UP Vidhan Sabha: विधान सभा सदस्यों के परिजनों को भोजन पर बुलाएंगे महाना, स्कूली बच्चों को भी दिखाया जायेगा नजारा

UP Vidhan Sabha: विधान सभा की इस ऐतिहासिक इमारत में सभी को महत्वपूर्ण स्थानों पर ले जाया जाएगा। अठारहवीं विधान सभा के सत्र में विभिन्न स्कूलों के बच्चों को भी सत्र के दौरान बुलाया गया।

Written By :  Shreedhar Agnihotri
Update: 2022-06-01 11:34 GMT

UP Assembly Speaker Satish Mahana in a Press Conference (photo Credit: Ashutosh Tripathi Newstrack)

P Vidhan Sabha: आने वाले समय में विधान सभा के गाइडेड टूर (Vidhan Sabha Tour) कराये जायेंगे एवं विधान सभा को जनता के लिए खोला जाएगा। जनमानस को यह बताया जाएगा कि विधान सभा में समितियाँ किस प्रकार चलती हैं एवं समितियों का संचालन किस प्रकार होता है। विधान सभा की इस ऐतिहासिक इमारत में सभी को महत्वपूर्ण स्थानों पर ले जाया जाएगा। अठारहवीं विधान सभा के सत्र में विभिन्न स्कूलों के बच्चों को भी सत्र के दौरान बुलाया गया।

विधानसभा अध्यक्ष ने यह बताया कि हमारा यह प्रयास है कि उ0प्र0 की विधान सभा पूरे देश में विधायिका के लिए एक रोल मॉडल बने। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना (Satish Mahana) ने आज बताया कि आने वाले दिनों के लिए यह भी प्रस्तावित है कि सभी सदस्यों के परिवार के सदस्यों को विधान सभा में भोज पर आमंत्रित करके विधान सभा एवं विधान सभा की कार्यवाही के विषय में बताया जाएगा, जिससे कि उनको यह ज्ञात हो कि विधायिका किस प्रकार से अपनी कार्यवाही सम्पादित करती है। इसके साथ ही यह भी प्रस्तावित है कि आने वाले समय में जब सत्र संचालित नहीं होंगे तब विभिन्न स्कूलों के बच्चों को बुलाकर सदन के अन्दर सदन की कार्यवाही भी सम्पादित करायी जाएगी।

सभी दलीय नेताओं और सदस्यों ने सारगर्भित चर्चा में लिया भाग 

विधान सभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने आज कहा कि सभी दलीय नेताओं और सदस्यों ने सारगर्भित चर्चा में भाग लिया। उन्होंने बताया कि इस सत्र में कुल 6 महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए, जिसमें सभी सदस्यों ने विधेयकों के प्रस्तुतिकरण और विधि निर्माण में हिस्सा लिया। अध्यक्ष ने बताया कि सत्र में 8 (आठ) उपवेशन हुए। सदन की कार्यवाही 55 घण्टे 57 मिनट चली। अठारहवीं विधान सभा के प्रथम सत्र में सबसे अच्छी बात यह रही कि इसमें सदन बाधित नहीं हुआ।

उन्होंने बताया कि 8 (आठ) दिन के उपवेशन में अल्पसूचित प्रश्न 3, तारांकित प्रश्न 439, अतारांकित प्रश्न 1524 प्राप्त हुए। विधान सभा अध्यक्ष ने बताया कि जितने भी तारांकित प्रश्न प्रतिदिन लगाए गए थे, वह लगभग सभी ले लिये गये, जो कि अपने आप में एक रिकार्ड है। पिछली कई विधानसभाओं में 5-6 से ज्यादा प्रश्न नहीं लिये जा पाते थे।

इसी प्रकार नियम-51 एवं नियम-301 की सूचनाओं की संख्या भी इस सदन में बढ़ी हैं। नियम-301 के अन्तर्गत 489 सूचनायें प्राप्त हुई, जिनमें से 248 सूचनायें स्वीकार की गईं। सामान्य रूप से 15 सूचनायें ही स्वीकार की जाती थीं, परन्तु वर्तमान सत्र में इससे दोगुनी एवं उससे भी अधिक सूचनाओं को जनहित में स्वीकार किया गया। नियम-51 के अन्तर्गत 753 सूचनायें प्राप्त हुई, जिनमें से 330 सूचनायें स्वीकार की गईं एवं 301 सूचनाओं के सन्दर्भ में शासन का ध्यान आकर्षित किया गया। नियम-51 के अन्तर्गत स्वीकार होने वाली इन सूचनाओं की संख्या भी पूर्व की तुलना में बहुत अधिक है।

