कानपुर: उरी अटैक और फिर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद अब खुफिया विभाग उन पाकिस्तानी नागरिकों की फाइल खंगालने में लगा हुआ है जो वीजा लेकर कानपुर के ग्रीनपार्क में 10 साल पहले मैच देखने आए थे। एलआईयू और पुलिस के लिए यह बड़ा सवाल है कि आखिर वो 29 पाकिस्तान के नागरिक कहां गायब हो गए। सबसे बड़ी बात यह है कि एलआईयू इन पाक नागरिकों पर नजर क्यों नहीं रख सका, जबकि यह जिम्मेदारी एलआईयू की है। वहीं एलआईयू के एडीशनल एसपी ऐसे किसी भी मामले से इंकार कर रहे हैं। उन्होंने newstrack से बताया कि सिर्फ 27 पाकिस्तानी नागरिक लापता हैं जो कि सन 1967 से लापता हैं।
क्या है पूरा मामला
-कानपुर में 10 साल पहले ग्रीन पार्क में वीजा लेकर बड़ी संख्या में पाकिस्तान के लोग मैच देखने आए थे।
-इसमे से 29 पाकिस्तानी नागरिकों का कुछ भी पता नहीं है कि यह कहां हैं।
-जब इसके संबंध में एलआईयू से जानकारी ली गई तो कानपुर पुलिस समेत एलआईयू के अधिकारियों के होश उड़ गए।
-अब वह दस साल पुरानी फाइल को खंगालने में लगे हुए हैं।
-वहीं एलआईयू के अधिकारी पुराने अधिकारियों पर ठीकरा फोड़ रहे हैं।
-यह एलआईयू की सबसे बड़ी चूक है, जबकी बार्डर पार करते ही एलआईयू की टीम नागरिकों पर नजर रखती हैं।
-जानकारी के मुताबिक जब मैच होते हैं तो इसके लिए गवर्मेंट स्पेशल वीजा बनाने का प्रावधान रखती है ताकि किसी को दिक्कत का सामना न करना पड़े।
-एलआईयू सूत्रों के हवाले से पाकिस्तान से आने वाले नागरिकों के लिए सभी शहरों में एलआईयू ने अलग से अनुभाग बना रखा है।
-टीम पल-पल की खबर रखती है यह पाकिस्तानी नागरिक जिस शहर में जाते हैं उस शहर की एलआईयू टीम को सूचना ट्रांसफर कर दी जाती है।
-सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी नागरिकों को इण्डिया आने के लिए विजिट वीजा मिलता है जिसमे 90 दिन का समय दिया जाता है।
- इसमें नागरिक से पूरी जानकारी ली जाती है कि उसे कहा जाना है और किसके घर जाना है।
-वह किस काम से आया है और कितने दिनों तक इण्डिया में रहना चाहता है।
- यह सभी जानकारी भी उस शहर के एलआईयू को भेज दी जाती है।
जांच एजेंसियां सर्किय
-कानपुर आए 29 पाकिस्तान नागरिकों का कुछ भी अता पता नहीं है कि वह कहां हैं।
-इस बड़ी चूक पर पुलिस समेत जांच एजेंसिया सक्रिय हो गई हैं।
-एलआईयू के पास कोई जानकारी नहीं है कि यह नागरिक कहां हैं।
-इसके साथ ही मामले में कोई भी उच्चधिकारी बोलने को तैयार नहीं है। सभी अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।
-जानकारी के मुताबिक अक्सर इसी तरह से पाक नागरिक इण्डिया में दाखिल होते हैं।
-कुछ पाकिस्तान नागरिकों की वापसी होती है लेकिन कुछ लोग छिप जाते हैं।
-वह पब्लिक के बीच में रहने लगते हैं और इण्डिया की ख़ुफ़िया जानकारी सीमा पर पहुंचाते हैं।
-ऐसे ही लोग स्लीपर सेल का भी काम करते हैं।
-बड़ी मात्रा में स्लीपर सेल के लिए सीमा पर फंडिंग होती है।
-इसी फंडिंग की वजह से वह अपने मंसूबों को अंजाम देते है।
एडीशनल एसपी एलआईयू विजय त्रिपाठी ने क्या कहा
27 पाकिस्तानी नागरिक लापता है लेकिन यह सन 1967 से लापता है l जब हमने पुराने कागजात खंगाले तो तो वर्तमान में ऐसा कोई मामला प्रकाश में नही आया है l जब भी कोई पाकिस्तानी नागरिक आता है तो पहले हमें सूचित किया जाता है और यदि की होटल में रुकता है तो होटल की तरफ से भी सूचना दी जाती है l