बड़े आंदोलन की तैयारी में बिजली कर्मचारी, सीएम योगी से की ये मांग

संघर्ष समिति ने कहा है कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल-2020 वापस नहीं लिया जाता है तो समिति इसके विरोध में किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं को लामबन्द कर व्यापक जन आंदोलन करेगी।

Update:2020-05-07 20:23 IST

मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ। विद्युत् कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उप्र. ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि कोविड -19 महामारी संक्रमण के चलते इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल-2020 को वापस कराने के लिए वह केन्द्र सरकार से बात कर सार्थक पहल करें जिससे महामारी के दौरान बिजली आपूर्ति में लगे बिजली कर्मियों के मनोबल पर निजीकरण के इस बिल के चलते प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।

बिजली कर्मचारियों ने की इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल-2020 की वापसी की मांग

संघर्ष समिति ने कहा है कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल-2020 वापस नहीं लिया जाता है तो समिति इसके विरोध में किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं को लामबन्द कर व्यापक जन आंदोलन करेगी।

मुख्यमंत्री योगी से की अपील

संघर्ष समिति की गुरूवार को वीडिओ कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में कहा गया कि कोविड -19 महामारी संक्रमण के बीच जिस प्रकार केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल-2020 का मसौदा जारी कर इसे पारित कराने की कोशिश प्रारम्भ कर दी है। उससे बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं में भारी गुस्सा व्याप्त हो रहा है। संघर्ष समिति ने पॉवर कार्पोरेशन प्रबन्धन से मांग की है कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल- 2020 पर केंद्र व् राज्य सरकार को कोई कमेंट भेजने के पहले संघर्ष समिति से वार्ता कर कर्मचारियों का पक्ष भी सरकार को भेजे।

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बिल वापस न होने पर उपभोक्तओं व किसानों को लामबंद कर आंदोलन की चेतावनी

समिति ने कहा है कि जानकारी मिली है कि गुरूवार को पॉवर कार्पोरेशन प्रबन्धन ने इस बिल पर निदेशक मंडल की मीटिंग की है और कोई एकतरफा रिपोर्ट न जाये इसके लिए संघर्ष समिति से वार्ता करना जरूरी है। संघर्ष समिति ने कहा है कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल-2020 में सब्सिडी समाप्त करने का प्राविधान है। इसके लागू होने के बाद किसी भी उपभोक्ता को 7.5 रुपये से 8 रुपये प्रति यूनिट से कम में बिजली नहीं मिलेगी।

उपभोक्ताओं को सब्सिडी समाप्त होने होगा नुकसान

सब्सिडी समाप्त होने से किसानों, बीपीएल और 500 यूनिट तक बिजली उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं को सबसे अधिक नुक्सान होगा और बिजली उनकी पहुंच से बाहर हो जायेगी। इसके साथ ही इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल-2020 में विद्युत् वितरण का कार्य वितरण सब लाइसेंसी और फ्रेन्चाइजी के जरिये निजी क्षेत्र को सौंपने का प्राविधान किया गया है।

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बिजली वितरण का निजीकरण फेल

समिति का कहना है कि बिजली वितरण का निजीकरण व् फ्रेंचाइजी का प्रयोग ग्रेटर नोएडा और आगरा में पूरी तरह विफल रहा है। ग्रेटर नोएडा और आगरा दोनों ही बड़े व्यावसायिक और औद्योगिक क्षेत्र है और इन क्षेत्रों में काफी अधिक बिजली राजस्व है। दोनों ही स्थानों पर निजी कम्पनियां भारी मुनाफा कमा रही हैं और पावर कार्पोरेशन का नुक्सान हो रहा है।

इलेक्ट्रिसिटी बिल से पावर कार्पोरेशन की आर्थिक हालत होगी खराब

इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल-2020 के अधिनियम बन जाने के बाद मुनाफे वाले क्षेत्र निजी घरानों को सौंप दिए जाएंगे। परिणामस्वरूप पावर कार्पोरेशन की आर्थिक हालत इतनी खराब हो जायेगी कि किसानों और आम उपभोक्ताओं को बिजली देना मुश्किल होगा।

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