पर्यटन और धार्मिक पहचान का नया केंद्र बनेगा UP, ऑनलाइन एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली होगी तैयार

प्रदेश में इको एंड रूरल टूरिज्म (Eco and Rural Tourism) का गठन किया जाना चाहिए। इसी प्रकार, सभी 75 जिलों में पर्यटन एवं संस्कृति परिषद का गठन किया जाएगा।

Written By :  Shreedhar Agnihotri
Published By :  aman
Update: 2022-04-20 11:55 GMT

प्रतीकात्मक चित्र 

UP New Center Of Tourism and Religious Identity : पर्यटन और धार्मिक पहचान के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश अब देश में नया केंद्र बनेगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश दिवस की तर्ज पर जिला गांव और नगर के इतिहास के प्रमुख दिवस पर विशेष आयोजन कराए जाएंगे। साथ ही, धार्मिक स्थलों को नई पहचान देने के लिए ऑनलाइन (Online) एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली विकसित की जाएगी। प्रदेश में इको एंड रूरल टूरिज्म (Eco and Rural Tourism) का गठन किया जाना चाहिए। इसी प्रकार, सभी 75 जिलों में पर्यटन एवं संस्कृति परिषद (Tourism and Culture Council) का गठन किया जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने आज मंत्रिमंडल की बैठक में पर्यटन के  क्षेत्र में विकास के लिए कई घोषणाएं की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने इस आशय के कई निर्देश दिए

●  जन आकांक्षाओं के अनुरूप श्रीकाशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर निर्माण, अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण, अयोध्या दीपोत्सव, ब्रज रंगोत्सव, काशी की देव-दीपावली, विन्ध्य धाम कॉरिडोर, नैमिष तीर्थ, शुक तीर्थ पुनरुद्धार, मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा 100 साल बाद वापस प्रतिष्ठापित होना, सोरों-शूकर क्षेत्र विकास आदि प्रयास अद्भुत हैं। यह पूरे विश्व में नए भारत के नए उत्तर प्रदेश की पहचान बना देने वाले हैं।

● प्रदेश में चिन्हित 12 परिपथ के विकास के कार्यों को प्रतिबद्धता के साथ पूर्ण कराया जाए। रामायण परिपथ, बुद्धिस्ट परिपथ, आध्यात्मिक परिपथ, शक्तिपीठ परिपथ, कृष्ण एवं ब्रज परिपथ, बुंदेलखंड परिपथ, महाभारत परिपथ, सूफी परिपथ, क्राफ्ट परिपथ, स्वतंत्रता संग्राम परिपथ, जैन परिपथ एवं वाइल्ड लाइफ एंड इको टूरिज्म परिपथ उत्तर प्रदेश में पर्यटन को नई पहचान देंगे।

● आगामी 100 दिनों के भीतर श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के दृष्टिगत ऑनलाइन एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली का विकास किया जाना चाहिए। जिसमें मंदिरों का विवरण, इतिहास, रूट मैप आदि की जानकारी हो।

● प्रदेश की अद्वितीय सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित, संवर्धित एवं लोकप्रिय बनाते हुए राज्य को सांस्कृतिक गंतव्य के रूप में प्रतिष्ठित करने का हमारा प्रयास है।

● लोक कल्याण संकल्प के अनुरूप बुजुर्ग संतों, पुजारियों एवं पुरोहितों के कल्याण के लिए एक बोर्ड का गठन किया जाना है। तदनुरूप कार्यवाही की जाए।

● जनपद प्रयागराज, मथुरा, गोरखपुर एवं वाराणसी में 'भजन संध्या स्थल तैयार कराया जाए।

● श्रीअयोध्या धाम में जन्मभूमि पथ (सहादतगंज नया घाट मार्ग से सुग्रीव किला पथ श्रीरामजन्मभूमि तक 'जन्मभूमि पथ' तथा अयोध्या मुख्य मार्ग से हनुमानगढ़ी होते हुए श्रीरामजन्मभूमि तक 'भक्ति पथ' 04 लेन मार्ग के निर्माण कार्य यथाशीघ्र पूरा कराया जाएगा।

