VIDEO:कारागार मंत्री ने माना,कैदियों को पैरोल देने में होती है घूसखोरी

Update:2016-05-06 14:13 IST

बरेलीः यूपी के कारागार मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया ने पैरोल के मामले में भ्रष्टाचार की बात मानी है। रामूवालिया ने शुक्रवार को बरेली सेंट्रल जेल का दौरा करने के बाद कहा कि वह इस पर रोक लगाने की कोशिश कर रहे हैं।

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क्या कहा रामूवालिया ने?

-कैदियों के पैरोल की अप्लीकेशन फॉरवर्ड करने में पैसा लिया जाता है।

-इस मामले में भ्रष्टाचार की बात मैं मानता हूं।

-जो पैसा देता है उसे गांधी जैसा और न देने वाले को महाभारत का किरदार बताते हैं।

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और क्या बोले कारागार मंत्री?

-बीमार कैदियों को रिहा करने पर जोर होना चाहिए।

-जेलों के अफसरों की मंत्री ने तारीफ की।

-कुछ अफसरों के तौर-तरीकों पर नाराजगी भी जताई।

-जेलों की व्यवस्था में बदलाव पर भी जोर दिया।

कैसे मिलता है पैरोल?

-पैरोल के लिए कैदी जेल अधीक्षक को अप्लीकेशन देता है।

-उनके होम टाउन की पुलिस वेरीफिकेशन करती है।

-पीड़ितों से पूछा जाता है कि कैदी को छोड़ने से खतरा तो नहीं है।

-सभी पक्षों से हरी झंडी मिलने पर पैरोल मिलता है।

किन कैदियों को मिलता है पैरोल?

-जेल मैन्युअल के मुताबिक कैदी का व्यवहार अच्छा होना चाहिए।

-ऐसे कैदियों को साल में 84 दिन पैरोल मिलता है।

-एक वक्त में पैरोल की अवधि 14, 21, 24 या 42 दिन हो सकती है।

 

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