Gyanvapi Case: ज्ञानवापी के तहखाने पहुंची ASI सर्वे टीम, हिन्दू पक्ष का दावा- अंदर खंभों के अवशेष मिले
Gyanvapi ASI Survey: हिंदू पक्ष के अधिवक्ता अनुपम द्विवेदी ने आगे बताया कि, 'पिछले सर्वे और इस सर्वे में जमीन-आसमान का फर्क है। ये समय 'रिकवरी और डिसकवरी' का है।
Gyanvapi ASI Survey: वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर का ASI सर्वे दूसरे दिन भी पूरा हुआ। एएसआई की टीम ने सर्वे प्रक्रिया शनिवार (05 अगस्त) को दो चरणों में शाम 5 बजे तक पूरी की। आज के सर्वे की खास बात ये रही कि मुस्लिम पक्ष भी कार्यवाही में शामिल रहा। सर्वे में पूरा सहयोग किया। विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र (Vishwanath Temple Area) में सुरक्षा-व्यवस्था चाक-चौबंद रही। अब, रविवार को तीसरे दिन सुबह 8 बजे एक बार फिर सर्वे का काम शुरू होगा।
ASI सर्वे टीम ने ज्ञानवापी के बाहरी दीवारों को मापा। आज तहखाना खुला। उसकी सफाई की गई। दीवारों को ब्रश से साफ किया गया। वहां कई साक्ष्य मिले हैं। कुछ मूर्तियों के अवशेष और टूटे हुए खंभे भी मिले हैं, जिसकी एएसआई टीम बारीकी से जांच कर रही है।
आज मैपिंग और स्क्रीनिंग का काम हुआ
ज्ञानवापी परिसर में हिंदू पक्ष के वकील अनुपम द्विवेदी (Anupam Dwivedi) भी मौजूद थे। दूसरे दिन का सर्वेक्षण कार्य संपन्न होने के बाद उन्होंने बताया कि, 'ये सर्वे GPR तकनीक से किया जा रहा है। ये काफी अत्याधुनिक है। इससे भवन को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचेगा। उन्होंने ये भी बताया कि, आज एक मशीन जीएनएसएस का भी इस्तेमाल हुआ, जिससे 3D इमेजिंग की गई। यह सेटेलाइट से जुड़ा होता है। पूरे परिसर की मैपिंग की गई। व्यास जी के तहखाने के अंदर भी सर्वे टीम पहुंची। जहां सफाई की गई। आज मैपिंग और स्क्रीनिंग का काम हुआ।'
व्यास जी के तहखाने में खंभों के अवशेष मिले
हिंदू पक्ष के अधिवक्ता अनुपम द्विवेदी ने बताया कि, 'व्यास जी के तहखाने में मूर्ति नहीं दिखी। लेकिन, अंदर खंभों के अवशेष अवश्य मिले हैं। मीडिया ने जब उनसे पूछा कि, पिछले कोर्ट कमीशन की कार्यवाही और इस बार के एएसआई सर्वे की कार्यवाही में क्या अंतर है? इस पर हिन्दू पक्ष के वकील ने बताया कि, पिछले सर्वे में किसी भी चीज को छूने की इजाजत नहीं थी, लेकिन इस बार का सर्वे साइंटिफिक तरीके से हो रहा है। इसमें एक एक चीजों की जांच वैज्ञानिक विधि से किया जा रहा है।'
रिकवरी और डिसकवरी का समय है
हिंदू पक्ष के अधिवक्ता अनुपम द्विवेदी ने आगे बताया कि, 'पिछले सर्वे और इस सर्वे में जमीन-आसमान का फर्क है। पिछली बार हम लोगों को कुछ भी छूना नहीं था। उन्होंने कहा, इस बार का सर्वे 'रिकवरी और डिसकवरी' का समय है। जल्द ही सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।'