Ambedkar Nagar News: छात्रा का दुपट्टा खींचने वाले लफंगों ने असलहा छीनकर की भागने की कोशिश, पुलिस ने मारी दी गोली

Ambedkar Nagar News: अंबेडकर नगर में छेड़छाड़ से परेशान छात्रा की मौत के बाद मनचलों ने पुलिस गिरफ्त से भागने की कोशिश की। इस दौरान उन्होंने पुलिसकर्मियों की बंदूक छीनने की भी कोशिश की जिसके बाद दो आरोपियों को पुलिस ने गोली मार दी।

Update: 2023-09-17 08:01 GMT
लफंगो के पैर में पुलिस ने मारी गोली ( सोशल मीडिया)

Ambedkar Nagar News: उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर में मनचलों की करतूत से परेशान इंटरमीडिएट की छात्रा की शुक्रवार को मौत के बाद गिरफ्तार तीनों आरोपियों ने पुलिस गिरफ्त से भागने की कोशिश की। आरोपियों ने इस दौरान पुलिसकर्मियों की बंदूक भी छीनने की कोशिश की जिसके बाद जवानों ने उन्हें गोली मार दी। पुलिस एनकाउंटर में आरोपी शाहबाज और फैसल के पैर में गोली लगी है जबकि तीसरे आरोपी का भागते समय गिरने से पैर टूट गया है।

बतादें कि यूपी के अंबेडकरनगर में शुक्रवार को स्कूल से लौटते समय कुछ मनचले युवकों ने छात्रा से छेड़खानी करते हुए उसका दुपट्टा खींच लिया था। इससे छात्रा साइकिल से सड़क पर गिर गई और बाइक उस पर चढ़ गई थी जिससे मौके पर ही छात्रा की मौत हो गई थी। इस घटना से छात्रा के माता-पिता सदमे में हैं। मृतक लड़की के पिता ने बताया कि उनकी बेटी बायोलॉजी की छात्र थी, पढ़ाई में बेहद अच्छी थी और डॉक्टर बनना चाहती थी। पिता सभाजीत वर्मा ने बताया कि पुलिस से मौखिक तौर पर एक हफ्ते पहले इन मनचलों की हरकतों को लेकर शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने कोई सुध नहीं ली, अगर उस समय कार्रवाई हुई होती तो आज उनकी बेटी जिंदा होती। बता दें कि छात्रा की मौत के बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।

जानिए क्या बताया मृतक की दोस्त ने?

लड़की अपने दोस्तों के साथ स्कूल से वापस घर आ रही थी। मृतक छात्रा की दोस्त ने रोते हुए बताया कि शाहबाज, फैसल और एक अन्य लड़का पीछा कर रहे थे। वो पहले भी ऐसा ही करते थे। शुक्रवार को सीधा दुप्पटा खींच लिया जिसकी वजह से वह साइकिल से गिर गई, पीछे से फैसल ने उसके ऊपर बाइक चला दी। जब तक मैं पहुंचीं उसके मुंह से खून आ रहा था, वह कुछ नहीं बोल पाई, अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया। मृतक छात्रा के पिता ने बताया कि उसकी मां का देहांत 8 साल पहले हो चुका था, पढ़ाई के साथ-साथ उनकी बेटी घर के भी काम करती थी। पिता ने कहा कि बेटी को इसलिए पढ़ाने भेजा था कि वो बुढ़ापे का सहारा बनेगी, अब न बेटी बची और न पत्नी। 

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