UP Election Results 2022: बुंदेलखंड में फिर सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरी BJP, सपा और बसपा दोनों को काफी पीछे छोड़ा
UP Election Results 2022: मतगणना के रुझानों से स्पष्ट हो गया है कि भाजपा ने बुंदेलखंड (Bundelkhand Seats) पर एक बार फिर अपनी पकड़ बरकरार रखी है।
UP Election Results 2022: प्रदेश में विधानसभा चुनावों के रुझान से स्पष्ट हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) एक बार फिर बुंदेलखंड (Bundelkhand) में सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरती दिख रही है। 2017 के विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2017) में भाजपा ने बुंदेलखंड की सभी 19 सीटों पर जीत हासिल की थी और इस बार की मतगणना में पार्टी ही 16 सीटों पर आगे चल रही है। सपा (Samajwadi Party) सिर्फ 2 सीटों पर आगे है जबकि बुंदेलखंड में बड़ी ताकत मानी जाने वाली बसपा (BSP) सिर्फ एक सीट पर ही आगे चल रही है। मतगणना के रुझानों से स्पष्ट हो गया है कि भाजपा ने बुंदेलखंड (Bundelkhand Seats) पर एक बार फिर अपनी पकड़ बरकरार रखी है।
अपना गढ़ बचाने में कामयाब रही भाजपा
बुंदेलखंड में भाजपा का विजय रथ रोकने के लिए इस बार समाजवादी पार्टी (SP), बहुजन समाज पार्टी (BSP) और कांग्रेस (Congress) तीनों ने पूरी ताकत लगाई थी मगर इसका कोई ज्यादा असर पड़ता नहीं दिख रहा है। भाजपा एक बार फिर बुंदेलखंड में सबसे बड़ी ताकत बनकर उभर रही है। बुंदेलखंड की 16 सीटों पर भाजपा गठबंधन के प्रत्याशी बढ़त बनाए हुए हैं और सपा बसपा क्रमशः सिर्फ दो और एक सीट पर ही आगे हैं।
बुंदेलखंड में अपनी पकड़ को बनाए रखने के लिए भाजपा की ओर से भी काफी मेहनत की गई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह (Swatantra Dev Singh) ने बुंदेलखंड के इलाके में सघन प्रचार किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भी एक बार फिर बुंदेलखंड के लोगों से आशीर्वाद देने की अपील की थी। ताजा रुझानों से स्पष्ट हो गया है कि भाजपा अपना यह गढ़ बचाए रखने में कामयाब रही है।
2017 में भाजपा ने जीती थीं सभी सीटें
बुंदेलखंड के 7 जिलों की 19 सीटों पर 2017 के चुनाव में भाजपा ने कमाल का प्रदर्शन किया था। पार्टी ने बुंदेलखंड पर अपनी मजबूत पकड़ साबित करते हुए सभी सीटों पर जीत हासिल की थी। दूसरे किसी भी दल का यहां पर खाता तक नहीं खुला था।
हालांकि उससे पहले 2012 के चुनाव में बसपा ने बुंदेलखंड में अच्छा प्रदर्शन किया था। सात सीटों पर जीत हासिल करके बसपा नंबर एक पार्टी बनी थी मगर 2017 के चुनाव में बसपा का सूपड़ा साफ हो गया था। ऐसे में भाजपा और बसपा दोनों के लिए इस बार की सियासी जंग काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही थी।
सपा और कांग्रेस की उम्मीदों को झटका
बुंदेलखंड में भाजपा के गढ़ को ध्वस्त करने के लिए इस बार समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भी काफी मेहनत की थी। सपा को इस बार बुंदेलखंड से काफी उम्मीदें थी मगर रुझानों में यह उम्मीद पूरी होती नहीं दिख रहे हैं। 2012 में सपा को बुंदेलखंड में 5 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। प्रियंका (Priyanka Gandhi) की अगुवाई में कांग्रेस भी यहां इस बार खाता खोलने के लिए बेचैन थी। 2012 के चुनाव में कांग्रेस यहां पर तीन सीटें जीतने में कामयाब हुई थी मगर 2017 के चुनाव में कांग्रेस का खाता नहीं खुल सका था। 2022 के चुनाव में भी कांग्रेस का यहां खाता खुलने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है।
जातीय समीकरण साधने में भाजपा कामयाब
बुंदेलखंड में ओबीसी मतदाताओं (OBC Voters In Bundelkhand) की संख्या सबसे ज्यादा 43 फ़ीसदी है। 27 फ़ीसदी सामान्य और 21 फ़ीसदी एससी मतदाता भी चुनाव में बड़ी भूमिका निभाएंगे। अल्पसंख्यक मतदाता कम होने की वजह से सपा की उम्मीद आठ फ़ीसदी यादव मतदाताओं पर टिकी हुई थी। सभी दलों की ओर से जातीय समीकरण साधने की कोशिश की गई थी मगर माना जा रहा है कि भाजपा ओबीसी मतदाताओं के साथ ही सामान्य और एससी मतदाताओं को भी साधने में काफी हद तक कामयाब रही है। इसी के परिणामस्वरूप पार्टी को बुंदेलखंड में बड़ी सफलता मिलती दिख रही है।
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