UP Ka Mausam: बारिश लाई यूपी में बाढ़, लोगों की बढ़ी मुसीबत, घुटनों तक भरा पानी

UP Ka Mausam: उत्तर प्रदेश में विभिन्न इलाके में पिछले दिनों से लगातार मूसलाधार और रिमझिम बारिश हो रही है।

Newstrack :  Network
Published By :  Divyanshu Rao
Update:2021-08-07 14:57 IST
पुलिस कॉलोनी में भरा पानी गांव में नदी का जलस्तर बढ़ा (डिजाइन फोटो:न्यूज़ट्रैक)

UP Ka Mausam: उत्तर प्रदेश में विभिन्न इलाके में पिछले दिनों से लगातार मूसलाधार और रिमझिम बारिश हो रही है। इस मानसूनी भारी बारिश ने कुछ जिलों का में जीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। कुछ जिलों में मूसलाधार बारिश होने से लोगों के घरों में बारिश का पानी घुस गया है। भारी बारिश होने से झांसी में भारी बारिश से पुलिस कॉलोनी में बारिश का पानी भर गया। वहीं यूपी के एक और जिले फर्रुखाबाद में बारिश होने से बाढ़ आ गई है। जिससे बाढ़ से तराई क्षेत्र में हालात दिनों दिन खराब होते जा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के झांसी में मानसून की पहली बरसात ने ही लोगों का जीना दूभर कर दिया है। यहां लगातार हुई बारिश से पुलिस कॉलोनी में पानी भर गया है और लोगों का निकलना तक मुश्किल हो गया। कॉलोनी के रास्ते पर घुटनों तक पानी भर जाने से स्थानीय नागिरकों के सामने आवागमन की समस्या उत्पन्न हो गयी है। यही नहीं, पेयजल योजना के तहत पाइप डालने से क्रॉस नाला बंद कर दिया जिससे नाले का पानी आवासों में घुस गया।

पुलिस कॉलोनी में भरा पानी


पुलिस कॉलोनी में रहने वाले परिवार के सदस्य बीमार हो रहे हैं

इससे कालोनी में रहने वाले पुलिस कर्मी व घर के सदस्य बीमार हो गए हैं। इसकी सूचना ननि को दी तो उसने समस्या का निदान करने से स्पष्ट मना कर दिया। कहा कि खाकी का ठेका ननि नहीं लिया है। खुद नाली सफाई करवाए। इसको लेकर खाकी में काफी आक्रोश व्याप्त है।

नवाबाद और महिला थाने के सामने पुलिस कालोनी बनी हुई है। इस कालोनी में दर्जनों परिवार निवास करते हैं। इसी कालोनी के बगल से सड़क किनारे पेयजल योजना की पाइप लाइन डाली जा रही है। इस योजना के तहत कालोनी के ठीक सामने से पाइल डालकर नाला बंद कर दिया। नाले में आने वाला पानी पुलिस कालोनी के आवासों में घुस रहा है। इससे वहां रह रहे लोगों को बदबू का सामना करना पड़ रहा है।

सफाई के दावे बेमानी, मोहल्लों में भरा पानी

पिछले दो दिन से रुक रुक कर हो रही बारिश से शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के निचले इलाकों में स्थिति नारकीय हो गईहै। ननि प्रशासन के नालों की सफाई के दावे की पोल खोल दी। नालों का गंदा पानी सड़कों पर पसर गया। इस कारण लोगों को आवागमन में भारी दुश्वारियां का सामना करना पड़ा। शहर के अधिकांश मोहल्लो में बरसात का पानी लग जाने के कारण लोगों को घर से निकलना मुश्किल हो गया है। पुलिस लाइन में रहने वाले पुलिसकर्मियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कालोनी में रहने वाले लोगों को अगर कुछ सामान लेना है तो गंदी पानी से होकर जाना पड़ रहा है।

फर्रुखाबाद बाढ़ से तराई क्षेत्र में हालात खराब हुए

उत्तर प्रदेश के एक और जिले फर्रुखाबाद में बाढ़ से तराई क्षेत्र में हालात दिनों दिन खराब होते जा रहे है। गंगा का जलस्तर स्थिर होने के बाद भी तटवर्ती गांव के बाशिदों की दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। तटवर्ती गांव में बाढ़ का पानी भरा होने से लोग नाव के सहारे आवागमन कर रहे हैं। कई गांव के ग्रामीण बाढ़ के पानी से निकलने को मजबूर हैं।

बारिश में प्राथमिक विद्यालय जलमग्न

रामगंगा की धार से कटान होने से ग्रामीण भयभीत

रामगंगा की धार से कटान होने से ग्रामीण भयभीत हैं। बाढ़ पीड़ितों की दुश्वारियां बढ़ती जा रही हैं। पीड़ितों के आंसू नहीं थम रहे हैं। उन्हें तसल्ली देने वाला कोई नहीं है। देखते ही देखते फसलें जहां बाढ़ की चपेट में चली गईं तो वहीं कई लोगों के घर भी नदी में समा गए। ऐसे में पीड़ित रोड किनारे डेरा डालने को मजबूर हुए हैं। उनके सामने सबसे बड़ी दिक्कत भरण पोषण की है।

फर्रुखाबाद में गंगा खतरे के निशान के करीब 25 सेमी नीचे बह रही है

फर्रुखाबाद में गंगा खतरे के निशान के करीब 25 सेमी नीचे 136.85 मीटर पर गंगा का जलस्तर स्थिर है। आज सुबह गंगा में नरौरा बांध से 81 हजार क्यूसेक, बिजनौर से 1 लाख 6 हजार 689 क्यूसेक , हरिद्वार से 93 हजार 244 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

नदी के बढ़ते जल स्तर ने बढ़ाई ग्रामीणों की मुसीबत

खोह हरेली रामनगर से रामगंगा में 7533 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। हरसिंहपुर कायस्थ, जोगराजपुर व आशा की मड़ैया के ग्रामीण कई दिनों से बाढ़ का पानी भरा होने से परेशान हैं। गांव में बाढ़ का पानी भरने से भूसा भीगकर सड़ गया है। जिससे ग्रामीणों को मवेशियों के चारे की समस्या हो गई है।


गांवों में भरा बाढ़ का पानी


बाढ़ से किसान हो रहे परेशान

बाढ़ का पानी घरों में भरा होने से किसान परेशान हैं। कटरी तौफीक में पानी भरा होने से लोगों को दिक्कत हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि अब पानी कुछ कम हुआ है। लेकिन मुसीबते कम नहीं हुई है बाढ़ पीड़ितों के आवागमन के लिए तहसील क्षेत्र के गांव में 11 नावें तहसील प्रशासन ने उपलब्ध कराईं हैं लेकिन नाविक नहीं दिए हैं। इससे ग्रामीण नाव चलाने वाला कोई आ जाए इसके इंतजार में खड़े रहते हैं।

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