IIT-BHU की छात्रा से गैंगरेप के 2 आरोपी 7 महीने बाद जेल से बाहर, घर पहुंचने पर हुआ जमकर स्वागत

IIT-BHU Gang Rape: आईआईटी- बीएचयू की छात्रा से गैंगरेप के आरोपी कुणाल पांडेय, आनंद उर्फ अभिषेक चौहान को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है तो वहीं तीसरा आरोपी सक्षम पटेल अभी जेल में रहेगा।

Newstrack :  Network
Update:2024-08-31 13:18 IST

आईआईटी- बीएचयू की छात्रा से गैंगरेप के 2 आरोपी 7 महीने बाद जेल से बाहर   (photo: social media )

IIT-BHU Gang Rape: यूपी के वाराणसी स्थित आईआईटी- बीएचयू की छात्रा से गैंगरेप के तीन आरोपियों में से 2 आरोपी व पूर्व बीजेपी नेता कुणाल पांडेय और अभिषेक चौहान 7 महीने बाद जेल से रिहा हो गए हैं। घर पहुंचने पर इन आरोपियों का बिलकिस बानो मामले की तरह जमकर स्वागत हुआ। हालांकि, तीसरा आरोपी सक्षम पटेल अभी जेल में है उसकी जमानत अर्जी पर सुनवाई 16 सितंबर को होगी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कुणाल पांडेय और आनंद उर्फ अभिषेक चौहान को सशर्त जमानत दी है। वहीं, सक्षम पटेल की जमानत अस्वीकार कर दी। शुक्रवार को परिजन जब दोनों को लेकर घर पहुंचे तो उनका जमकर स्वागत किया गया। गैंगरेप के तीनों आरोपी भाजपा आईटी सेल से जुड़े थे और सरकार के मंत्री-विधायक समेत बड़े नेताओं के संपर्क में थे।

इस हाई प्रोफाइल मामले में वाराणसी पुलिस ने 17 जनवरी को गैंगरेप की चार्जशीट दाखिल की थी। लंका पुलिस ने तीनों आरोपियों पर गैंगस्टर लगाया था। गैंगस्टर केस दर्ज होने के बाद लगातार उनकी जमानत याचिका खारिज हो रही थी।

सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना

दोनों आरोपियों की रिहाई की खबर फैलाने के बाद यूपी सरकार की सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हो रही है। एक सोशल मीडिया यूजर ने एक्स पर लिखा कि, आईआईटी- बीएचयू की छात्रा के बलात्कारी, कुणाल और आनंद बेल पर बाहर आ गए हैं। देश में खुशी का माहौल, परिवार के लोगों ने बांटी मिठाइयां। देश में बेटियां सुरक्षित नहीं रह पाएंगी, जब तक बलात्कारी जमानत पर बाहर आएंगे।


शायद ये भाजपा से ही बचाने की बात करते हैं

जबकि आम आदमी पार्टी के विधायक ने लिखा कि, इस दरिंदे का चेहरा तो आप लोग को याद ही होगा। इन तीनो दरिंदो ने बीएचयू में बंदूक के दम पर एक छात्रा का गैंगरेप कर विडियो बनाया था। ये तीनो दरिंदे भाजपा के पदाधिकारी हैं। इन दरिंदो को बेल मिल गया। बेल का कारण सरकार की तरफ से लचर पैरवी बताया गया। सोचिए की कितनी हैवान है योगी सरकार की इन दरिंदो को बचाने के लिए कोर्ट ने पैरवी ही कमजोर कर दिया। दूसरी तरफ ये भाजपा बेटी बचाओ की बात करते है, शायद ये भाजपा से ही बचाने की बात करते हैं।

एक अन्य यूजर ने आरोपियों की भाजपा नेताओं के साथ फोटो पोस्ट करते हुए लिखा, दरिंदो को जमानत मिल गई है, फूल मालाओं से स्वागत भी हुआ इसके पहले गुजरात के गैंगरेप के आरोपियों को जमानत मिलने के बाद फूल-मालाओं से उनका स्वागत हुआ था जब तक रेपिस्टों का फूल मालाओं से स्वागत होता रहेगा तब तक गैंगरेप होते रहेंगे।


