Gyanvapi Mosque Dispute: हाईकोर्ट के फैसले के बाद मुस्लिम पक्ष बोला-हम प्लेट में परोसकर मस्जिद नहीं देंगे, हर संभव कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी

Gyanvapi Mosque Dispute: सिविल प्रक्रिया संहिता के तहत सिविल वाद को निरस्त नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी व सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से दाखिल पांचों याचिकाओं को खारिज कर दिया।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2023-12-20 06:50 GMT

Gyanvapi Mosque Dispute  (photo: social media )

Gyanvapi Mosque Dispute: ज्ञानवापी परिसर के स्वामित्व संबंधी विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में वाराणसी की अदालत में लंबित सिविल वाद को सुनवाई योग्य माना और कहा कि यह बात प्लेसेस आफ वर्शिप एक्ट 1991 से बाधित नहीं है। सिविल प्रक्रिया संहिता के तहत सिविल वाद को निरस्त नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी व सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से दाखिल पांचों याचिकाओं को खारिज कर दिया।

अदालत के इस फैसले के बाद अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने कहा किया फैसला हुआ है इंसाफ नहीं हम प्लेट में परोस कर मस्जिद नहीं देंगे। इसके लिए हर संभव कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी। दूसरी और मुकदमे के बाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी शृंगार गौरी मुकदमे में ज्ञानवापी परिसर में हुए एएसआई सर्वे को पर्याप्त नहीं मानते। उन्होंने कहा कि जांच के जो बिंदु सर्वे के दौरान छूट गए हैं, उनकी भी जांच की जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट जाने का बचा हुआ है विकल्प

इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया जताते हुए अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के संयुक्त सचिव एएम यासीन ने कहा- यह फैसला हुआ है, इंसाफ नहीं। हम प्लेट में परोसकर मस्जिद नहीं देंगे। मस्जिद को बचाने के लिए हर संभव कानूनी का लड़ाई लड़ी जाएगी।

उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले का अध्ययन किया जा रहा है। फैसले के विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा करने के लिए कमेटी के पदाधिकारी बैठक करेंगे। बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार कदम उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी हमारे पास सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प बचा हुआ है।

ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे पर्याप्त नहीं

दूसरी ओर स्वयंभू विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग की ओर से दायर मुकदमे के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी का कहना है कि श्रृंगार गौरी मुकदमे में किया गया एएसआई सर्वे पर्याप्त नहीं है। उनका कहना है कि इसमें ज्ञानवापी के आराजी संख्या 9130 का सर्वे हुआ, जिसमें वहां मौजूद वर्तमान इमारत है। उनके मुकदमे में आराजी संख्या 9131 व 9132 में सर्वे की मांग की गई है।

उन्होंने कहा कि सर्वे के दौरान जांच के जो बिंदु छूट गए हैं, उनकी भी जांच की जाएगी। जरूरत होने पर ज्ञानवापी परिसर में मौजूद मलबे के नीचे सुरंग बनाकर जांच पड़ताल की जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारे इस दावे में काफी दम है कि विवादित इमारत के मुख्य शिखर के नीचे बाबा विश्वनाथ का शिवलिंग है। इसकी जांच मशीन के जरिये हुई तो ठीक नहीं तो सुरंग बनाकर की जाएगी।

भगवान शंकर को न्याय की प्रतीक्षा

रस्तोगी ने कहा कि 32 साल से सिविल वाद लंबित है और भगवान शंकर न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से न्याय का रास्ता साफ हुआ है। उन्होंने कहा कि विलंब हो सकता है मगर आखिरकार सत्य की जीत जरूर होती है। हम सभी ज्ञानवापी में भव्य मंदिर का निर्माण चाहते हैं ताकि हिंदुओं को बाबा विश्वनाथ के भव्य मंदिर में दर्शन पूजन का मौका मिल सके।

Tags:    

Similar News