कृषि कानून पर अड़ी सरकार: यूपी में ही किसानों का ऐसा हाल, बिचौलियों ने खोली पोल

विपक्ष कृषि कानून के खिलाफ अड़ गया और हरियाणा-पंजाब में किसानों के साथ अभी तक प्रदर्शन और आंदोलन किया गया। किसानों का भारत बंद, कांग्रेस की ट्रैक्टर रैली, राहुल गांधी-अमरिंदर सिंह का खुल कर विरोध देखने को मिला।

Update: 2020-10-15 06:56 GMT

पीलीभीत: एक तरह जहां भाजपा की सरकार ने मॉनसून सत्र के दौरान विपक्षी पार्टियों के विरोध के बाद भी संसद से कृषि संबंधी बिलों को पास करवाया। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून लागू कर किसानों की हितैषी बनने का दावा कर रही है तो वहीं भाजपा शासित प्रदेश में ही किसानों के शोषण की पोल खुलती नजर आई। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से एक ऐसा ही वीडियो सामने आया है, जो किसानों की दयनीय स्थिति, बिचौलियों की ठगी का पूरा भंडाफोड़ करता है।

संसद में विपक्षी विरोध के बाद कृषि कानून पर अड़ी रही सरकार

दरअसल, इस साल जब मॉनसून सत्र शुरू हुआ तो सदन में मोदी सरकार की ओर से कृषि सम्बन्धी तीन बिलों को पेश किया गया। इन बिलों का विपक्षी दलों ने विरोध गया। सदन में जमकर हंगामा हुआ। लेकिन लोकसभा और फिर राज्यसभा से बिल पास करा लिया गया। हालाँकि विपक्ष कृषि कानून के खिलाफ अड़ गया और हरियाणा-पंजाब में किसानों के साथ अभी तक प्रदर्शन और आंदोलन किया गया। किसानों का भारत बंद, कांग्रेस की ट्रैक्टर रैली, राहुल गांधी-अमरिंदर सिंह का खुल कर विरोध देखने को मिला।

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एक ओर राहुल गाँधी ने एलान किया कि उनकी सरकार केंद्र में आने के बाद कृषि कानून को उखाड़ फेंकेंगे तो पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने एलान किया कि विशेष सत्र में इस कानून के खिलाफ एक नया कानून लाया जायेगा।

एनडीए के अंदर किसान बिल पर भूचाल

कृषि कानून को लेकर भाजपा को सिर्फ विपक्षियों का ही नहीं अपने सहयोगी दल का भी विरोध झेलना पड़ा। एनडीए की सबसे पुरानी समर्थक पार्टी अकाली दल बगावती हो गयी। एनडीए के अंदर ही भूचाल आ गया। कृषि कानून पर विरोधाभास होने लगा। जिस दिन बिल पास होना था, अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल जो मोदी कैबिनेट में मंत्री थीं, ने बिल के विरोध में सरकार से इस्तीफा दे दिया। आकाली दल ने अपने सालों पुराने रिश्तों को भाजपा से तोड़ अलग राह चुन ली।

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पीलीभीत में किसानों को ठग रहे बिचौलिए

इन सब के बीच जब मोदी सरकार किसानों की भलाई का दावा कर रही है तो भाजपा शासित प्रदेश यूपी के पीलीभीत से किसानों से जुड़ा एक ताजा मामला सामने आया। दरअसल, पीलीभीत के जिलाधिकारी पुलकित खरे मंडी पहुंचे, तो वहां 1 हजार से लेकर 1200 तक धान बेचने को मजबूर किसानों और अव्यवस्थाओं को देखकर उनका पारा चढ़ गया। बिचौलिए कैसे किसानों को ठग कर सस्ते में धान ख़रीद लेते हैं, इसकी पोल डीएम के सामने खुल गयी।

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भड़के डीएम पुलित खरे ने की कार्रवाई

नाराज DM ने डिप्टी ARMO को जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने कहा कि मेरे लिए किसान सबसे पहले हैं, अगर मुझे यहां रोज आना पड़ा तो भी आऊंगा। बाद में उन्होंने मामल में कार्रवाई करते हुए चार सेंटर प्रभारियों को निलंबित कर दिया। वहीं धान खरीद की व्यवस्था की मॉनिटरिंग के लिए एक अतिरिक्त एसडीएम को जिम्मेदारी सीपी।

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