Uttar Pradesh :जानिए क्या है दुर्लभ सिक्के रखने का महत्व, यूपी के इस शख्स के घर में पाए गए ऐसे सिक्के जिनमें भगवान राम, हनुमान जी की तस्वीर है अंकित

Uttar Pradesh : ईस्ट इंडिया कंपनी के मार्फ़त भारत पर राज करने वाले अंग्रेजों को भी भगवान राम की लोक मानस में पैठ का अंदाजा था। तभी तो उनके काल में भारतीय सिक्कों के दूसरी ओर पर भगवान श्रीराम, सीता व हनुमान जी के चित्र अंकित मिलते हैं।

Written By :  Aakanksha Dixit
Update:2024-01-17 17:10 IST

शानदार नक्काशी सिक्के source : social media  

Uttar Pradesh : ईस्ट इंडिया कंपनी के मार्फ़त भारत पर राज करने वाले अंग्रेजों को भी भगवान राम की लोक मानस में पैठ का अंदाजा था। तभी तो उनके काल में भारतीय सिक्कों के दूसरी ओर पर भगवान श्रीराम, सीता व हनुमान जी के चित्र अंकित मिलते हैं। ऐसी ही कुछ दुर्लभ वस्तुएं सामने आयी हैं। संवत 1947 यानी सन 1890 दर्ज यह सिक्का एक पैसे का है। शानदार नक्काशी वाले इस सिक्के पर हनुमान जी गदा लिए हुए दिखाई दे रहे हैं। नीचे हनुमान लिखा है। उर्दू और इंग्लिश में एक आना लिखा है। गोलाई में ईस्ट इंडिया कंपनी भी लिखा है। श्रीराम वाले सिक्के ही नहीं डाक टिकट भी मिले हैं।

भगवान राम, सीता व हनुमान वाले सिक्कों का कलेक्शन कानपुर के विनोद टंडन के ज़ख़ीरे की धरोहर हैं। इन्होंने अपना पूरा जीवन इसी काम में लगा दिया। इनके घर का एक कमरा कई पुरानी और दुर्लभ वस्तुओं से भरा हुआ है। उनके खजाने में कई ऐसे सिक्के हैं, जिन पर भगवान श्रीराम और हनुमान जी की तस्वीर बनी है। उनके द्वारा जमा की गयी ये वस्तुएं भविष्य के लिए एक साक्ष्य है। ये वस्तुएँ उनके पास कुछ कानपुर से सम्बंधित है तो कुछ उनके परिवार में पीढ़ियों से संजो कर रखी गयी है। एक जो सिक्का उनके पास है। सबसे खास बात यह है कि सिक्के के दूसरी ओर भगवान राम, सीता और लक्ष्मण बने हुए हैं।

भारत सहित ये देश जारी कर चुके हैं भगवान राम को समर्पित डाक टिकट

उदयपुर के विनय भाणावत के पास भी दुर्लभ वस्तुओं का संग्रह हैं। इनके पास भारत सरकार द्वारा जारी किए गए भगवान राम और रामायण के डाक टिकट हैं। इसके अलावा अन्य देशों ने भी राम और रामायण पर डाक टिकट जारी किए थे, ये भी उनके पास सुरक्षित रखे हैं। आपको बता दे कि इंडोनेशिया, नेपाल, सिंगापुर, मलेशिया, थाइलैंड, लाओस जैसे देशों ने भी इस अनूठे संग्रह का हिस्सा बनने के लिए राम और रामायण पर डाक टिकट जारी किए थे। इसके आलावा इन्होने लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, हनुमान, तुलसीदास, महर्षि वाल्मिकी, गरुड़, धनुष-बाण, रावण सहित राम चरित मानस पर टिकट भी जारी किए हैं।

सबसे पहले किसने जारी किये थे भगवान राम से जुड़े सिक्के

सबसे पहले अकबर ने राम के प्रति आस्था का सम्मान करते हुये राम और सिया पर सिक्का जारी करते हुए ' तू ही राम हे तू. रहीम है', का दुनिया को संदेश दिया था। अकबर द्वारा प्रचलित किये गये सिक्के पर भगवान राम के हाथ में धनुष तथा माता सीता के हाथ में फूल के चित्र को अंकित किया गया है। अन्य शासकों ने भी भगवान राम को अपनी मुद्रा पर अंकित किया था। सबसे पहले भारतीय मुद्रा पर मगध मौर्य शासन में चांदी के पंचमार्क सिक्कों पर राम का अंकन देखने को मिला था।

ऐतिहासिक दृष्टि से भी होते है महत्वपूर्ण

सिक्के इतिहास के महत्वपूर्ण प्राथमिक स्रोत हैं। प्राचीन सिक्के सोने, चांदी, इलेक्ट्रम और तांबे और इसके मिश्र धातु, कांस्य या पीतल से बनाए जाते थे। सिक्कों में धातुओं की संरचना से हमें साम्राज्य की आर्थिक स्थिति की जानकारी मिलती है। इसके आलावा घरों में या पूजा पाठ के समय प्राचीन सिक्कों को रखना शुभ माना जाता है। प्राचीन सिक्कों को घर में रखने से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह हमें सकरात्मक ऊर्जा प्रदान करते है।

डाक टिकटों में रामलीला

इतिहासशास्त्री बताते हैं कि हमारे पास डाक टिकटों का भी एक संग्रह है। कुछ वर्षों पहले, डाक टिकटों की एक श्रृंखला जारी की गई थी, जिसमें श्रीमलीला के दृश्य थे और इसे "रामायण" नामक सीरीज कहा गया था। इसे वाराणसी डाक विभाग ने जारी किया था और इसमें 11 डाक टिकट शामिल थे। एक लंबाई वाले टिकट में श्रीराम का दरबार स्पष्ट दिखाई देता है, जबकि एक में हनुमान पर्वत ले जाते दर्शाए गए हैं।

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