UP Politics: अखिलेश यादव ने दी सभी सपा उम्मीदवारों को बधाई, बोले- भाजपा ने जीतने के लिए हर तरह के षड्यंत्र किए

UP Nikay Chunav 2023: सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा ने चुनावों को प्रभावित करने के लिए मतदाता सूची से वोट कटवाने से लेकर, फर्जी वोट डलवाए, मतगणना धीमी कराई। शासन प्रशासन ने भाजपा एजेन्ट के तौर पर काम किया और समाजवादी पार्टी के जीते हुए प्रत्याशियों को हराने का काम किया।

Update: 2023-05-14 18:37 GMT
akhilesh yadav (Photo-Social Media)

UP Politics: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नगर निकाय चुनाव में भाजपा के खिलाफ लड़कर जीते सभी समाजवादी प्रत्याशियों को जीत पर हार्दिक बधाई दी है। उन्होंने कहा कि नगरों से थोड़ा बाहर आते ही हर हथकंड़े अपनाकर भी भाजपा बुरी तरह हारी है। चुनाव परिणाम समाजवादी पार्टी के पक्ष में और बेहतर आते यदि भाजपा सरकार ने छलकपट, सत्ताबल और धनबल का दुरूपयोग करते हुए धांधली न की होती।

भाजपा पर लगाए गंभीर आरोप

सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा ने चुनावों को प्रभावित करने के लिए मतदाता सूची से वोट कटवाने से लेकर, फर्जी वोट डलवाए, मतगणना धीमी कराई। शासन प्रशासन ने भाजपा एजेन्ट के तौर पर काम किया और समाजवादी पार्टी के जीते हुए प्रत्याशियों को हराने का काम किया। यह चुनाव भाजपा ने नहीं, प्रदेश की सरकार ने लड़ा। यह पूरी तरह से सरकार के प्रबंधन का चुनाव था। भाजपा ने अपने पक्ष में नतीजों के लिए हर तरह के षड्यंत्र किए गए। मुख्यमंत्री जी लोगों को गुमराह करने में सत्ता का दुरुपयोग करने में लगे रहे।

राज्य चुनाव आयोग की भूमिका संदिग्ध-अखिलेश

अखिलेश यादव ने कहा कि खेद की बात है कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव का दायित्व निभाने की जिम्मेदारी राज्य चुनाव आयोग की होते हुए भी उसकी भूमिका संदिग्ध बनी रही। समाजवादी पार्टी ने निकाय चुनाव के पहले चरण में हुई धांधलियों की शिकायत करते हुए दूसरे चरण के चुनावों में भयमुक्त वातावरण में मतदान के लिए पुख्ता इंतजाम करने की मांग की थी। मतगणना के समय विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए बल प्रयोग तक किया गया। लेकिन चुनाव आयोग मूकदर्शक बन गया।

फरेबी मतदान से जीती है भाजपा-अखिलेश यादव

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सच तो यह है कि नगर निकाय चुनावों में भाजपा फरेबी मतगणना से जीती है, मतदान से नहीं। भाजपा की यह तथाकथित चुनावी जीत लोकतंत्र के साथ छल, संविधान की शपथ की अवहेलना और जनमत का अपमान है। लोकतंत्र का इससे बड़ा उपहास हो ही नहीं सकता है। जनता के मतों की लूट और निकायों पर जबरन कब्जा भाजपा को बहुत मंहगा पड़ेगा। प्रदेश के लाखों लाख मतदाता अब सन् 2024 का इंतजार कर रहे हैं जब वे भाजपा को करारा सबक सिखाएंगे।

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