Varanasi News: BHU में जा रहें हैं तो बाउंसरों से रहें सावधान, कमरा बंदकर कर रहे पिटाई, लूट रहे चेन

Varanasi News: पत्रकार की पिटाई पर AVBP ने बाउंसरों को हटाने के लिए खोला मोर्चा।

Update:2023-09-21 20:35 IST

AVBP demonstrated to remove bouncers from BHU

Varanasi News: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में तैनात बाउंसरों को हटाने के लिए AVBP ने मोर्चा खोल दिया है AVBP ने आज सर सुंदरलाल अस्पताल में एक पत्रकार की पिटाई और मरीजों के परिजनों के साथ बाउंसरों की गुंडागर्दी से नाराज होकर जमकर प्रदर्शन किया साथ ही AVBP नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि ये बाउंसर आए दिन अपना रुआब दिखाते हुए लोगों से मारपीट कर रहे हैं।

सरसुंदर लाल अस्पताल में बाउंसर बने जी का जंजाल

दरअसल बीएचयू के सरसुंदर लाल अस्पताल में बाउंसरों ने एक मरीज के तिमारदार को पीट दिया जिसका वीडियो एक पत्रकार ने कैमरे में शूट कर लिया फिर क्या था अपनी गलती छिपाने के लिए बाउंसरों ने वीडियो बना रहे पत्रकार का मोबाइल छीन लिया और उसे पीटते हुए एक कमरे में ले गए और कमरे में बंदकर पत्रकार के गले की चेन और मोबाइल छीन लिया और दोबारा दिखने पर जान से मारने की धमकी भी दिया। किसी तरह से जान बचाकर पत्रकार लंका थाने पहुंचा और अपनी आपबीती पुलिस के सामने कह सुनाई जिसके बाद पुलिस ने मेडिकल कराकर धाराओं के साथ छेड़छाड़ कर एफआईर दर्ज कर लिया है। AVBP के छात्र नेताओं को जब इस बात की जानकारी हुई तो सीधे डीन कार्यालय पहुंच गए और अस्पताल परिसर से बाउंसरों को हटाने की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन करने लगे।छात्रों ने चीफ प्रॉक्टर अभिमन्यु सिंह को ज्ञापने देकर तत्काल कार्रवाई करने की मांग किया है।

AVBP ने पुरानी सुरक्षा व्यवस्था को बहाल करने की मांग की

AVBP के छात्र नेताओं का कहना है कि सर सुंदरलाल अस्पताल में जिस तरह से पहले आर्मी के रिटायर्ड गॉर्ड होते थे वही व्यावस्था फिर से लागू किया जाए। AVBP अध्यक्ष अभय प्रताप सिंह ने कहा कि बाउंसर के नाम पर अस्पताल में गुंडे पाले जा रहे हैं जो आए दिन मरीजों और उनके तीमारदारों से मारपीट करते हैं। ये बाउंसर प्रइवेट गुंडे हैं जो अस्पताल की सच्चाई दिखाने पर मारपीट करते हैं इन बाउंसरों में से कुछ के तो क्रिमिनल रिकॉर्ड भी है लेकिन फिर भी ड्यूटी कर रहे हैं। विश्वविद्यालय के छातर राकेश ने बताया कि सर सुंदरलाल के डॉक्टर भी कहते हैं कि यहां बाउंसरों की जरुरत नहीं है लेकिन फिर भी विश्वविद्यालय प्रशासन पता नहीं क्यों इन बाउंसरों की सेवा लेने पर आमादा है। पुरानी व्यवस्था की ही तरह एक्स आर्मी मैन के सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया जाए।

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