UP Election 2022: नाहिद हसन की उम्मीदवारी पर अखिलेश की मुसीबतें बढ़ीं, सपा की मान्यता खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी
UP Election 2022: यूपी की कैराना विधानसभा सीट से नाहिद हसन को उम्मीदवार बनाए जाने पर सपा के मुखिया अखिलेश यादव की मुसीबतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की गई है।
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की कैराना विधानसभा सीट (Kairana Assembly Seat) से नाहिद हसन (Nahid Hasan) को उम्मीदवार बनाए जाने पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की मुसीबतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक अर्जी दाखिल की गई है जिसमें समाजवादी पार्टी की मान्यता खत्म करने की मांग की गई है।
सुप्रीम कोर्ट में यह अर्जी वरिष्ठ अधिवक्ता अश्वनी उपाध्याय (Ashwani Upadhyay) की ओर से दाखिल की गई है। अर्जी में सपा पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश की अवहेलना करने का आरोप लगाया गया है और इसके लिए पार्टी की मान्यता (SP Ki Manyata) खत्म करने की मांग की गई है। हालांकि अब सपा की ओर से नाहिद हसन की जगह उनकी बहन (Nahid Hasan Sister) को टिकट दे दिया गया है।
क्रिमिनल रिकॉर्ड की जानकारी नहीं दी
सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल करने के बाद अधिवक्ता अश्वनी उपाध्याय ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि सपा की ओर से पहले नाहिद हसन को कैराना विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया। पार्टी ने एक गैंगस्टर को चुनाव मैदान में उतार दिया। उम्मीदवार के क्रिमिनल रिकॉर्ड के बारे में पार्टी के ट्विटर अकाउंट (SP Twitter Account) और वेबसाइट पर भी कोई जानकारी नहीं दी गई।
इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया पर भी नाहिद हसन के क्रिमिनल रिकॉर्ड (Nahid Hasan Criminal Record) के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की गई। सुप्रीम कोर्ट में दायर अर्जी में कहा गया है कि सपा अध्यक्ष की ओर से सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना की गई है। अर्जी में मांग की गई है कि वह चुनाव आयोग (Election Commission) को इस मामले में याचिका दाखिल करने का निर्देश जारी करे।
सपा ने नाहिद की बहन को उतारा
समाजवादी पार्टी की ओर से नाहिद हसन को पहले कैराना विधानसभा सीट से पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया गया था मगर यूपी पुलिस की ओर से उन्हें गिरफ्तार किए जाने के बाद समाजवादी पार्टी ने नाहिद हसन का टिकट काट दिया है। अब नाहिद के स्थान पर उनकी बहन इकरा को चुनाव मैदान में उतारने की घोषणा की गई है।
मुकदमों की जानकारी देना सुनिश्चित करें
अश्वनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी अर्जी में यह भी मांग की है कि चुनाव आयोग को यह निर्देश दिया जाए कि वह इस बात को सुनिश्चित करे कि सभी राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों के खिलाफ दर्ज मुकदमों के बारे में पूरी जानकारी दें। इसके साथ ही उन्हें यह भी जानकारी मतदाताओं को देनी चाहिए कि अपराधी होने के बावजूद राजनीतिक दल की ओर से उन्हें चुनाव मैदान में क्यों उतारा गया है।
उत्तर प्रदेश की कैराना विधानसभा सीट पर सपा और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद जताई जा रही है। 2017 के विधानसभा चुनाव में सीट पर नाहिद हसन ने जीत हासिल की थी। सपा ने अपनी पहली सूची में उन्हें इस बार भी उम्मीदवार बताने की बनाने की घोषणा की थी। हालांकि बाद में उनकी गिरफ्तारी के बाद पार्टी ने उम्मीदवार बदलने की घोषणा की थी।
भाजपा ने इस विधानसभा सीट पर मृगांका सिंह (Mriganka Singh) को उम्मीदवार बनाया है। नाहिद हसन की उम्मीदवारी के बाद भाजपा ने भी सपा पर तीखा हमला बोला था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) का कहना था कि सपा की पहली सूची (SP Candidate List 2022 UP) से ही साफ हो गया है कि वह प्रदेश में एक बार फिर गुंडाराज लाने की तैयारी में है। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है और इसे लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव की मुसीबतें बढ़ती दिख रही हैं।
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