Gyanvapi ASI Survey: ज्ञानवापी में ASI सर्वे का आज अंतिम दिन, 100 दिन तक चल सर्वे से सच्चाई आएगी सामने

Gyanvapi ASI Survey: ASI टीम के द्वारा सर्वे के दौरान जो भी साक्ष्य मिले हैं वाराणसी के जिलाधिकारी की निगरानी में लॉकर में जमा करा दिया गया है। आज शाम तक ASI की टीम सर्वे में मिले 250 अवशेष की रिपोर्ट की सूची सौंप देगी।

Update: 2023-11-16 06:25 GMT

Gyanvapi ASI Survey ( Newstrack)

Gyanvapi ASI Survey: ज्ञानवापी में ASI सर्वे का आज यानी गुरुवार को अंतिम दिन है। 100 दिन से अधिक चले सर्वे से मिले साक्ष्यों से ज्ञानवापी का सच सामने आएगा। ASI टीम के द्वारा सर्वे के दौरान जो भी साक्ष्य मिले हैं वाराणसी के जिलाधिकारी की निगरानी में लॉकर में जमा करा दिया गया है। आज शाम तक ASI की टीम सर्वे में मिले 250 अवशेष की रिपोर्ट की सूची सौंप देगी। हिंदू पक्ष के द्वारा वाराणसी की जिला जज की कोर्ट में एएसआई सर्वे कराने की याचिका लगाई गई थी सुनवाई के बाद जिला जज की कोर्ट ने एएसआई सर्वे का आदेश दिया था । 21 जुलाई को वाराणसी की जिला जज की कोर्ट ने एएसआई सर्वे का आदेश दिया था। सर्वे में सील्ड एरिया वजूखाने को छोड़ कर बाकी संपूर्ण परिसर का सर्वे का आदेश कोर्ट के द्वारा दिया गया था।

वाराणसी की जिला जज की कोर्ट के आदेश को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में एएसआई सर्वे को लेकर एक याचिका डाली गई, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने एएसआई सर्वे पर रोक लगा दिया था। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दोबारा एएसआई सर्वे शुरू हुआ। 4 अगस्त से दोबारा कोर्ट के आदेश पर सर्वे का कार्य शुरू हुआ। 2 महीने की कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद ASI की टीम सर्वे का कार्य शुरू किया, जिसके बाद एएसआई की तरफ से तीन बार समय बढ़ाने के लिए कोर्ट में एप्लीकेशन डाली गई। जिसके बाद कोर्ट ने एएसआई को और समय दिया।



 


3 D फोटोग्राफी, स्कैनिंग और GPR जैसे टेक्निक का हुआ इस्तेमाल

ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान दुनिया की सबसे एडवांस टेक्निक का प्रयोग किया गया। पूरे ज्ञानवापी परिसर में एएसआई की टीम ने GPR अर्थात ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार का उपयोग किया गया, जिससे जमीन के अंदर से लेकर बाहरी दीवार, अंदर के छत और फर्श समेत कलाकृतियों का भी मूल्यांकन किया गया। जीपीआर सर्वे में कानपुर आईआईटी के एक्सपर्ट और हैदराबाद के एक्सपर्ट्स को शामिल किया गया। पूरे परिसर को एग्जामिन करने के लिए चार जगहों पर जीपीआर मशीन लगाई गई। जीपीआर मशीन से ज्ञानवापी का सच सामने आ जाएगा। सैंपल कलेक्शन के दौरान एएसआई सर्वे टीम को सैकड़ों साल पुराने अवशेषों का भी सर्वे किया गया। एएसआई के एडिश्नल डायरेक्टर कल कोर्ट में पेश करेंगे। सर्वे में मिले सबूतों की बात करें तो एएसआई की टीम को खंडित मूर्तियां, चिन्ह आकृतियां, दरवाजे पर बने हुए चिन्ह के सैंपल, टूटे हुए घड़े समेत और भी कई सामग्रियां वाराणसी के कोषागार के डबल लॉकर में रखे गए हैं। प्रमाण के तौर पर संरक्षित सामग्रियों में मगरमच्छ, कच्छप, घोड़ा, यामिनी, कलश, हाथी, सर्प आदि के टुकड़े भी शामिल हैं। 

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