पुलिस ने तीनों को बताया था पेशेवर अपराधी

तीनों आरोपी आनंद उर्फ अभिषेक चौहान, कुणाल पांडेय और सक्षम पटेल को घटना के 60 दिन बाद लंका क्षेत्र से 30 दिसंबर 2023 को गिरफ्तार किया गया था। जज ने 31 दिसंबर 2023 से तीनों आरोपी न्यायिक रिमांड पर जिला जेल में बंद थे। उन्हें जघन्य वारदातों में शामिल आरोपियों की बैरक में रखा गया था।

पुलिस चार्जशीट में तीनों आरोपियों के रूट चार्ट, सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन को आधार बनाया गया था। इसके साथ ही पीड़ित छात्रा, उसके दोस्त और एक गार्ड के बयान को भी आरोपियों के खिलाफ आधार बनाया गया। वॉट्सऐप चैट को भी कोर्ट में पेश कर जब्त बुलेट का भी जिक्र किया गया। कोर्ट में पुलिस ने बताया कि तीनों पेशेवर अपराधी हैं, जनता के बीच तीनों को जाने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए।


अभियोजन की लचर पैरवी पर मिली जमानत

आरोपी आनंद उर्फ अभिषेक चौहान ने 11 नवंबर 2023 को जमानत याचिका दायर की थी, जिस पर कई बार सुनवाई हुई लेकिन तारीख बढ़ गई। परिजनों की बीमारी समेत कई कारण बताने पर कोर्ट ने 2 जुलाई को जमानत याचिका पर संज्ञान लिया। अभियोजन की लचर पैरवी के बीच कोर्ट ने उसकी जमानत स्वीकार कर ली लेकिन जमानत में कई शर्ते लगा दी। एक-एक लाख के 2 जमानतदारों का वैरिफिकेशन में कई दिन का समय लग गया। इसके चलते आनंद की रिहाई 24 अगस्त को हो सकी।

दूसरे आरोपी कुणाल पांडे ने भी 2 जुलाई 2024 को हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की। जिस पर 4 जुलाई को कोर्ट ने उसकी जमानत स्वीकार कर ली, लेकिन जमानत की शर्तों के बीच उसकी रिहाई 29 अगस्त को हो सकी।


वाराणसी कोर्ट ने खारिज कर दी थी तीनों की याचिका

एडीजीसी मनोज गुप्ता ने बताया कि आईआईटी-बीएचयू गैंगरेप के तीनों आरोपियों की सुनवाई वाराणसी फास्ट ट्रैक कोर्ट (पाक्सो) में चल रही है। जुलाई में तीनों आरोपियों ने कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी। अभियोजन के विरोध पर तीनों आरोपियों कुणाल पांडेय, आनंद उर्फ अभिषेक चौहान और सक्षम पटेल की जमानत अर्जी खारिज कर दी। यह पहली बार नहीं था बल्कि इससे पहले दो बार कोर्ट उनकी याचिका खारिज कर चुका था। आरोपियों के खिलाफ केस और पुलिस की चार्जशीट ही मजबूत थी। याचिका खारिज होने के बाद सभी ने हाईकोर्ट की शरण ली, जहां से दो को जमानत मिल गई।


22 अगस्त को रेप पीड़िता ने कोर्ट में दर्ज कराया बयान

अभियोजन के वकील ने बताया कि एफटीसी कोर्ट ने आईआईटी-बीएचयू गैंगरेप की सुनवाई को तेज कर दिया है। केस में सबसे पहले दुष्कर्म पीड़िता को कोर्ट ने 22 अगस्त को तलब किया था, जिसके बाद पुलिस सुरक्षा में पीड़ित को एफटीसी कोर्ट में पेश किया गया था। पीड़िता ने बीएचयू की वारदात को कोर्ट के सामने रखा। उसने बताया कि तीनों आरोपियों ने दरिंदगी की, धमकाया और फिर फरार हो गए।


