लखनऊ: विदेश दौरे से आने के बाद एसेंबली स्पीकर माता प्रसाद पांडे ने शनिवार को गवर्नर राम नाईक से मुलाकात की। उन्होंने आजम खां की टिप्पणी को लेकर अपना पक्ष रखा। गवर्नर और माता प्रसाद की मुलाकात करीब एक घंटे चली।
स्पीकर ने अपने दिए बयान पर गर्वनर को सफाई दी। गर्वनर से हुई बात का ब्योरा स्पीकर सीएम अखिलेश यादव के सामने रखेंगे। खास यह है कि इस मामले में समाजवादी पार्टी पहले ही अपनी स्थिति साफ करते हुए संसदीय कार्यमंत्री को क्लीन चिट दे चुकी है।
क्या है मामला?
–8 मार्च को विधानसभा में आजम खान गवर्नर राम नाईक पर बरसे थे।
-आजम ने कहा-गवर्नर ने महापौर संबंधी बिल पिछले डेढ़ साल से रोक रखा है।
-बिल रोक कर गवर्नर महापौरों को भ्रष्टाचार के लिए उकसा रहे हैं।
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-यदि उन्हें बिल में कोई संशय है तो मुझे या मेरे विभाग के अफसरों को बुलाकर पूछ लें।
-जब कुछ गलत नहीं है तो विधेयक को क्यों रोके रखा गया है?
-पूछा-सबकी जवाबदेही है तो फिर महापौरों की जवाबदेही तय क्यों न हो?
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गवर्नर ने क्या कहा था?
-इस संबंध में उन्होंने भाजपा के नेता से भी बात की थी।
-गवर्नर ने आजम की योग्यता पर उठाए थे सवाल।
-गवर्नर राम नाईक ने इस मामले को लेकर सीएम अखिलेश यादव से संसदीय कार्य मंत्री आजम खान को उनके पद से हटाने को कहा था।
-गवर्नर ने कहा था कि आजम संसदीय कार्य मंत्री हैं, लेकिन उन्हें संसदीय परंपरा और संसदीय भाषा का ज्ञान नहीं है।
मंगाई थी कार्यवाही की सीडी
-राम नाईक ने विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडे पर भी निशाना साधा था।
-उन्होंने कहा था कि स्पीकर से विधानसभा कार्यवाही की सीडी भी मंगाई थी।
-खास यह है कि उन्हें जो सीडी भेजी उसमें 20 जगहों पर काट छांट की गई है।
-इस मामले में गवर्नर ने उनका रोल भी ठीक नहीं पाया था।