UP Politics: मायावती के वोट बैंक पर कांग्रेस की नजर, आज से कांग्रेस की दो दिवसीय 'दलित स्वाभिमान यात्रा' शुरू
UP Politics: कांग्रेस आज से शुरू होने वाली दलित स्वाभिमान यात्रा को पूरे प्रदेश में करेगी। इस दौरान कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता दलितों के घर-घर जाकर मिलेंगे और उन्हें रिझाने का प्रयास करेंगे।
UP Politics: उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों में गहमागहमी तेज हो गयी है। जीतने के लिए सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी पार्टी को दिशा निर्देश देकर रणनीति तैयार करने में जुट गये हैं। इस कड़ी में भला कांग्रेस पीछे कैसा रहता। कांग्रेस पार्टी आज (3 अगस्त) से दलित को साधने की कवायद शुरू करने के साथ पूरे प्रदेश में दलित स्वाभियान यात्रा की भी तैयारी शुरू करने जा रही है।
बता दें कि अगले साल के शुरुआती महीने में होने वाले उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को लेकर बिसात बिछनी शुरू हो गई है। ऐसे में राजनीतिक पार्टियों ने अपना दमखम दिखाना शुरू कर दिया है। यूपी में इस बार बीजेपी को घेरने के लिए मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी जहां पूरी तरह से जातीय समीकरण बैठाने में लगा है तो वहीं बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस भी इसमें पीछे नहीं है। बीएसपी जहां ब्राह्मणों को रिझाने के लिए प्रदेशभर में प्रबुद्ध सम्मेलन का आयोजन कर रही है तो वहीं कांग्रेस पार्टी आज (3 अगस्त) से दलित को साधने की कवायद शुरू करने जा रही है। कांग्रेस पार्टी आज से पूरे प्रदेश में दलित स्वाभियान यात्रा की शुरू करने जा रही है।
दलितों को रिझाने की कोशिश
यूपी में वैसे तो सभी पार्टियां जातीय कार्ड खेल रही हैं, उसी क्रम में आज (मंगलवार) से कांग्रेस दो दिन के लिए दलित स्वाभिमान यात्रा निकालने का फैसला किया है। कांग्रेस पार्टी 2022 के चुनाव में दलित और ओबीसी पर अपना फोकस कर रही है। बीएसपी को जहां अपने दलित वोटरों पर साथ रहने का भरोसा है तो वहीं कांग्रेस पार्टी उन्हें रिझाने में लग गई है। बीएसपी ब्राह्मणों को अपने पाले में लाने की कोशिशों में लगी है तो कांग्रेस उसके वोट बैंक में सेंधमारी के प्रयास में है।
घर-घर जाकर करेंगे जागरुक
कांग्रेस की आज से शुरू होने वाली दलित स्वाभिमान यात्रा को पूरे प्रदेश में करेगी। इस दौरान कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता दलितों के घर-घर जाकर मिलेंगे और उनको कांग्रेस पार्टी द्वारा उनके लिए पिछले समय में क्या-क्या काम किए हैं उसके बारे में बताएंगे। साथ ही उनको हक और अधिकार के लिए भी जागरुक करने का भी काम करेंगे।
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता आशोक सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के दौरान पिछले सारे 4 सालों में क्या-क्या काम किए हैं और किन-किन गंभीर मुद्दों को उठाकर सरकार को चेताकर उसके खिलाफ आवाज उठाई है। चाहे वह नौजवान के रोजगार की बात हो या फिर महंगाई से लेकर, बिजली, पानी, सड़क और विकास का मुद्दा। इन सभी चीजों से हम अपने दलित भाइयों को अवगत कराएंगे। अशोक सिंह ने कहा कि पार्टी की ओर से राज्य सरकार को अगले 10 दिनों में दलित उत्पीड़न रोकने के लिए ठोस कदम उठाने को लेकर अल्टीमेटम दिया जाएगा।
बीएसपी ने बदली अपनी रणनीति
2022 के चुनाव के लिए बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है, मायावती ये पहले ही एलान कर चुकी हैं कि वह 2022 का विधानसभा चुनाव अकेले दम पर लड़ेंगी। करीब 9 साल से यूपी की सत्ता से दूर रहने वाली यूपी की पूर्व सीएम मायावती की बहुजन समाज पार्टी को भगवान राम के बाद अब श्रीकृष्ण की याद सताने लगी है।
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मायावती की पार्टी यूपी में इन दिनों ब्राह्मण सम्मेलन कर रही है। इस सम्मेलन के पहले चरण के आयोजन की शुरुआत जहां भगवान राम की नगरी अयोध्या से की गई थी तो वहीं दूसरे चरण का आगाज भगवान कृष्ण की नगरी वृंदावन से हुआ। कान्हा की नगरी वृन्दावन से दूसरे चरण के ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन एक अगस्त से हुआ। मायावती के इस कदम को 2007 में अपनाए गए सोशल इंजीनियरिंग के उनके फॉर्मूले को दोहराने के तौर पर देखा जा सकता है। इसके साथ ही यह भी तय हो गया है कि यूपी में कुछ महीने बाद होने वाले अगले विधानसभा चुनाव में भी भगवान और धर्म व जातियों को फोकस करके ही वोट मांगे जाएंगे।