Varanasi Newगिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्डधारी डॉ नेहा सिंह ने 3,55,488अंगुली के निशान से बनाई विश्व की सबसे बड़ी गौमाता की पेंटिंग
Varanasi News: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान की छात्रा महामना के बगिया में अब तक की अध्ययनरत एकलौती गिनीज़ रिकार्डधारी नेहा सिंह द्वारा विश्व की सबसे बड़ी "गौ माता" का चित्रण किया गया है।
Varanasi News: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान की छात्रा महामना के बगिया में अब तक की अध्ययनरत एकलौती गिनीज़ रिकार्डधारी नेहा सिंह द्वारा विश्व की सबसे बड़ी "गौ माता" का चित्रण किया गया है। यह चित्रण 62.46 वर्ग मीटर (672 वर्ग फ़ीट) कैनवास पर लगभग 'तीन लाख, पचपन हजार, चार सौ अट्ठासी' अंगुली के निशान से किया है। नेहा ने बिना ब्रश के केवल अपने अंगुली के निशान से गौ माता को बनाया है। जिसे बनाने में उन्हें कुल लगभग दो महीने का समय लगा था। यह नेहा सिंह द्वारा पहली बार विश्व की सबसे बड़ी एकल 'फिंगर प्रिंट पेंटिंग कामधेनु' है, जो गिनिज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दावा पेश करने के लिए तैयार है। इस भव्य दिव्य कामधेनु का विमोचन काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वित्ताधिकारी डॉ अभय कुमार ठाकुर (IRS-IT Officer) के कर कमलों द्वारा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान केंद्र प्रांगण में किया गया।
जानिए पेंटिंग के बारे में...
पेंटिंग का पूरा साइज - लंबाई 12.8 मीटर (42 फ़ीट) है और चौड़ाई 4.88 मीटर (16 फ़ीट है), पूरा साइज 62.464 वर्ग मीटर यानी (672 वर्ग फ़ीट है), कुल करीब 3,55,488 उंगली का निशान है।
गौ माता पर पेंटिंग एक साल पहले ही पूरा हो चुका था। 2021 के लॉक डाउन एवं नवरात्रि के छुट्टियों में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कला संकाय में डॉ मनीष अरोरा, श्री सुरेश के नायर, श्री हीरालाल प्रजापति आदि गुरुजनों के सहयोग एवं देखरेख में ही इस कार्य को पूर्ण किया गया था।
नेहा सिंह के 6 वें विश्व रिकॉर्ड की तैयारी
अपने शोध कार्य एवं अन्य पढ़ाई में व्यस्त रहने के कारण विमोचन करने में काफी विलंब हो गया। 8 किताबों की लेखिका एवं अभी तक 5 विश्व रिकार्ड बना चुकी नेहा सिंह का ये 6वें विश्व रिकॉर्ड की तैयारी है।
डॉ नेहा सिंह हमेशा इस तरह के अद्भुत कार्यों से सनातन संस्कृति के प्रचार प्रसार में ही जुड़ें रहती हैं। उदाहरण के लिए हनुमान चालीसा, दशोपनिषद, श्रीमद्भगवद्गीतादि विषयों पर ही वह अपने अन्य विश्व रिकार्ड बनाई है और वह इस तरह के ही अनेकों कार्य में लगी रहती हैं।
गौ माता पर बनाई पेंटिंग
दो साल पहले जब नेहा गौमाता की दिव्यता एवं वैज्ञनिकता पर शोध कर रही थी तब उन्हें लगा कि नए विश्व रिकॉर्ड के लिए गौ माता को विश्वपटल पर रखना श्रेष्ठ होगा। उन्होंने कहा की इस पेंटिंग का श्रेय वह वैदिक विज्ञान केन्द्र के समन्वय उपेन्द्र कुमार त्रिपाठी गुरुजी को देती हैं और कहती है कि वैदिक विज्ञान केन्द्र द्वारा हमें वेद- उपनिषद में वर्णित केवल ज्ञान को ही नही समझाया जाता है अपितु उनकी वैज्ञानिकता पर भी विशेष प्रकाश डालकर उनका तुलनात्मक अध्ययन कराया जाता है और यही कारण है कि गौमाता सबके समक्ष है।
नेहा सिंह इस विश्व रिकॉर्ड के सफल होने का कारण महामना की कृपा, माता पिता, गुरुजनों, स्नेहीजनों व सम्पूर्ण भारत वासियों का आशीर्वाद को मानती हैं।