बड़ी खबर: तीन करोड़ उपभोक्ताओं को मिलेगा करोड़ों रुपये ब्याज में

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने आयोग चेयरमैन के सामने यह मुद्दा उठाया कि विद्युत अधिनियम 2003 के प्राविधानानुसार पहली अप्रैल को बैंक दर के अनुसार प्रदेश के सभी 3 करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं को उनके अप्रैल, मई व जून के महीने में उनके बिजली बिल में सिक्योरिटी पर ब्याज मिलता है।

Update: 2020-06-05 13:55 GMT

लखनऊ: प्रदेश के 3 करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं को उनकी जमा सिक्योरिटी राशि पर बिजली कम्पनियो द्वारा ब्याज न दिए जाने को लेकर उप्र. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने राज्य विद्युत नियामक आयोग में जनहित प्रत्यावेदन दाखिल कर ब्याज दिए जाने की मांग की है। जिस पर नियामक आयोग के चेयरमैन ने कार्यवाही का भरोसा दिया है।

नियामक आयोग ने दिया जल्द कार्यवाही का भरोसा

प्रदेश की सभी बिजली कम्पनियों में पूरे राज्य के करीब तीन करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं को उनकी जमा सिक्योरिटी राशि पर विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 47;4(4) व विद्युत वितरण संहिता 2005 की धारा 4.20(i) के प्राविधानों के अनुसार पहली अप्रैल को लागू रिजर्व बैंक की दर पर ब्याज दिलाने को लेकर उप्र. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने शुक्रवार को ई-फाइलिंग के माध्यम से उत्तर प्रदेश बिद्युत नियामक आयोग चेयरमैन आरपी सिंह को एक लोकमहत्व जनहित प्रत्यावेदन भेजा और उनसे वार्ता की।

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बिजली उपभोक्ताओं को जमा सिक्योरिटी पर ब्याज न देने पर उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग में दाखिल किया जनहित प्रत्यावेदन

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने आयोग चेयरमैन के सामने यह मुद्दा उठाया कि विद्युत अधिनियम 2003 के प्राविधानानुसार पहली अप्रैल को बैंक दर के अनुसार प्रदेश के सभी 3 करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं को उनके अप्रैल, मई व जून के महीने में उनके बिजली बिल में सिक्योरिटी पर ब्याज मिलता है। वर्तमान में अप्रैल मई खत्म हो गया है, और जून का बिल जमा होना शरू हो गया लेकिन बिजली कंपनियों ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है और ब्याज नहीं दिया हैं।

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उन्होंने नियामक आयोग चेयरमैन से पावर कार्पोरेशन प्रबन्धन को विद्युत उपभोक्ताओं की जमा सिक्योरिटी राशि पर ब्याज दिये जाने के निर्देश देने की मांग की। वर्मा ने बताया कि मौजूदा समय में प्रदेश के 3 करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं को कुल जमा सिक्योरिटी लगभग 3578 करोड़ रुपये पर उनके बिलों में अनुमानित लगभग 4.65 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलना है जो लगभग 166 करोड रुपये होता है। उन्होंने कहा कि लॉक डाउन की वजह से इस बार ब्याज कम है।

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