Sawan 2024: सावन में बाबा विश्वनाथ के सिर्फ होंगे झांकी दर्शन, भक्त नहीं कर सकेंगे स्पर्श

Sawan 2024: सावन सोमवार, प्रदोष और शिवरात्रि की तिथियों पर भीड़ होने की संभावना के चलते स्पर्श दर्शन पर रोक रहेगी। शिवभक्तों के लिए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में खास इंतजाम किए जा रहे हैं।

Update: 2024-07-02 07:21 GMT

सावन में बाबा विश्वनाथ के सिर्फ होंगे झांकी दर्शन (सोशल मीडिया)

Sawan 2024: भगवान भोलेनाथ के सबसे प्रिय माह सावन की 22 जुलाई से शुरूआत होने वाली है। सावन माह में भक्त भोलेनाथ की भक्तिभाव से आराधना करते है। श्री काषी विश्वनाथ धाम में सावन माह में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के मद्देनजर श्री काशी विश्वनाथ धाम मंदिर प्रशासन व्यवस्थाओं में कई बदलाव की तैयारी कर रहा है। इसके तहत ऑनलाइन दर्शन-पूजन और रूद्राभिषेक के साथ ही झांकी दर्शन की व्यवस्था की जाएगी।

सावन सोमवार, प्रदोष और शिवरात्रि की तिथियों पर अधिक भीड़ होने की संभावना के चलते स्पर्श दर्शन पर रोक रहेगी। सावन में आने वाले शिवभक्तों के लिए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में खास इंतजाम किए जा रहे हैं। प्रसाद से लेकर फूल, माला और दूध का इंतजाम भी धाम में ही होगा। लाइन में लग कर भगवान भोलेनाथ के दर्षन करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को प्रसाद लेने में भी कोई समस्या नहीं होगी।

श्रद्धालु धाम के अंदर ही जल, फूल, माला, दूध और प्रसाद खरीद सकेंगे। इसके साथ ही वीआईपी दर्शन के लिए अलग से इंतजाम किये जा रहे हैं। सावन के पहले सोमवार को 18 प्रदेशों से आ रहे 50 हजार यादव बंधुओं के जलाभिषेक के लिए भी अलग से व्यवस्था बनायी जा रही है।


19 अगस्त को होगा आखिरी सावन सोमवार

22 जुलाई से शुरू हो रहे सावन माह का समापन 19 अगस्त को होगा। इस बार सावन माह में पांच सोमवार पड़ रहे हैं। सावन में पांच सोमवार बेहद शुभ माने जाते हैं। इस साल सावन की शुरूआत ही सोमवार के दिन से ही हो रही है। साथ ही इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, प्रीति और आयुष्मान योग भी बन रहे हैं। इसलिए इस बार सावन का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है। सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई, दूसरा 29 जुलाई, तीसरा 5 अगस्त, चौथा 12 अगस्त और पांचवां सोमवार 19 अगस्त को पड़ रहा है।

एक माह होगी शिवमहापुराण की कथा

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय ने बताया कि सावन माह में शिवमहापुराण की कथा का अनवरत पाठ होगा। इसके लिए भी तैयारियां तेजी से की जा रही हैं। बाबा विश्वनाथ के दर्शन के बाद श्रद्धालु भगवान शिव की कथा भी सुन सकेंगे।

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