काशी में मंदिर-मस्जिद विवाद में नया मोड़, कोर्ट ने लिया बड़ा फैसला...

काशी विश्वनाथ मंदिर और उसी परिक्षेत्र में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर सोमवार को जिला जज की अदालत में सुनवाई हुई।

Update: 2020-09-28 13:11 GMT

वाराणसी। अयोध्या के राम मन्दिर के बाद काशी विश्वनाथ मन्दिर और ज्ञानवापी मस्जिद का झगड़ा बढ़ता जा रहा है। काशी विश्वनाथ मंदिर और उसी परिक्षेत्र में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर सोमवार को जिला जज की अदालत में सुनवाई हुई। इस दौरान सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड के उस सिविल रिवीजन को विश्वनाथ मंदिर की ओर से चुनौती देते हुए बहस की गई जिसमें मुस्लिम पक्षकारों ने सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत को मामले की सुनवाई का क्षेत्राधिकार के प्रश्न पर आदेश को चुनौती दी थी। फिलहाल इस मामले में अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी।

मामले की सुनवाई को लेकर दायर की थी याचिका

25 फरवरी को वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रेक कोर्ट की अदालत में अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमिटी के प्रार्थना को खारिज कर दिया था, जिसमें कमेटी ने यह मांग की थी कि इस संबंधित कोर्ट को मामले की सुनवाई का क्षेत्राधिकार ही नहीं है, जिसके खिलाफ मस्जिद कमेटी ने जिला जज की अदालत में सिविल रिवीजन को 1 जुलाई को दायर किया था।

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इस मामले में क्षेत्राधिकार के ही मामले के उसी आदेश को सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने भी जिला जज की अदालत में अट्ठारह सितंबर को वाद दाखिल किया था जिस पर आज विश्वनाथ मंदिर पक्ष की ओर से वकीलों ने जिला जज की अदालत में आपत्ति की।

ये है वक्फ बोर्ड को मांग

वक्फ बोर्ड चाहता है कि यह मामला वक्फ ट्रिब्यूनल लखनऊ में चलाया जाए ना कि सिविल जज सीनियर कोर्ट की अदालत में। आज की बहस के बाद जिला जज ने इस संबंध में अपना आदेश सुरक्षित कर लिया है। अब अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी। इस सम्बन्ध में पहली बार मीडिया के सामने आये सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता मोहम्मद तौहीद खान ने बताया कि वाराणसी लोअर कोर्ट ने 25 फरवरी 2020 को एक फैसला दिया था। हमने इसके विरुद्ध एक सिविल रिविज़न यहां कोर्ट में दाखिल किया है।

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इसे दाखिल करने में हमें विलम्ब हुआ इसलिए हमने कोर्ट द्वारा खुद को क्षमा करने के लिए सेक्शन 5 लिमिटेशन का प्रार्थना पत्र दिया है। आज उसी पर जिला जज महोदय ने सुनवाई की है। उन्होंने अगली तारीख 3 अक्टूबर की दी है। उसी दिन इस सम्बन्ध में फैसला भी आएगा।

आशुतोष सिंह

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