Gyanvapi Case: बंद तहखाने के ASI सर्वे पर मुस्लिम पक्ष की आपत्ति, कहा- मस्जिद को पहुंचेगी क्षति
Gyanvapi Case: ज्ञानवापी के बंद तहखानों का एएसआई से सर्वे कराने की मांग की गई। यह आवेदन इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने दाखिल किया। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अगली तारीख नियत की।
Gyanvapi Case: ज्ञानवापी केस आज किसी के परिचय का मोहताज़ नहीं है। यह मामला बिलकुल उसी तरह है जिस प्रकार राम मंदिर का था। कुछ समय पहले आयी सर्वे रिपोर्ट के बाद अदालत ने ज्ञानवापी में पूजा करने की अनुमति दे दी थी। मगर जिन तहखानों का सर्वे होना बाकी था उनके लिए सोमवार को, प्रभारी जिला जज अनिल कुमार पंचम की अदालत में, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे कराने के लिए एक आवेदन देने की मांग की गई। जिला जज की अदालत में सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से मामले में आपत्ति जताई गई। मामले में कहा गया कि तहखाने में सर्वे कराने से मस्जिद को क्षति पहुंचेगी। कोर्ट ने इस मामले में दोनों पक्षों को सुना, और हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई के कारण सभी पक्षकारों की सहमति से 15 फरवरी को अगली तारीख दे दी गई।
एएसआई की रिपोर्ट के अनुसार, ज्ञानवापी में अठारह तहखाने
अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने बताया कि एएसआई की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार ज्ञानवापी में आठ तहखाने हैं। इनमें से एस-1 और एन-1 तहखाना का सर्वे नहीं हुआ है। इन दोनों तहखानों के भीतर प्रवेश करने का रास्ता ईंट-पत्थर से बंद कर दिया गया है। ज्ञानवापी में जो तहखाने दृश्यमान हैं, उनके अलावा भी अन्य तहखानों के होने की संभावना जताई गई है। ज्ञानवापी के दक्षिण तहखाने के समीप कुएं भी हैं।
तहखानों की साफ़-सफाई के लिए अदालत में अनुरोध
जिन तहखानों में सर्वे नहीं हुआ है, वहां प्राचीन ज्ञानवापी मंदिर का गर्भगृह होने की संभावना है। इसलिए अदालत से अनुरोध किया गया है कि सभी तहखानों का मलबा हटा कर साफ-सफाई करा कर उनका एएसआई से सर्वे कराया जाए। उधर, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने आवेदन पत्र प्राप्त कर उस पर आपत्ति दाखिल करने की बात कही है।