सदन के भीतर भी कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष बारी-बारी से आते हैं-हृदय नारायण दीक्षित

विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि किसी भी संस्था या व्यक्ति के जीवन में वर्ष या 2 वर्ष का कार्यकाल व्यतीत हो जाने पर आत्मविश्लेषण एवं विश्लेषण का अवसर आता है।

Update:2019-04-01 21:29 IST

लखनऊ: विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि किसी भी संस्था या व्यक्ति के जीवन में वर्ष या 2 वर्ष का कार्यकाल व्यतीत हो जाने पर आत्मविश्लेषण एवं विश्लेषण का अवसर आता है। उन्होंने कहा कि जीवन में कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष बारी-बारी से आते हैं। ऐसे ही सदन के भीतर भी कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष बारी-बारी से आते हैं। कभी कोई बोलता है, तो लगता है कि पूर्णिमा का चाँद खिल गया है।

लगता है कि अमावस आ गया है

कभी कोई बोलता है तो लगता है कि अमावस आ गया है। समाचार पत्रों में अमावस की चर्चा के साथ पूर्णिमा की ज्यादा चर्चा होनी चाहिए।

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उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष के कार्यकाल के 2 वर्ष व्यतीत होने पर विधान सभा की तरफ से प्रकाशित पुस्तक ‘‘उत्तर प्रदेश विधान अध्यक्ष के 2 वर्ष‘‘ के विमोचन समारोह में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि ने कहा कि इस सदन में 235 नयेे सदस्य चुनकर आए है।

इस प्रकार की उत्सुकता लोकतंत्र में आशावाद की वृद्धि कही जा सकती है

पक्ष-विपक्ष के नए सदस्यों ने राज्यपाल के अभिभाषण, सामान्य बजट की चर्चाओं में बोलने के लिए होड़ लगी। 100 से अधिक विधायकों ने विभिन्न चर्चाओं में भाग लिया। बोलने के लिए विधायकों के लिए इस प्रकार की उत्सुकता लोकतंत्र में आशावाद की वृद्धि कही जा सकती है।

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विधान सभा के प्रमुख सचिव ने ‘‘उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष के 02 वर्ष‘‘ पुस्तक के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के संसदीय इतिहास में पहली बार अध्यक्ष के निर्वाचन के अवसर पर हाउस आफ कामन्स में अध्यक्ष द्वारा छिपाने की पुरानी प्रथा का अनुसरण नहीं किया गया है।

विधानसभा अध्यक्ष द्वारा यूरोपीय परिपाटी से परे भारतीय संस्कृति के आयाम में नई परंपरा का सूत्रपात किया।

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संसदीय अनुश्रवण समिति नाम की एक नई समिति गठित की गयी

उन्होंने बताया कि संसदीय अनुश्रवण समिति नाम की एक नई समिति गठित की गयी। यह विधानससदस्यों की विधायी और प्रोटोकाल की समस्याओं पर विचार करेगी। संसदीय क्षेत्र में शोध करने वाली पी0आर0एस0 संस्था द्वारा संसदीय अनुश्रवण समिति की प्रशंसा में कहा गया की विश्व में इस प्रकार की कोई समिति अस्तित्व में नहीं है।

संस्था द्वारा इस प्रकार की समिति की सराहना की गयी।

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संसदीय कार्य मंत्री, सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का व्यक्तित्व बहुआयामी है। वे संसदीय साहित्यिक सांवैधानिक सभी विषयों के मर्मज्ञ है। तमाम परंपराएं इनके कार्यकाल में प्रारम्भ की गयी। ‘‘संसदीय अनुश्रवण समिति’’ का गठन किया जाना इन्हीं के मार्गदर्शन में संभव हो पाया है।

याय मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि वर्तमान अध्यक्ष के इस पद पर आसीन होने से अध्यक्ष पद की गरिमा बढ़ी है। पक्ष और विपक्ष के बीच सुन्दर, सौमनस्यपूर्ण वातावरण स्थापित कर सदन में जिस प्रकार की स्वस्थ बहस का वातावरण प्रदान किया, वह हमें लोक सभा सहित अन्य सदनों का सदस्य रहने के बीच देखने को नहीं मिला।

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विधान सभा की गरिमा बढ़ी है

वरिष्ठ विधायक सुरेश श्रीवास्तव ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि बहुत अरसे बाद हमें ऐसे विधान सभा अध्यक्ष प्राप्त हुए है जिनकी अध्यक्षता में विधान सभा की गरिमा बढ़ी है। सर्वगुण संपन्न अध्यक्ष हमें मिले हैं। लेखनी के माध्यम से देश और समाज को नई दिशा देने का काम किया है।

 

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