेसी को ही सबसे ऊपर लाना होगा। हमें गांव-गांव में यह सन्देश देना चाहिए कि धर्म और जाति से उठ कर देश के बारे में सोचा जाए। उन्होंने कहा कि इस देश के संविधान में बराबरी की बात कही गई है। इस हिसाब से तो सबके पास बराबर ज़मीन और बराबर समृद्धि होनी चाहिए थी । लेकिन जब उस हिसाब से सबके पास बराबर जमीन नहीं है, सबको बराबर समृद्धि नहीं मिली है ।लेकिन सबको वोट देने का अधिकार बराबरी से मिला है।

वोट देने में मिली बराबरी के अधिकार को समझने की ज़रूरत है। वोट की ताकत को पहचानने की ज़रूरत है। इसलिए चुनावी घोषणा पत्र को हमको ध्यान से पढ़कर आगामी पांच सालों में आप क्या करेंगे इसको सोच समझकर हम लोगों को वोट देना चाहिए और जारूर देना चाहिए.

सामाजिक कार्यकर्ता मृतुन्जय राय ने इस मौके पर कहा कि हम सब का यह कर्तव्य बनता है कि हम लोग अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करें कि वे अपने जनप्रतिनिधियों को पहचानें और धनबल व बाहुबल को आगे आने से कैसे रोक सकते हैं।

सामाजिक कार्यकर्त्ता आत्माराम ने जागरूकता को लोकतन्त्र का सबसे बड़ा हथियार वोट डालने का अधिकार हमें पांच साल में एक बार ही मिलता है। इसी अधिकार का सही प्रयोग हो जाता है तो इससे समाज भी समृद्ध होता है और लोकतंत्र को भी ताकत मिलती है।इस महत्वपूर्ण बैठक में विभिन्न जनपदों से आये लोगों ने आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए मतदाता जागरूकता कैसे बढ़ाई जा सकती है उस पर अपने विचार रखे।

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