UP Election 2022: बिधूना सीट पर होगा बाप-बेटी का मुकाबला, खास होगी रिश्तेदारों की जंग

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बिधूना विधानसभा सीट पर खास मुकाबला देखने को मिलेगा, क्योंकि इस सीट पर सपा की तरफ से विनय शाक्य तो भाजपा की तरफ से रिया शाक्य चुनाव लड़ेंगी। दोनों रिश्ते में सगे बाप-बेटी हैं।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Shreya
Update: 2022-01-22 08:08 GMT

विनय शाक्य-रिया शाक्य (फोटो साभार- ट्विटर) 

UP Election 2022: पॉलिटिक्स में न कोई दोस्त और न कोई दुश्मन। बस, किसी तरह पोलिटिकल पावर चाहिए, जिसके लिए भले ही एक ही परिवार के सदस्यों को अलग अलग पार्टियों का दामन थामना पड़े। ऐसे उदाहरण तमाम हैं और इस लिस्ट में जुड़ गया है एक बाप-बेटी का नाम, जो एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में कूद पड़े हैं। ये हैं बिधूना विधानसभा सीट (Bidhuna Assembly Seat) से मौजूदा विधायक विनय शाक्य (Vinay Shakya) और उनकी बेटी रिया शाक्य (Riya Shakya)।

विनय शाक्य विधायक तो बने थे भाजपा के टिकट पर लेकिन इस चुनाव में पाला बदल कर सपा में चले गए हैं। भाजपा ने उनके खिलाफ उन्हीं की बेटी को उतार दिया है। अब मुकाबला दिलचस्प हो गया है, क्योंकि अब यहां भाजपा-सपा के नाम से टक्कर नहीं, बल्कि बाप-बेटी में ही टक्कर होगी। 

बिधूना सीट पर विनय शाक्य कर चुके हैं कई बार कब्जा

2007 और 2012 में बिधूना विधानसभा सीट (Bidhuna Vidhan Sabha Seat) सपा के पास थीं। लेकिन 2017 के चुनाव में तीनों सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की। बिधूना विधानसभा सीट से भाजपा के विनय शाक्य चुनाव जीते थे, उन्होंने सपा ने दिनेश कुमार वर्मा को लगभग 4000 वोटों हराया था। ये विधानसभा सीट इसलिए भी काफी चर्चित क्योंकि इस विधानसभा क्षेत्र में समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता का मायका है। 2012 में सपा ने साधना गुप्ता के भाई प्रमोद कुमार को उतारा था। उन्होंने बसपा के देवेश कुमार के खिलाफ जीत दर्ज की थी। 

स्वामी प्रसाद मौर्य के करीबी होने की वजह से विनय शाक्य को 2002 में बसपा ने बिधूना से चुनाव लड़ाया गया था। इसमें विनय शाक्य ने शानदार जीत दर्ज की थी। इसके साथ ही 2009 में विनय शाक्य को एमएलसी बनाया गया था। एमएलसी रहते हुए 2012 में विनय शाक्य के भाई ने देवेश शाक्य ने बिधूना सीट से चुनाव लड़े। लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में विनय शाक्य भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और विधानसभा पहुंचे। 

मुलायम सिंह यादव के साढ़ू प्रमोद गुप्ता अब भाजपा का हिस्सा हो गए हैं। प्रमोद गुप्ता ने 2007 में सपा से टिकट न मिलने पर नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव निर्दलीय लड़ा और जीता था। नगर पंचायत अध्यक्षी का कार्यकाल पूरा होने के बाद विधानसभा चुनाव में सपा ने उन्हें अपना चेहरा बनाया था। प्रमोद यहां से जीते भी। यहां उन्होंने बसपा के टिकट पर लड़े देवेश शाक्य (विनय शाक्य के छोटे भाई) को हराया था। इस बार सपा से प्रमोद को टिकट नहीं मिल सका था। इसके पीछे कहीं न कहीं मुलायम सिंह यादव के परिवार में हुआ घमासान वजह रहा।

अब तक के विधायक

2017 – विनय शाक्य (भाजपा)

2012 – प्रमोद कुमार (सपा)

2007 – धनीराम वर्मा (सपा)

2002 – विनय शाक्य (बसपा)

1996 – धनी राम वर्मा (सपा)

1993 – धनी राम वर्मा (सपा)

बिधूना में कुल मतदाता हैं 355,368, जिसमें 195584 पुरुष और 160964 महिलाएं हैं। पिछली बार यहां 61.45 फीसदी मतदान हुआ था। 

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