कार्यशाला का आयोजन: शिक्षा मंत्री ने कहा- शिक्षकों का अहित नहीं चाहती सरकार

शिक्षा मंत्री सतीश चन्द्र ने बेसिक शिक्षा के वर्तमान फंड का जिक्र करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे प्रदेश में सबसे अधिक क्षेत्र 76000 करोड़ों रुपए का बजट में प्रावधान किया गया है, जो अपने आप में बहुत ही अतुलनीय है।

Update: 2021-02-10 12:46 GMT
कार्यशाला का आयोजन: शिक्षा मंत्री ने कहा- शिक्षकों का अहित नहीं चाहती सरकार

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी में आज उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के द्वारा शिक्षक भवन रिसालदार पार्क में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चन्द्र द्विवेदी ने किया। कार्यशाला में उत्तर प्रदेश के 75 जनपदों के अध्यक्ष मंत्री व 822 विकास खंडों के अध्यक्ष मंत्रियों ने प्रतिभाग किया।

कोविड केयर फंड

बता दें कि शिक्षा मंत्री ने सर्वप्रथम स्वर्गीय ओम प्रकाश शर्मा को श्रद्धा सुमन अर्पित किए, साथ ही उन्हें विश्वकोश (Encyclopedia) की उपाधि दी। शिक्षा मंत्री कोविड केयर फंड का जिक्र करते हुए शिक्षकों का धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षकों ने लगभग 73 करोड़ 56 लाख रूपये का योगदान दिया है जो उत्तर प्रदेश में किसी भी विभाग द्वारा नहीं दिया गया है।

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शिक्षकों की प्रशंसा

मंत्री ने बेसिक शिक्षा के वर्तमान फंड का जिक्र करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे प्रदेश में सबसे अधिक क्षेत्र 76000 करोड़ों रुपए का बजट में प्रावधान किया गया है, जो अपने आप में बहुत ही अतुलनीय है। शिक्षकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि कोरोना योद्धा के रूप में शिक्षकों का योगदान अविस्मरणीय है और मेरा सीना शिक्षकों के कार्य को देखकर 56 इंच का चौड़ा हो गया है।

शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं का जिक्र

इससे पहले संगठन के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर दिनेश चंद्र शर्मा द्वारा शिक्षकों द्वारा किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला और शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं का जिक्र करते हुए शिक्षा मंत्री के सामने रखा। शिक्षकों का ACR लिखने का मुद्दा मंत्री के समक्ष रखा गया और निवेदन किया कि जब शिक्षकों को कोई धन ही नहीं मिला है जब कायाकल्प का बजट ग्राम पंचायत को गया है तो ऐसी स्थिति में शिक्षकों को प्रताड़ित करना अनुचित है।

शिक्षकों का विकल्प फोन या लैपटॉप नहीं

शिक्षा मंत्री सतीश चन्द्र द्विवेदी ने कहा कि शिक्षकों का चरित्र पंजिका का मूल्यांकन केवल अपने विभागों से प्राप्त धन व कार्यों के आधार पर ही किया जाएगा। दूसरे विभागों को भी दिए गए धन के द्वारा अपने शिक्षकों का मूल्यांकन नहीं होगा। मंत्री ने आगे कहा कि शिक्षकों का विकल्प फोन या लैपटॉप नहीं हो सकता। यह केवल चार डस्टर जैसी सामग्री है। यह केवल संकट समय में ही उपयोग अर्थ सामग्री है लेकिन आवश्यकतानुसार इसका भी प्रयोग किया जाए।

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शिक्षकों का अहित नहीं चाहती सरकार

शिक्षा मंत्री ने संगठन को यह भी विश्वास दिलाया कि सरकार सभी शिक्षकों का अहित नहीं चाहती है। नगरीय और ग्रामीण का डर अब खत्म होने जा रहा है। शीघ्र ही इस संबंध में सरकार निर्णय लेने जा रहे हैं कार्यशाला के इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री संजय सिंह, कोषाध्यक्ष शिव शंकर पांडे, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राधे रमण त्रिपाठी, संयुक्त मंत्री सुरेंद्र यादव सहित उत्तर प्रदेश के सभी मंडलों के मांडलिक मंत्री प्रदेश कार्य समिति के समस्त पदाधिकारी जनपदों के अध्यक्ष मंत्री व विकास खंडों के अध्यक्ष मंत्री उपस्थित रहें।

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