ऑक्सीजन की कालाबाजारी, यहां मिल रहा 3000 का सिलेंडर 30 हजार में
कोरोना वायरस के मामलों के बाद ऑक्सीजन की मांग बढ़ गई है। यह समस्या वाराणसी की ही नहीं है बल्कि तमाम शहरों में आई है।
वाराणसी: कोरोना संक्रमण अब ख़तरनाक रूप ले चुका है। श्मशान घाटों पर लाशों का ताँता लगा है। अस्पतालों का हाल तो और भी बुरा है. अगर बेड मिल भी गया तो ऑक्सीजन का जुगाड़ करना टेढ़ी खीर की तरह है। ऑक्सीजन डीलरों ने आपदा की इस घड़ी को अवसर में बदल दिया है। ऐसे में ऑक्सीजन की ब्लैक मार्केटिंग करने वालों पर प्रशासन ने नकेल कसनी शुरु कर दी है।
जिला प्रशासन ने ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने वालों के घर के सामने पहरा बैठा दिया है। चौबीसों घण्टें पुलिस वाले ऑक्सीजन डीलरों पर नजर रख रहे हैं। दरअसल पिछले दिनों कमिश्नर और डीएम ने डीलरों से स्पष्ट कर दिया था कि सबसे पहले अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति होगी। कोरोना वायरस के मामलों के बाद ऑक्सीजन की मांग अचानक बढ़ गई है। यह समस्या वाराणसी की ही नहीं है बल्कि तमाम शहरों में आई है। इसी का लाभ उठाते हुए कुछ लोग बेतहाशा चोरी से ऑक्सीजन बेचने में लगे हैं। अस्पतालों में सस्ते दर पर ऑक्सीजन मिल जाती है।
मुंह मांगी रकम में बिक रहा है सिलेंडर
सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन की खरीद मात्र 250 रूपये में होती है। लेकिन कालाबाजारी करने वालों ने कोरोना काल में अस्पतालों में सप्लाई बंद कर इसकी ब्लैक मार्केटिंग शुरु कर दी है। जानकारी के मुताबिक कुछ लोग 250 रूपये वाली गैस 8000 रूपये में बेच रहे हैं। इसी तरह तीन हजार रूपये वाला सिलेंडर 30 हजार रूपये तक बेचा जा रहा है। हालांकि जिला प्रशासन ने सख्ती बरतते हुए कालाबाजारी करने वालों पर नकेल कस दी है।