Varanasi News: ज्ञानवापी में पूजा के अधिकार को लेकर कोर्ट ने दी नई तारीख, अब इस दिन होगी सुनवाई

Varanasi News: ज्ञानवापी में मिली शिवलिंगनुमा आकृति के राग भोग पूजा पाठ के अधिकार पर हुई सुनवाई। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने दाखिल की थी याचिका।

Update:2023-08-09 19:35 IST

Varanasi News: ज्ञानवापी परिसर में कोर्ट कमीशन के सर्वे की कार्रवाई के दौरान मिले शिवलिंग पर पूजा पाठ, राग-भोग को लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की तरफ से 4 जून 2022 को एक याचिका सीविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दाखिल की गई थी। जिसपर आज कोर्ट ने सुनवाई करते हुए 17 तारीख का समय मुकर्रर किया है। बता दें कि ज्ञानवापी परिसर में कोर्ट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान वजूखाने से शिवलिंग नुमाआकृति मिली थी, जिसको लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कोर्ट में याचिका फाइल करते हुए पूजा पाठ और राग भोग का अधिकार मांगा था।

शंकराचार्य के अधिवक्ता ने दी जानकारी

अवमुक्तेश्वरानंद के अधिवक्ता रमेश उपाध्याय ने बताया कि संत अवमुक्तेश्वरानंद की तरफ से 98 ग प्रार्थना पत्र दिया गया था, जिसपर मुस्लिम पक्ष की तरफ से आपत्ति दी जा चुकी है। प्रार्थना पत्र में कहा गया कि पूजा, राग-भोग की व्यवस्था की जाए, निचली अदालत हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक यह कहा गया है कि वह शिवलिंग है, किसी के फव्वारा कहने से फव्वारा नहीं हो जाएगा। कोर्ट के आदेश में क्या लिखा हुआ है, यह महत्वपूर्ण होता है। वहां पर जो भी चीजें मिली है, उसका संरक्षण भी उसके नेचर के अनुसार ही होना चाहिए। भगवान को न्यायालय की तरफ से नाबालिक माना जाता है। उनके संरक्षण की जिम्मेदारी, जो वहां के सेवइत हैं या मंदिर की व्यवस्था का संचालन करने वाले लोगों पर होती है। इसी बात को लेकर 98 ग प्रार्थना पत्र कोर्ट में दाखिल किया गया था।

भगवान के पूजा पाठ और राग-भोग के अधिकार की मांग

अधिवक्ता ने बताया कि आज कोर्ट ने पूछा कि क्या मुस्लिम पक्ष की आपत्ति आ गई है तो माननीय न्यायालय को बताया गया कि इसमें मुस्लिम पक्ष की तरफ से आपत्ति आ गई है। एरिया सील्ड होने के बाद भी भगवान को उनके पूजा-पाठ और रात भोग से वंचित नहीं किया जा सकता है। इस पर जब माननीय अदालत का निर्णय आ चुका है तो जिला प्रशासन और उत्तर प्रदेश सरकार को चाहिए कि आगे आकर भगवान के पूजा पाठ और राग-भोग का अधिकार प्रदान करें।

शिवलिंग की तरह मिलना चाहिए धार्मिक सम्मानः रमेश उपाध्याय अधिवक्ता

अदालत ने जब यह निर्णय दे दिया कि वह शिवलिंग है तो उसे शिवलिंग के रूप में मर्यादा मिलनी चाहिए और शिवलिंग के रूप में ही उसकी पूजा होनी चाहिए। सावन का महीना चल रहा है और सावन के महीने में उत्तर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन को तत्काल प्रभाव से आदेशित करके भगवान शिव की पूजा कर देनी चाहिए। पूजा पाठ का एप्लीकेशन माननीय जिलाधिकारी के यहां है तो उसे तत्काल प्रभाव से सावन के महीने में डिस्पोज कर दिया जाना चाहिए।

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