UP Roadways Bus Strike: रोडवेज बसों की हड़ताल का आज दूसरा दिन, चरमरायी परिवहन व्यवस्था, प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अड़े

UP Roadways Bus Strike: परिवहन कर्मी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। हड़ताल की वजह से लखनऊ से दिल्ली, गोरखपुर, बहराइच, सहारनपुर, मेरठ समेत तकरीबन सभी रूटों पर बसों का संचालन बंद है।

Update: 2023-04-14 13:35 GMT
UP Roadways Bus Strike (Photo: Newstrack.com)

UP Roadways Bus Strike: यूपी में रोडवेज बसों की हड़ताल चल रही है। स्ट्राइक का आज यानी शुक्रवार को दूसरा दिन है। एसी के साथ-नॉन एसी बसों का संचालन भी ठप है। परिवहन कर्मी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। हड़ताल की वजह से लखनऊ से दिल्ली, गोरखपुर, बहराइच, सहारनपुर, मेरठ समेत तकरीबन सभी रूटों पर बसों का संचालन बंद है।

ऐसे में अगर आप यूपी से हैं और आज कहीं निकलने की योजना बना रहे हैं तो एकबार बस की उपलब्धता के बारे में जरूर जानकारी प्राप्त कर लें। जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को एसी बसों के तकरीबन दो हजार से अधिक टिकट कैंसिल हुए हैं। एक दिन पहल यानी गुरूवार को हड़ताल में केवल नॉन एसी बस के ड्राइवर और कंडक्टर शामिल थे, लेकिन शुक्रवार इसमें एसी बसों के ड्राइवर और कंडक्टर भी शामिल हो गए।

हड़ताल से करीब 1 हजार बसें प्रभावित

परिवहन कर्मियों के हड़ताल के कारण प्रदेश में करीब 1 हजार बसों का संचालन प्रभावित हुआ है। शुक्रवार सुबह बस पकड़ने के लिए यात्री जब राजधानी लखनऊ के चार बस डिपो चारबाग, आलमबाग, कैसरबाग और अवध बस स्टेशन पहुंचे तो उन्हें निराशा हाथ लगी। वहां कोई बस उपलब्ध ही नहीं थी। जिसके बाद कुछ यात्री वापस लौट आए तो कुछ ने साधारण बसों से यात्रा की। जानकारी के मुताबिक, हड़ताल पर गए कर्मचारियों से परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बातचीत भी की लेकिन निष्कर्ष कुछ नहीं निकल पाया। जिसके कारण हड़ताल जारी है।

हड़ताल पर गए कर्मियों की क्या है मांग ?

हड़ताल पर गए रोडवेज बसों के ड्राइवर और कंडक्टर कई कारणों से नाराज हैं। वह सबसे पहले परिवहन विभाग रीजनल मैनेजर मनोज पुंडीर को हटाने की मांग कर रहे हैं। उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी भी कर रहे हैं। उनका साफ कहना है कि जब तक पुंडीर हटेंगे नहीं बसों का संचालन नहीं होगा।

प्रदर्शन कर रहे कर्माचरियों का आरोप है कि किसी भी बस अड्डे पर 20 मिनट से अधिक समय तक गाड़ी खड़ी नहीं होने दी जा रही है, जिसके कारण सवारी नहीं मिलती। बस में 50 से कम यात्री सवार होने पर जिम्मेदारी ड्राइवर और कंडक्टर के मत्थे मढ़ दी जाती है। छोटी-छोटी गलतियों पर भी कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया जाता है।

RM की ओर से आया ये बयान

प्रदर्शनकारियों के आरोपों का जवाब देते हुए RM मनोज पुंडीर ने कहा कि ड्राइवर लगातार 15 घंटे बस चलाने देने की अनुमति मांग रहे हैं। जबकि ऐसा करना खतरे से खाली नहीं है। इससे हादसे बढ़ सकते हैं। इसलिए उनकी ये मांग स्वीकार नहीं की जा सकती है। ड्राइवरों को आठ घंटे की ड्राइविंग के बाद आराम करने की सलाह दी गई है।

कुल मिलाकर परिवहन विभाग और हड़ताल पर गए कर्मचारियों के बीच फिलहाल गतिरोध टूटता नजर नहीं आ रहा है। बिजली कर्मचारियों के हड़ताल के बाद अब सरकार के सामने बस चालकों और कंडक्टरों के हड़ताल से निपटने की चुनौती है।

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