Varanasi News: ज्ञानवापी के मॉडल का किया अनावरण, केस के अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने कही ये बात
Varanasi News: वाराणसी के गिरिजा देवी की सांस्कृतिक संकुल में आदि महादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्यास के द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं मॉडल अनावरण के साथ-साथ 5 दिन की धर्म रक्षा प्रदर्शनी लगाई गई।
Varanasi News: वाराणसी के गिरिजा देवी की सांस्कृतिक संकुल में आदि महादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्यास के द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं मॉडल अनावरण के साथ-साथ 5 दिन की धर्म रक्षा प्रदर्शनी लगाई गई। ज्ञानवापी केस की पांचों वादिनी महिलाएं, अधिवक्ता हरिशंकर जैन समेत कई विद्वानों और संतों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। एक से 5 अगस्त तक चलने वाले इस प्रदर्शनी में आदि विश्वेश्वर मंदिर की कुछ दुर्लभ तस्वीरें लगाई गई हैं।
ज्ञानवापी में मिले सबूतों की फोटो लगाई
इस प्रदर्शनी में सबसे खास बात यह है कि ज्ञानवापी परिसर के अंदर मिले सबूतों को साक्ष्य और फोटो को लगाया गया है। प्रदर्शनी में पहली बार ज्ञानवापी मंदिर का मॉडल लगाया गया। देश और दुनिया के सामने ज्ञानवापी मंदिर का मॉडल प्रस्तुत किया गया है। इस प्रदर्शनी में शामिल हुए बुद्धिजीवियों ने ‘ज्ञानवापी मसला राष्ट्रीय समस्या और समाधान’ के विषय पर विशेष रूप से चिंतन किया।
ज्ञानवापी केस से देश का युवा जगा है: सुभाष नंदन
ज्ञानवापी केस के अधिवक्ता सुभाष नंदन ने बताया कि यह मॉडल हमारी आस्था है। हमारी संस्कृति को औरंगजेब ने ध्वस्त किया था। तत्कालीन आदि विश्वेश्वर मंदिर को औरंगजेब ने जो ध्वस्त किया था, उसको साकार करने का एक प्रयास मात्र है। हम लोगों ने इस मॉडल के रूप में उसे पूरा साकार करने का प्रयास किया है। मंदिर को लेकर जो कल्पना हम लोगों के दिमाग में है। ट्रस्ट के माध्यम से विष्णु शंकर जैन, हरिशंकर जैन, रामप्रसाद जी की उपस्थिति में यह मॉडल रखा गया है। यही मॉडल आगे चलकर मंदिर का भव्य स्वरूप लेगा। इसके माध्यम से हम लोगों को जागृत करने का प्रयास करेंगे और साथ ही लोगों को यह बताया जाएगा कि आदि विश्वेश्वर का मंदिर ऐसा था। इसका मूल प्रयास देश में जनजागृति है। तोड़े हुए हिस्से के कल्पना को साकार कर आज यह मॉडल प्रस्तुत किया है। इस केस में देश का युवा जगा है।
आदि विश्वेश्वर की प्रदर्शनी से जनजागृति फैलाना उद्देश्य: हरिशंकर जैन
ज्ञानवापी केस के अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यह सबको मालूम है कि यह पहले बाबा भोलेनाथ आदि विश्वेश्वर का भव्य मंदिर था। जिसको औरंगजेब ने तुड़वा दिया था। उस मंदिर का क्या स्वरूप था, उसका एक चित्र बनाया गया है। वो जन जागरण के लिए रखा जाएगा ताकि पब्लिक को मालूम हो कि भारतीय संस्कृति क्या थी। उसका स्वरूप क्या था, यह बताना उद्देश्य है।
इस प्रदर्शनी के माध्यम से लोगों के बीच यह मैसेज जाएगा कि हम लोग हवा में नहीं लड़ रहे हैं बल्कि हमारे पास पूरे तथ्य मौजूद हैं। ज्ञानवापी परिसर के अंदर से सबूत चीख-चीखकर मंदिर होने का दुहाई दे रहे हैं। कोर्ट ने भी इस बात को मान लिया है। अब जल्दी ही हम लोगों के फेवर में फैसला हो जाएगा। इस प्रदर्शनी के माध्यम से समाज में जन जागृति फैलाना हम लोगों का उद्देश्य है।