Gyanvapi Case: मुस्लिम पक्ष ने नहीं खोला ज्ञानवापी तहखाने का ताला, क्या छुपाने की हो रही कोशिश?'...ASI टीम न छुए मस्जिद'

Gyanvapi Mosque ASI Survey: ज्ञानवापी परिसर में पहले दिन ASI सर्वे की कार्यवाही तक़रीबन 6 घंटे तक चली। इस दौरान पेपर वर्क के साथ-साथ पश्चिमी दीवार की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी हुई। लेकिन, तहखाने का सर्वे नहीं हो पाया। शनिवार सुबह एक बार फिर सर्वे की कार्यवाही होगी।

Update:2023-08-04 22:52 IST
Gyanvapi Mosque ASI Survey (Social Media)

Gyanvapi Mosque ASI Survey: वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर में आख़िरकार ASI सर्वे शुरू हो गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद 4 अगस्त को भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण (एएसआई) टीम ने सर्वे की कार्यवाही शुरू की। हालांकि, इस पर रोक के लिए मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, मगर उसे निराशा हाथ लगी। पहले दिन, करीब 6 घंटे तक सर्वे का काम चला। सुबह 8 बजे से 11:30 बजे तक और फिर जुमे की नमाज के बाद सर्वे का काम जारी रहा। शनिवार (05 अगस्त) की सुबह एक बार फिर ASI टीम सर्वे कार्य में जुटेगी। सुबह 9 बजे से कार्य आगे बढ़ाया जाएगा।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम ने 4 अगस्त की कार्यवाही के दौरान न केवल कागजी काम किया, बल्कि ज्ञानवापी की पश्चिमी दीवार की फोटोग्राफी भी की। सर्वे शुरू होने से हिंदू पक्ष में खुशी देखी गई। इस बीच, एक तरफ जहां सर्वे को न केवल सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिली, बल्कि वाराणसी के जिला जज ने भी ASI सर्वे की रिपोर्ट वाली मियाद बढ़ाकर 4 हफ्ते कर दी है। शनिवार सुबह एक बार फिर सर्वे की कार्यवाही आगे बढ़ेगी।

पहले दिन तहखाने में नहीं हो पाया सर्वे

ASI की टीम ने सर्वे की कार्यवाही शुरू की तो देश-दुनिया की निगाहें ज्ञानवापी की तरफ टिकी रही। सर्वे टीम में शामिल वादी महिला रेखा पाठक (Rekha Pathak ) ने देर शाम मीडिया को बताया कि 'ज्ञानवापी मस्जिद के वजू खाना वाले प्रतिबंधित हिस्से को छोड़कर सभी भाग के सर्वे की कार्यवाही हुई। उन्होंने बताया मापने (Measurement) जैसे कार्य भी हुए।' हिन्दू और मुस्लिम पक्ष दोनों की नजर तहखाने पर टिकी थी। लेकिन, पहले दिन के सर्वे में तहखाना में प्रवेश नहीं हो पाया। इसकी वजह, ये थी कि मुस्लिम पक्ष ने न तो ताला खोला और न ही चाबी ही दी।

पश्चिमी दीवार की फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी हुई

न्यूज़ चैनल 'आज तक' से बातचीत में रेखा पाठक ने कहा, मुस्लिम पक्ष शुक्रवार को सर्वे के दौरान नहीं आया। लेकिन, आगे की कार्यवाही में उसे शामिल होना ही होगा और सहयोग भी देना पड़ेगा। रेखा ने सर्वे के बारे में बताया कि शुक्रवार को ज्ञानवापी के पश्चिमी दीवार की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की गई। साथ ही, जीपीआर टेक्नोलॉजी (GPR Technology) का इस्तेमाल किया गया।

पेपर वर्क की कार्यवाही हुई

एएसआई सर्वे की टीम में कई विशेषज्ञ शामिल हैं। उन्हीं में से एक हैं वाराणसी के जिला शासकीय अधिवक्ता महेंद्र प्रसाद पांडे (Mahendra Prasad Pandey)। उन्होंने बताया कि, 4 अगस्त की कार्यवाही बाहर-बाहर पेपर वर्क की हुई है। शेष काम शनिवार को किया जाएगा।

DCP बोले- सब अच्छे से संपन्न होगा

इसी मामले में वाराणसी के काशी जोन के डीसीपी आरस गौतम (DCP Aras Gautam, Kashi Zone) ने बताया कि 'शुक्रवार को बढ़िया तरीके से सभी कार्य संपन्न हुए। परिसर में श्रद्धालुओं को दर्शन-पूजन में भी किसी तरह की दिक्कत नहीं आई। उन्होंने उम्मीद जताई कि आगे भी सब अच्छे से संपन्न होगा।'

SC का निर्देश- ASI टीम न छुए मस्जिद को

ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष को सर्वोच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया, जिसमें ASI को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में वैज्ञानिक सर्वे करने की अनुमति दी गई थी। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी थे। सुप्रीम कोर्ट सुनवाई में बेंच ने कहा कि, 'ASI सर्वे के दौरान मस्जिद को न ही छुआ जाए और कोई खुदाई हो।'

Places of Worship Act का हवाला भी काम न आया

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील अहमदी ने कहा कि, यह सर्वे प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991 (Places of Worship Act, 1991) का उल्लंघन करता है, जो 1947 में मौजूद धार्मिक स्थलों के चरित्र में बदलाव पर रोक लगाता है। शीर्ष अदालत ने कहा, ASI ने अदालत को भरोसा दिया है कि किसी भी तरह से इमारत को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।'

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