विधानसभा अध्यक्ष ने यह भी बताया कि कार्यस्थगन के नियम-56 के अन्तर्गत भी 36 सूचनायें प्राप्त हुईं, जिनमें से 3 सूचनायें ग्राह् की गईं एवं अन्य पर ध्यान आकर्षण किया गया।

बजट पर कुल 125 सदस्यों ने अपने विचार प्रकट किये

विधानसभा अध्यक्ष ने यह बताया कि इस सत्र में राज्यपाल अभिभाषण एवं बजट पर बोलने वाले सदस्यों की संख्या भी उल्लेखनीय है। बजट पर मुख्यमंत्री एवं संसदीय कार्यमंत्री सहित सत्ता पक्ष के कुल 76 सदस्यों एवं प्रतिपक्ष से 49 सदस्यों ने, अर्थात् कुल 125 सदस्यों ने अपने विचार प्रकट किये। इसी प्रकार राज्यपाल अभिभाषण पर सत्ता पक्ष के कुल 68 मा0 सदस्यों एवं प्रतिपक्ष से 50 सदस्यों ने, अर्थात् कुल 118 सदस्यों ने अपने विचार प्रकट किये। बजट भाषण पर सत्ता पक्ष की ओर से कुल 07 घंटा 41 मिनट एवं विपक्ष की ओर से कुल 6 घंटा 07 मिनट चर्चा की गई। अतः 243 सदस्यों द्वारा सदन को सम्बोधित किया गया, जो कि अपने आप में एक रिकार्ड है। सदन की कार्यवाही सामान्य रूप से 8ः00 बजे रात तक अथवा उससे आगे भी संचालित की गयी। सदन के युवा सदस्यों को भी बोलने का अधिक से अधिक अवसर दिया गया।

इस सत्र में ई-विधान की व्यवस्था प्रारम्भ की गयी। विधानसभा अध्यक्ष ने यह बताया कि आश्चर्यजनक रूप से लगभग सभी सदस्यों ने नई तकनीक का उपयोग किया एवं ई-विधान के माध्यम से ही विधान सभा में अपनी कार्यवाही सम्पादित की। उ0प्र0 विधान सभा में कार्यवाही पहली बार लगभग पेपरलेस रूप से संचालित हुई।

महाना ने बताया कि अठारहवीं विधानसभा के प्रथम सत्र की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि इसमें कोई स्थगन नहीं हुआ। सदन में व्यवधान भी लगभग नगण्य रहा। कई वर्षों बाद सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से सम्पादित हुई। प्रश्न प्रहर बिना किसी व्यवधान के सम्पन्न हुआ।

सत्र में कुछ नई परम्परायें भी प्रारम्भ की गईं

विधान सभा अध्यक्ष ने यह भी बताया कि सदन की उक्त उपलब्धियों के अतिरिक्त इस सत्र में कुछ नई परम्परायें भी प्रारम्भ की गईं, जैसे कि सत्र के दौरान जिन सदस्यों का जन्मदिन था, उनको सदन के अन्दर ही बधाई दी गयी। अठारहवीं विधान सभा में उल्लेखनीय संख्या में डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, प्रबन्ध तंत्र की शिक्षा ग्रहण किए हुए, कृषि एवं अन्य विधाओं के विभिन्न सदस्य निर्वाचित होकर आए हैं। इन सदस्यों को अलग-अलग समूहों में बैैठाकर उनको अलग से भोजन पर आमंत्रित करके उनसे विभिन्न विषयों पर चर्चा की गयी ताकि उनकी शिक्षा से विधान सभा को किस प्रकार से लाभान्वित किया जा सके। इस प्रकार की यह पहल देश में पहली बार की गयी है।

यह भी प्रस्तावित है कि विधान सभा के जो गलियारे हैं उनका पुनरोद्धार करके उन पर विधान सभा एवं उ0प्र0 के इतिहास को चित्रित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त विधान सभा के अन्दर एक ध्वनि एवं प्रकाश का इस प्रकार का कार्यक्रम कराया जाए, जिससे विधान सभा एवं विधान सभा से जुड़े हुए ऐतिहासिक तत्वों को डिजिटल ढंग से प्रदर्शित किया जा सके।

अध्यक्ष जी ने यह भी बताया कि विधान सभा के पुस्तकालय को ई-पुस्तकालय के रूप में विकसित किया जाएगा तथा पुस्तकालय की जो भी सामग्री है, वह डिजिटल रूप से सभी को उपलब्ध रहेगी।

पिछले कई वर्षों के पश्चात् सफलतापूर्वक अठारहवीं विधान सभा का बजट सत्र सम्पादित हुआ, जिसके बारे में पक्ष एवं विपक्ष के सभी सदस्यों ने संतोष प्रदर्शित किया है एवं सराहना की है।

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