यूपी में रात भर बिजली गुल: कर्मचारियों का आंदोलन हुआ तेज, बिगड़ सकते हैं हालात

समिति संयोजक ने कहा है कि पहली बार ऐसा हुआ है जब ऊर्जा मंत्री के साथ समझौते की पूरी सहमति बन जाने के बाद हस्ताक्षर करने से चेयरमैन ने मना कर दिया।

Update: 2020-10-06 03:59 GMT

मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ। यूपी के पूर्वाचंल विद्युत वितरण निगम लि. के निजीकरण समेत अन्य मुद्दो को लेकर आंदोलन कर रही यूपी विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति और यूपी पावर कार्पोरेशन प्रबंधन की को ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की मौजूदगी में देर शाम तक चली वार्ता के विफल होने के बाद अब संघर्ष समिति ने अपने आंदोलन की धार को और तेज करने की तैयारी कर ली है। समिति ने मंगलवार सुबह आंदोलनरत सभी बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं को पत्र जारी कर कार्यबहिष्कार जारी रखने, अनिश्चितकालीन हड़ताल और जेल भरो आंदोलन के लिए तैयार रहने को कहा है।

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति का आंदोलन तेज

संघर्ष समिति द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि 05 अक्टूबर को ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की मौजूदगी में कार्पोरेशन प्रबंधन के साथ अपराहन 3ः00 बजे से रात्रि 8ः30 बजे तक चली वार्ता के बाद सहमति के बिंदु तय हो गए। समझौते के अनुसार ऊर्जा मंत्री ने स्पष्ट आश्वासन दिया कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के या किसी अन्य निगम के विघटन के निजी करण का प्रस्ताव वापस लिया जाता है और प्रदेश में कहीं भी ऊर्जा क्षेत्र में कोई निजीकरण नहीं किया जाएगा। विद्युत वितरण कंपनियों की वर्तमान व्यवस्था में ही बिजली कर्मचारियों को विश्वास में लेकर सुधार के कार्यक्रम चलाए जाएंगे।

नाराज संघर्ष समिति ने किया अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान

उन्होंने लिखा है कि समझौते का पूरा प्रारूप तैयार हो गया था, जिसे ऊर्जा मंत्री ने पढ़ा और अंतिम रूप से इस पर उन्होंने अपनी स्वीकृति भ्ज्ञी दी और पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन को समझौते पर हस्ताक्षर करने का निर्देश दिया और चले गए। लगभग 01 घंटे तक इंतजार करने के बाद बार-बार आग्रह करने पर पावर कारपोरेशन के चेयरमैन कमेटी रूम में आए और उन्होंने स्पष्ट कह दिया कि वे समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे। समिति ने उससे पूछा तो क्या माना जाए वार्ता विफल हो गई उन्होंने कहा वार्ता विफल हो गई।

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जेल भरो आंदोलन की तैयारी शुरू

समिति संयोजक ने कहा है कि पहली बार ऐसा हुआ है जब ऊर्जा मंत्री के साथ समझौते की पूरी सहमति बन जाने के बाद समझौते का पूरा ड्राफ्ट बन जाने के बाद हस्ताक्षर करने से चेयरमैन ने मना कर दिया। उन्होंने इसे पावर कारपोरेशन के चेयरमैन व प्रबंधन की हठवादिता बताते हुए कहा कि इससे ऊर्जा क्षेत्र में टकराव और अधिक बढ़ गया है।

जारी रहेगा कार्य बहिष्कार आंदोलन

समिति संयोजक दुबे ने आवाहन किया है कि निजीकरण के विरोध में चल रहे संघर्ष में अपनी एकता बनाए रखते हुए कार्य बहिष्कार आंदोलन जारी रहेगा और यदि किसी भी स्थान पर किसी भी बिजली कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया किया गया या उत्पीड़न किया गया तो उसी समय अनिश्चितकालीन हड़ताल प्रारंभ होगी और सामूहिक जेल भरो आंदोलन भी शुरू किया जायेगा।

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