पंचायत चुनाव: ऐसे लोगों की उम्मीदवारी होगी कैंसिल, चुनाव लड़ने पर लगेगा बैन
इस बार कई लोगों की उम्मीदवारी खतरे में पड़ सकती है। अकेले पश्चिमी यूपी के आगरा डिविजन में 90 फीसदी से अधिक प्रधानों और पंचायत सदस्यों के चुनाव लड़ने पर संकट मंडराने लगा है।
लखनऊ: यूपी में 2021 के पहली तिमाही तक पंचायत चुनाव कराने की बात कही जा रही है। हालांकि इसको लेकर तैयारियां अभी से शुरू कर दी गई हैं। पहले अक्टूबर-नवंबर में ही चुनाव कराया जाना था।
लेकिन कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए इसे आगे बढ़ा दिया गया। अब खबर आ रही है कि पंचायत चुनाव को लेकर जो नई गाइडलाइन जारी हुई है।
उसकी वजह से इस बार कई लोगों की उम्मीदवारी खतरे में पड़ सकती है। अकेले पश्चिमी यूपी के आगरा डिविजन में 90 फीसदी से अधिक प्रधानों और पंचायत सदस्यों के चुनाव लड़ने पर संकट मंडराने लगा है।
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क्या है ये नई गाइड लाइन
दरअसल पंचायत चुनाव के लिए इस बार जो नई गाइडलाइन जारी की गई है उसके कारण अब वो लोग चुनाव नहीं लड़ पाएंगे हैं, जिन्होंने अपने पिछले चुनाव के खर्च का ब्योरा अभी तक जमा नहीं किया है।
खास बता ये है कि इस नये नियम के अंतर्गत निर्वाचित और पराजित सभी तरह के उम्मीदवारों को अपने चुनाव खर्च का पूरा ब्योरा देना जरूरी हो गया है।
इसका असर ये होगा कि आगरा मंडल के 90 फीसदी प्रधान और अन्य पंचायत प्रतिनिधि ऐसे हैं, जिन्होंने आज तक पिछले चुनाव का ब्योरा जमा नहीं किया है। ऐसे में डिटेल्स ना जमा करने पर इन्हें चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है।
इतना ही नहीं इन पर आगे चुनाव लड़ने पर बैन भी लगाया जा सकता है।
इसके अलावा निर्वाचित प्रतिनिधियों से पराजित प्रत्याशियों में से भी अधिकतर ने अपने कागज नहीं जमा किए हैं। ऐसे में इनके चुनाव लड़ने पर भी खतरा मंडराने लगा है।
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नामांकन के दौरान देना होगा ब्योरा
आगरा के मंडलायुक्त कार्यालय के अफसरों के मुताबिक प्रधान, बीडीसी और इस बार चुनाव का नामांकन फॉर्म भरने से पहले सभी प्रत्याशियों को बीते चुनाव में किए खर्च का ब्योरा देना कम्पलसरी किया गया है।
ऐसे में अगर बीते चुनाव खर्च की डिटेल्स फॉर्म के साथ नहीं दी जाती तो उनका नामिनेशन कैंसिल किया जा सकता है। जिला पंचायत सदस्यों ने अपने चुनाव खर्च की डीटेल जमा नहीं की है है। ऐसे में इन्हें चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है।
दिसंबर में जारी की जाएगी वोटर लिस्ट
प्राप्त जानकारी के अनुसार सारी प्रक्रिया को पूरा कराने के बाद 29 दिसंबर को फाइनल वोटर लिस्ट को जारी करा दिया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक, अक्टूबर से नवंबर के बीच मतदाता सूची का सत्यापन कराया जाएगा।
इसके तहत बीएलओ घर-घर जाकर वोटरों का सत्यापन और नए वोटरों का पंजीकरण कराएंगे। इसके अलावा नए वोटर ऑनलाइन भी मतदाता सूची में अपना नाम जुडवा सकते हैं।
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