UP: कानून मंत्री बोले- स्थाई लोक अदालतों के फैसलों को कहीं चैलेंज नहीं किया जा सकता
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के विधि न्याय एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री ब्रजेश पाठक ने बुधवार को कहा कि पूरे उप्र में 10 फरवरी को प्रत्येक जिले में लोक अदालतें लगाई जाएंगी जिससे ज्यादा से ज्यादा लंबित मामलों का निपटारा हो सके। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर इस दिन पूरे देश में लोक अदालतें लगाई जा रही हैं। इसमें उप्र भी अपना पूरा सहयोग कर रहा है। लखनऊ स्थित लाल बहादुर शास्त्री भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पाठक ने यह बातें कही। पाठक ने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि बेकार हो चुके कानूनों को खत्म करने की जरूरत है। इसी दिशा में उप्र ने कदम बढ़ा दिया है। आने वाले दिनों में उप्र सरकार लगभग 1000 कानूनों को खत्म करने का काम करेगी।
पाठक ने कहा कि उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी मंशा है कि गरीबों और वंचितों को न्याय मिलना चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुए उप्र के 71 जिलों में स्थाई लोक अदालतों का गठन कर दिया गया है। बाकी 4 जिलों में भी जल्द ही इसका गठन कर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि 10 फरवरी को एक अभियान के तौर पर लंबित मामलों का निपटारा किया जाएगा लेकिन इसके बाद भी उप्र में स्थाई लोक अदालतें काम करती रहेंगी। लोक अदालतों में दो पक्षों की सहमति से विवाद का निपटारा किया जाएगा और इसको किसी भी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती।
पाठक ने कहा कि हम जनता से यह अपील करते हैं कि वह 10 फरवरी को अधिक से अधिक संख्या में लोक अदालतों में जाकर अपने वादों का निपटारा करवाने का काम करें। इससे उन्हें अदालतों के चक्कर लगाने से निजात मिल जाएगी।