UP Mafia: सत्ता के रसूख में पनपते हैं माफिया, विधायक बन पार्टियों के दम पर तैयार कर लिया साम्राज्य, नई सूची में बड़े नाम

UP Mafia New List: उत्तर प्रदेश में माफियाओं की नई सूची जारी हुई है। इसमें कुछ नाम ऐसे हैं कि राजनीतिक पार्टियों से जुड़े हैं तो कुछ विधायक भी रह चुके हैं। इससे तय है कि माफिया सत्ता की सरंक्षण में अपना रसूख कायम कर रहे हैं।

Update:2023-04-18 21:12 IST
Mafia (Image: Social Media)

UP Mafia New List: उत्तर प्रदेश सरकार प्रयागराज में माफिया अतीक और अशरफ की हत्या के बाद फुल ऑन एक्शन मोड पर है। यूपी सरकार ने फिर प्रदेश के 25 माफियाओं की एक सूची जारी की है। इसमें राजनीतिक पार्टियों के बड़े नेता से लेकर विधायक तक शामिल है। इन नेताओं ने सत्ता के बल पर अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया है। आर्थिक रूप से जड़ इतनी मजबूत कर लिया है कि कानून के लिए इनके जड़ें उखाड़ फेकना चुनौती बन गया है। इनमें कुछ नाम माफियाओं की सूची में पहले से थे तो कुछ और नए शामिल हुए हैं। इनमें से कई माफिया किसी न किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़े हैं। हाजी इकबाल, याकूब कुरैशी और मुख्तार अंसारी ने बसपा पार्टी के संरक्षण में पनपना शुरू किया। वहीं, बृजेश सिंह का भी भाजपा से पुराना नाता रहा।

बृजेश सिंह और उनके परिवार का 4 बार से सत्ता पर कब्जा

बृजेश सिंह उत्तर प्रदेश की 17वीं विधान सभा के सदस्य हैं। वाराणसी की एमएलसी सीट पर बृजेश और उनका परिवार पिछले 4 बार से जीत रहा है। दो बार बृजेश के बड़े भाई उदयनाथ सिंह, उसके बाद बृजेश की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह और उसके बाद मार्च 2016 में ख़ुद बृजेश वाराणसी से एमएलसी बनकार राज्य की विधानसभा में दख़िल हुए। मालूम हो कि 2016 में दिए गए अपने चुनावी शपथपत्र के अनुसार उन पर अब भी 11 मुक़दमे चल रहे हैं। अगस्त, 2022 में माफिया बृजेश सिंह को जेल से रिहा किया गया।

पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल पर दुष्कर्म समेत 35 मामले

बहुजन समाजवादी पार्टी से सहारनपुर एमएलसी रहे हाजी इकबाल उर्फ बाला पर 35 से अधिक मामले दर्ज हैं। इनके अलावा चार पुत्रों पर भी दुष्कर्म, लूट, रंगदारी और आपराधिक मामले दर्ज हैं। हाजी इकबाल पर पुलिस ने एक लाख तक इनाम रखा था। पश्चिम में हाजी इकबाल ने अपने कार्यकाल के दौरान अपना भौकाल बनाने के साथ साथ आर्थिक रूप से खूब मजबूत कर लिया। वहीं, बसपा से ही विधायक रहे याकूब कुरैशी ने सत्ता की हनक पर खूब जलवा कायम किया। अब जेल की हवा काटनी पड़ रही है।

माफिया बाहुबली मुख्तार अंसारी ने कायम किया रसूख

उत्तर प्रदेश के माफियाओं की सूची में सबसे ऊपर सुमार मुख्तार अंसारी 12 साल से जेल में बंद है। मुख्तार ने अपना सियासी और माफिया बनने का करियर वर्ष 1996 से शुरू हुआ। रॉबिनहुड के नाम से बुलाए जाने वाले मुख्तार अंसारी पांच बार का विधायक है। पहले बसपा फिर निर्दलीय और फिर कौमी एकता दल से अपना रसूख कायम किया। साल 2005 में मुख्तार अंसारी जेल में बंद है। इसी दौरान बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की उनके 5 साथियों सहित सरेआम गोलीमार हत्या कर दी गई। मुख्तार पर 50 से अब मुकदमों की संख्या 10 हो गई है।

माफियाओं की जारी की गई सूची

लखनऊ जोन: खान मुबारक, अजय प्रताप सिंह उर्फ अजय सिपाही, संजय सिंह सिंघाला, अतुल वर्मा, सहीम उर्फ कासिम

प्रयागराज जोन: डब्बू सिंह उर्फ प्रदीप सिंह, सुधाकर सिंह, गुड्डू सिंह, अनूप सिंह

वाराणसी जोन: मुख्तार अंसारी, त्रिभुवन सिंह उर्फ पवन सिंह, विजय मिश्रा, ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू सिंह, अखंड प्रताप सिंह, रमेश सिंह उर्फ काका

मेरठ जोन: उधम सिंह, योगेश भदोड़ा, बदन सिंह उर्फ बद्दो, हाजी याकूब कुरैशी, शारिक, सुनील राठी, धर्मेंद्र, यशपाल तोमर, अमर पाल उर्फ कालू, अनुज बारखा, विक्रांत उर्फ विक्की, हाजी इकबाल उर्फ बाला, विनोद शर्मा, सुशील उर्फ मूंछ, संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा व विनय त्यागी उर्फ टिंकू

आगरा जोन: अनिल चौधरी व ऋषि कुमार शर्मा

बरेली जोन: एजाज, कानपुर जोन के अनुपम दुबे

गोरखपुर जोन: संजीव द्विवेदी उर्फ रामू द्विवेदी, राकेश यादव, सुधीर कुमार सिंह, विनोद कुमार उपाध्याय, राजन तिवारी, रिजवान जहीर, देवेन्द्र सिंह

गौतमबुद्धनगर: सुंदर भाटी, सिंहराज भाटी, अमित कसाना, अनिल भाटी, रणदीप भाटी, मनोज उर्फ आसे, अनिल दुजाना

कानपुर जोन: सऊद अख्तर, कमिश्नरेट लखनऊ के लल्लू यादव, बच्चू यादव व जुगनू वालिया उर्फ हरिवंदर सिंह।

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