कुलभूषण जाधव के समर्थन में UP के वकील, 17 को करेंगे न्यायिक कार्य का बहिष्कार

कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में फांसी की सजा सुनाई गई है। कुलभूषण जाधव के समर्थन में UP के वकील 17 अप्रैल को न्यायिक कार्य का बहिष्कार करेंगे।

Update: 2017-04-16 13:58 GMT
कुलभूषण जाधव के समर्थन में UP के वकील, 17 को करेंगे न्यायिक कार्य का बहिष्कार

लखनऊ: भारतीय नागरिक और पूर्व नौसेना के अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में फांसी की सजा सुनाई गई है। इसको लेकर लोग आक्रोशित हैं। विभिन्न तबकों के लोग अपने-अपने तरीके से जाधव को फांसी की सजा दिए जाने का विरोध कर रहे हैं। यूपी के वकील भी इसको लेकर एकजुट हो गए हैं। यूपी बार काउंसिल ने इस पर एतराज जताते हुए 17 अप्रैल (सोमवार) को न्यायिक कार्य से विरत रहने का फैसला लिया है।

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जिला मुख्यालयों पर 17 अप्रैल को देंगे ज्ञापन

यूपी बार काउंसिल की तरफ से प्रदेश के सभी अधिवक्ता संघो और अधिवक्ताओं से अनुरोध किया गया है कि वह 17 अप्रैल को इस पर राष्ट्रव्यापी चर्चा कर जाधव की फांसी का विरोध करें। अपने-अपने मुख्यालयों पर इससे संबंधित ज्ञापन कमिश्नर, डिस्ट्रिक्ट जज और डीएम को सौंपे। जिससे किसी निर्दोष को बचाकर भारत लाया जा सके।

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इस सिलसिले में काउंसिल की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अन्तर्राष्ट्रीय मान्यताओं और कायदे कानूनों का गला घोटते हुए निर्दोष जाधव को जासूसी के आरोप में बिना सुनवाई किए मौत की सजा सुनाई है।

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पाकिस्तान जाकर जाधव का केस लड़ने को तैयार

देश के जाने माने वकील उज्जवल निकम ने भी कहा है कि पाकिस्तान में कैद और फांसी की सजा सुनाए गए भारतीय नागरिक और पूर्व नौसेना के अधिकारी कुलभूषण जाधव की रिहाई के लिए वह पाकिस्तान जाकर केस लड़ने को भी तैयार हैं।

स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर उज्जवल निकम ने कहा कि पाकिस्तान एक बनाना रिपब्लिक है और अस्थिर सरकार वाला देश है। उज्जवल निकम ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जिसे फांसी की सजा सुनाई जाती है उस व्यक्ति को काउंसलर एक्सेस नहीं देना, ये साबित करता है पाकिस्तान की ओर से लिया गया जाधव का इकबालिया बयान दवाब में लिया गया है। कहीं पाकिस्तान की पोल न खुल जाए इसलिए पाकिस्तान उसे किसी से मिलने नहीं दे रहा।

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उज्जवल निकम ने यह भी कहा कि ऐसा लगता है कि शायद कुलभूषण जाधव के साथ अत्याचार, क्रूरता की गई होगी और हो सकता है कि जाधव ज़िंदा ही नहीं हो। इसलिए पाकिस्तान उन्हें किसी से मिलवाने की हालत में नहीं है और बहाने बना रहा है।

उज्जवल निकम ने कहा कि जाधव केस को दोबारा, नए सिरे से पाकिस्तान की न्यायपालिका में लड़ा जाए। जिससे इस कानूनी कार्रवाई को इंडियन कॉन्सुलेट और संयुक्त राष्ट्र संगठन का प्रतिनिधि नजर रख सके, जिससे दुनिया को विश्वास हो कि पाकिस्तान ने जाधव को खुद को बेगुनाह साबित करने का पूरा मौका दिया। भारत ने पाकिस्‍‍तान से 13 बार अपील की है कि जाधव को काउंसलर मुहैया कराया जाए लेकिन पाक ने हर बार इस अपील को खारिज कर दिया।

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