UP Paper Leak: पूर्ण बहुमत की योगी सरकार को भी होना पड़ा बैकफुट, जानें कारण

UP Paper Leak: पेपर लीक के मामले में बैठे बैठाए लोकसभा चुनाव में यूपी में सपा-कांग्रेस इंडिया गठबंधन को बड़ा मुद्दा मिला गया। लेकिन योगी सरकार ने इससे बचने के लिए एक रास्ता निकाल लिया।

Report :  Viren Singh
Update: 2024-02-24 11:19 GMT

UP Paper Leak: साल 2017-2022 में उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा पूर्ण बहुमत हासिल करते हुए योगी ने नेतृत्व में सरकारी बनाई। सरकार के बीते कार्यकाल के फैसलों पर नजर डालें तो अभी तक जो भी योगी सरकार ने निर्णय लिए हैं, उसमें सरकार अडिग रही। लेकिन हाल ही में प्रदेश में हुई दो प्रतियोगी परीक्षाओं पुलिस सिपाही भर्ती और समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी के पेपर लीक के मामले में पूर्ण बहुमत वाली योगी सरकार को काफी किरकिरी झेलनी पड़ रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह तक कह दिया है कि जो भी लोग पेपर लीक मामले में आरोपी सिद्ध किये जाते हैं, उनके घरों में बुलडोजर चलेगा। मुख्यमंत्री इस आदेश में मतलब साफ है कि उनकी सरकारी की काफी फजीहत हुई है। इस फजीहत का असर लोकसभा चुनाव में न पड़े, इसके लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया लिया है।

जानिए क्यों आई सरकार बैकफुट पर?

केंद्र की सत्ता का सत्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की सबसे अधिक 80 सीटें यहीं से हैं। प्रदेश में भाजपा की सरकार है। और यह सरकार लगातार बेरोजगारी, किसानों की आय दोगुनी जैसे विभिन्न मसलों पर विपक्षियों के निशाने पर रही है। ऐसे में पेपर लीक के मामले में बैठे बैठाए लोकसभा चुनाव में यूपी में सपा-कांग्रेस इंडिया गठबंधन को बड़ा मुद्दा मिला गया। अब इस मुद्दे के सहारे विरोधी दल योगी को चुनावी रैलियों के माध्यम से लोकसभा चुनाव में हानि पहुंचाने का काम करेंगे, लेकिन योगी सरकार ने इससे बचने के लिए एक रास्ता निकाल लिया और पुलिस सिपाही पेपर रद्द करते हुए दोबारा एग्जाम कराने की घोषणा की है।

ये परीक्षाएं हुई थी लीक, 

भर्ती परीक्षा पेपर लीक के बाद अभ्यर्थी बीते कई दिनों से अपने जिलों में आंदोलनरत रहे और सरकार से लगातार पेपर को दोबारा कराने की मांग करते रहे। इसके अलावा आरओ/एआरओ के अभ्यर्थी भी सरकार पेपर लीक पर दोबारा एग्जाम कराने की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार ने इन दोनो पेपर लीक के मामले अभ्यर्थियों को बात सुन ली है और पुलिस परीक्षा को रद्द करते हुए अगले 6 माह दोबार पेपर कराने की घोषणा की है। साथ ही, आरओ/एआरओ के भी पेपर लीक के मामले में शासन से जांच कराने के आदेश दिए हैं। यह घोषणा सरकार ने 24 फरवरी को किया।

परीक्षा से पहले पेपर वायरल

सिपाही भर्ती परीक्षा 17 व 18 फरवरी को दो-दो पालियों में आयोजित हुई। लेकिन परीक्षा शुरू होने से पहले सोशल मीडिया पर प्रश्न पत्र और उसके आंसर वायरल हो गए। जो प्रश्न पत्र पहले दिन पहली पाली में वायरल हुआ वह दूसरी पाली के प्रश्न पत्र से काफी मिलता जुलता था। वहीं, परीक्षा के आखिरी पाली का भी प्रश्न पत्र लीक होकर वायरल होने लगा, तब तक परीक्षा शुरू भी नहीं हुई थी। इसके बाद सिपाही भर्ती की सवालों के घेरे में आ गई और सरकार की किरकिरी होने लगी है।

युवाओं में गुस्सा

परीक्षा लीक के बाद युवाओं के बीच सरकार के प्रति गुस्सा बढ़ गया। प्रदेश के कई हिस्सों में पेपर लीक के आरोप लगाते हुए अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। आंच सीएम आवास तक पहुंच गई। अभ्यर्थी लगातार परीक्षा निरस्त की मांग करते हुए प्रदर्शन बढ़ा दिया है, जिसके बाद सरकार पर दबाव बढ़ गया।

चुनाव का डर

पेपर लीक लेकर मामले में अभ्यर्थी लगातार प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शन का समर्थन विपक्षी दलों के नेताओं का भी मिलने लगा और वह अपने अपने माध्यम से सरकार को घेरना शुरू कर दिया। सरकार को डर था कि कहीं लोकसभा चुनाव में यह मुद्दा न बन जाए और इसका खामियाजा न भुगतना पड़े तो इसको देखते हुए परीक्षा निरस्त करने का फैसला ले लिया।

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