1600 मेगावाट महंगी बिजली सरेंडर कर सकता है यूपी पावर कार्पोरेशन
उप्र. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने कहा यूपी सरकार से अन्य राज्यों की तरह यूपी में भी समीक्षा कर महंगी बिजली सरेंडर करने की मांग की है।
लखनऊ। उप्र. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने कहा यूपी सरकार से अन्य राज्यों की तरह यूपी में भी समीक्षा कर महंगी बिजली सरेंडर करने की मांग की है। उपभोक्ता परिषद का कहना है कि उत्तर प्रदेश में आज सरकारी व निजी क्षेत्र के अनेको पावर हाउस से महंगी बिजली खरीद जारी है, सरकार इस पर जनहित में निर्णय ले।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने मंगलवार को कहा कि ओडिसा, राजस्थान, हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, मेघालय मध्यप्रदेश, दिल्ली, त्रिपुरा तथा सिक्किम समेत कई राज्यों ने अपनी महंगी बिजली सरेंडर करने का प्रस्ताव केंद्रीय ऊर्जा मंत्रायलय को दिया है और कई राज्यों ने सरेंडर कर भी दिया है लेकिन उत्तर प्रदेश आज भी महंगी बिजली को सरेंडर नहीं कर पाया है।
ये भी पढ़ें- केरल और पंजाब के बाद ममता सरकार भी लाएगी CAA के खिलाफ प्रस्ताव
उन्होंने बताया कि उपभोक्ता परिषद ने एक रिपोर्ट तैयार की है जिसके मुताबिक यूपी पावर कार्पोरेशन भी लगभग 1600 मेगावाट महंगी बिजली सरेंडर कर सकता है। जिसमे एनटीपीसी की लगभग 800 मेगावाट और की निजी घरानो की लगभग 800 मेगावाट बिजली है।
सरेंडर करने के बाद सस्ती बिजली पावर एक्सचेंज व अन्य माध्यमों से खरीद की जा सकती है जिसका लाभ प्रदेश की जनता को मिल सकता है।
ये भी पढ़ें-योगी सरकार में दिखने लगी है अयोध्या में निवेश को लेकर तेजी
उन्होंने कहा उपभोक्ता परिषद् जल्द ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौपेगी। उन्होंने कहा कि नियामक आयोग भी इस बात पर बार-बार चिंता जता रहा है की उत्पादन इकाइयो की फिक्स्ड कॉस्ट का मौजूदा 4797 करोड़ रुपये का बड़ा भार जनता पर पड़ रहा है, जो 2023-24 में रुपया 10750 करोड़ रुपये के ऊपर होगा।