● क्षेत्रीय भाषाओं, बोलियों की समृद्धि-संरक्षण के लिए हम संकल्पित हैं। सूरदास ब्रजभाषा अकादमी, गोस्वामी तुलसीदास अवधी अकादमी, केशवदास बुंदेली अकादमी, संत कबीरदास भोजपुरी अकादमी की स्थापना करना उचित होगा। यह कार्य आगामी 100 दिनों में पूर्ण कर लिया जाए।

● श्रृंगवेरपुर में निषादराज गुह्य पर्यटन, लखनऊ में महाराजा बिजली पासी के किले पर लाइट एंड साउंड शो, बहराइच में महाराजा सुहेलदेव स्मारक निर्माण के कार्य तेजी के साथ पूर्ण कराए जाएं। यह पर्यटन के प्रमुख केंद्र के रूप में राष्ट्रीय मानचित्र पर अपना स्थान बनाएंगे।

● आगरा में छत्रपति शिवाजी महाराज स्मारक का विकास कराया जाना चाहिए। सीतामढ़ी स्थल भदोही का विकास किया जाना चाहिए।

● प्रदेश में इको एंड रूरल टूरिज्म का गठन किया जाना चाहिए। इसी प्रकार, सभी 75 जिलों में पर्यटन एवं संस्कृति परिषद का गठन किया जाए।

● मथुरा के बरसाना तथा प्रयागराज में झांसी से त्रिवेणी पुष्प तक रोपवे निर्माण कराया जाए। लखनऊ और प्रयागराज में हेली टूरिज्म की संभावनाओं का आकार दिया जाए।

● पर्यटक आवासों का संचालन पीपीपी मोड पर किया जाना श्रेयस्कर होगा। इसी प्रकार, आगरा और मथुरा के हेलीपोर्ट और आगरा स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज संग्रहालय का संचालन भी पीपीपी मोड पर किया जाना चाहिए। सिंचाई, पीडब्ल्यूडी, राजस्व और वन विभाग के अतिथि गृहों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाना चाहिए।

● 'एडॉप्ट ए हेरिटेज' नीति के तहत छतर मंजिल, दर्शन विलास कोठी लखनऊ, गोवर्धन की छतरियां, मथुरा, कर्मदेश्वर महादेव, काशी, चुनार किला, मिर्जापुर, बरुआ सागर झील किला में हेरिटेज मित्र का चयन किया जाए। एनसीसी, एनएसएस, युवक एवं महिला मंगल दल के माध्यम से 'पर्यटन मित्र' तैयार किए जाएं।

● जनपद बलरामपुर के इमिलिया कोडर में थारू जनजाति संस्कृति संग्रहालय को यथाशीघ्र पूर्ण कराया जाए। राजकीय अभिलेखागार लखनऊ में आजादी की गौरव गाथा पर आधारित वीथिका का निर्माण कराया जाए।

● संगीत नाटक अकादमी के स्टूडियो में कम्युनिटी रेडियो प्रारम्भ किया जाना चाहिए। इस कम्युनिटी रेडियो का नाम 'जयघोष' रखा जा सकता है।

● आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रदेश के 75 जनपदों के समृद्ध इतिहास से परिचय कराती 75 पुस्तकों का प्रकाशन कराया जाए। इसी प्रकार, राष्ट्रभक्ति पर आधारित 75 लघु फिल्मों का प्रदर्शन भी किया जाए।

● लखनऊ, सोनभद्र व लखीमपुर खीरी में जनजातीय संग्रहालय की स्थापना की कार्ययोजना तैयार कराएं। कन्नौज में बाल संग्रहालय की स्थापना पर विचार करें।

● रामायण परंपरा की 'कल्चरल मैपिंग' कराई जानी चाहिए। इसी प्रकार, राम वन गमन पथ पर रामायण वीथिकाओं का निर्माण कराने की कार्यवाही हो।

● हस्तिनापुर (मेरठ) व गोरखपुर में प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय के प्रयास हों। वाराणसी में संत रविदास संग्रहालय व सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना कराई जाए।

● सभी विश्वविद्यालयों में गौरव गैलरी की स्थापना कराया जाना चाहिए। रामसनेही घाट बाराबंकी में रामायण सांस्कृतिक केंद्र व शिल्पग्राम का विकास कराया जाना चाहिए।

● हैपिनेस इंडेक्स में सुधार के दृष्टिगत विभिन्न योग एवं आध्यात्मिक संस्थाओं से समन्वय कर कार्यशालाओं का आयोजन कराएं।

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