आरोपियों के खिलाफ अब तक 2 चार्जशीट दाखिल

आईआईटी-बीएचयू गैंगरेप के आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने अब तक दो चार्जशीट दाखिल की है। इसमें पहली चार्जशीट 17 जनवरी को कोर्ट में पेश की गई, जिसमें आरोपियों के खिलाफ 376 (डी) समेत अन्य धाराएं शामिल की गई। केस में कार्रवाई के बीच पुलिस ने तीनों आरोपियों पर गैंगस्टर लगाया, जिसमें भी अगले सप्ताह ही चार्जशीट दाखिल कर दी गई।

लंका थाने में दर्ज किए गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में पुलिस ने आनंद चौहान उर्फ अभिषेक को गैंग लीडर बताया। वहीं, कुणाल पांडेय और सक्षम पटेल उसके गिरोह के सदस्य बताए। इसमें पुलिस ने आनंद चौहान उर्फ अभिषेक और उसके परिजनों के खिलाफ 29 जून 2022 को भेलूपुर थाने में छेड़खानी सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया था।


पकड़ने में लगा दिए 60 दिन, मप्र में शरण पाए थे आरोपी

वारदात को अंजाम देकर तीनों आरोपी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कैंपेनिंग के लिए चले गए थे और लगभग 55 दिन वहीं शरण पाए रहे। पुलिस जांच पड़ताल में लगी थी। तीनों के वाराणसी आते ही पुलिस एक्टिव हुई और 60 दिन बाद पकड़ सकी। सूत्रों का कहना है कि आरोपियों के सत्तादल में पदाधिकारी होना भी गिरफ्तारी में लेटलतीफी का कारण था, शासन से क्लियरेंस मिलने के बाद तीनों की गिरफ्तारी की बात सामने आई। गिरफ्तारी के 10 दिन पहले ही इस मामले की जांच कर रहे एसीपी भेलूपुर प्रवीण सिंह का भी ट्रांसफर कर दिया गया था।

क्या हुआ था वारदात वाली रात?

पीड़ित ने 2 नवंबर को पुलिस को दी शिकायत में कहा था, मैं 1 नवंबर की रात 1ः30 बजे अपने हॉस्टल से किसी जरूरी काम के लिए बाहर निकली। कैंपस के गांधी स्मृति चौराहे के पास मुझे मेरा दोस्त मिला। हम दोनों साथ में जा रहे थे कि रास्ते में कर्मन बाबा मंदिर से करीब 300 मीटर दूर पीछे से एक बुलेट आई। उस पर 3 लड़के सवार थे। उन लोगों ने बाइक खड़ी करके मुझे और मेरे दोस्त को रोक लिया। इसके बाद उन लोगों ने हमें अलग कर दिया। मेरा मुंह दबाकर मुझे एक कोने में ले गए। वहां पहले मुझे किस किया, उसके बाद कपड़े उतरवाए। मेरा वीडियो बनाया और फोटो खींची। मैं जब बचाव के लिए चिल्लाई तो मुझे मारने की धमकी दी। करीब 10-15 मिनट तक मुझे अपने कब्जे में रखा और फिर छोड़ दिया। मैं अपने हॉस्टल की ओर भागी तो पीछे से बाइक की आवाज आने लगी। डर के मारे मैं एक प्रोफेसर के आवास में घुस गई। वहां पर 20 मिनट तक रुकी और प्रोफेसर को आवाज दी। प्रोफेसर ने मुझे गेट तक छोड़ा। उसके बाद पार्लियामेंट सिक्योरिटी कमेटी के राहुल राठौर मुझे आईआईटी-बीएचयू पेट्रोलिंग गार्ड के पास लेकर पहुंचे। जहां से मैं अपने हॉस्टल तक सुरक्षित आ पाई। तीनों आरोपियों में से एक मोटा, दूसरा पतला और तीसरा मीडियम हाइट का था।

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