UP Election 2022: यादव बेल्ट में ओबीसी राजनीति की परीक्षा
तीसरे चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पांच जिले - फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, कासगंज, हाथरस, अवध क्षेत्र के छह जिले-कानपुर, कानपुर देहात, औरैया, कन्नौज, इटावा, फर्रुखाबाद और बुंदेलखंड क्षेत्र के पांच जिले - झांसी, जालौन, ललितपुर, हमीरपुर और महोबा कवर हो रहे हैं।
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में रविवार 20 फरवरी को तीसरे चरण के मतदान में समाजवादी पार्टी के गढ़ माने जाने वाले 'यादव बेल्ट' में सभी दलों की ओबीसी राजनीति की कड़ी परीक्षा होगी। बुंदेलखंड से अवध क्षेत्र तक के 16 जिलों में फैले 59 विधानसभा क्षेत्रों में 20 फरवरी को मतदान होगा लेकिज सबसे ज्यादा रोचक मुकाबला मैनपुरी में करहल होगा, जहां सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव चुनाव मैदान में हैं और अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
तीसरे चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पांच जिले - फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, कासगंज, हाथरस, अवध क्षेत्र के छह जिले - कानपुर, कानपुर देहात, औरैया, कन्नौज, इटावा, फर्रुखाबाद और बुंदेलखंड क्षेत्र के पांच जिले - झांसी, जालौन, ललितपुर, हमीरपुर और महोबा कवर हो रहे हैं।
मुलायम का गढ़
मैनपुरी, इटावा, फिरोजाबाद, कासगंज, एटा, फर्रुखाबाद, कन्नौज और औरैया – ये आठ जिले मुलायम सिंह यादव के परिवार के गढ़ माने जाते थे। इन जिलों की सीटों पर यादवों की काफी आबादी है और समाजवादी पार्टी ने पिछले कुछ वर्षों में समुदाय के समर्थन का बड़ा हिस्सा हासिल करके वोट बैंक पर अपनी पकड़ बना ली थी।
लेकिन 2017 में समीकरण बदल गए। 2017 में उत्तर प्रदेश में सपा को सिर्फ 47 सीटें ही मिल सकीं। यादव बेल्ट की 29 सीटों में से बीजेपी ने 23 पर जीत हासिल की, जबकि सपा को केवल छह सीटें मिलीं। इसके विपरीत 2012 में, सपा ने इस क्षेत्र में 25 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा ने इस क्षेत्र में सिर्फ एक सीट जीती थी। इस बार अखिलेश यादव तीसरे चरण में समीकरण बदलने की भूमिका निभाने के लिए मैदान में उतरे हैं। उनके चाचा शिवपाल यादव भी इटावा के जसवंतनगर से चुनाव लड़ रहे हैं जहाँ कल मतदान होगा।
2017 में करहल उन चंद सीटों में शुमार थी जिसपर समाजवादी पार्टी ने अपना कब्जा बरकरार रखा था। करहल सीट पर 2007 से सोबरन सिंह यादव पर कब्जा रहा है। अखिलेश को यहां बीजेपी की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी ने केंद्रीय कानून एवं व्यवस्था राज्य मंत्री और आगरा सांसद एसपी सिंह बघेल को मैदान में उतारा है, जिससे लड़ाई दिलचस्प हो गई है। बघेल फले कभी सपाई थे और मुलायम सिंह यादव के सुरक्षा गार्ड रह चुके हैं।
जहां से शिवपाल सिंह यादव चुनाव लड़ रहे हैं, वह जसवंतनगर सीट है। मुलायम सिंह यादव ने 1985 से 1993 तक लगातार चार बार और शिवपाल यादव 1996 से 2017 तक लगातार पांच बार यहाँ से चुने गए हैं।
कुल 59 सीटें
तीसरे चरण में होने वाले कुल 59 सीटों में से सपा ने 2012 के विधानसभा चुनावों में 37 पर जीत हासिल की थी। 2017 में, भाजपा ने इनमें से 49 जीती जबकि सपा को केवल नौ पर संतोष करना पड़ा। कांग्रेस को एक और बहुजन समाज पार्टी को एक सीट मिली। बुंदेलखंड में बीजेपी ने सभी 19 सीटों पर जीत हासिल की थी। बुंदेलखंड में, झांसी, जालौन, ललितपुर, हमीरपुर और महोबा जिले की 13 सीटों पर 20 फरवरी को तीसरे चरण में मतदान होगा, जबकि छत्रकूट और बांदा जिले की छह सीटों पर चौथे चरण में 23 फरवरी को मतदान होगा।