Varanasi News: मुख्तार अंसारी को सजा के बाद पुलिस सतर्क, सुरक्षा की हुई समीक्षा

Varanasi News: अवधेश राय हत्याकांड मामले में कोर्ट से फैसला आने के बाद अजय राय की सुरक्षा को लेकर रिव्यू किया गया है। डिप्टी पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने ‘न्यूजट्रैक’ की टीम से बातचीत करते हुए यह बताया। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि संवेदनशीलता के आधार पर रिव्यू कर यह निर्णय लिया जाता है कि सुरक्षा घटाना है कि बढ़ाना है।

Update: 2023-06-06 16:25 GMT
Security tightened in Varanasi

Varanasi News: माफिया मुख्तार अंसारी इन दिनों बेबस असहाय और लाचार दिख रहा है। बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी अपने जीवन का सबसे बुरा दिन देख रहा है। अवधेश राय हत्याकांड में माफिया मुख्तार अंसारी को सजा होने के बाद पुलिस विभाग बेहद चौकन्ना नजर आ रहा है। अवधेश राय के छोटे भाई और इस केस के गवाह अजय राय की सुरक्षा के सवाल पर वाराणसी के पुलिस उपायुक्त संतोष कुमार सिंह ने बताया कि अवधेश राय हत्याकांड मामले में मुख्तार अंसारी को सजा होने के बाद पुलिस सतर्क है। फिलहाल सुरक्षा घटाने बढ़ाने का कोई काम नहीं किया गया है, पहले से जो सुरक्षा मिली हुई है वह जारी बनी हुई है। कचहरी अंदर की सुरक्षा और बाहर की सुरक्षा पहले से ही मुस्तैद है। गवाहों की भी पहले से सुरक्षा दी गई है। संवेदनशीलता के आधार पर सुरक्षा बढ़ाई जाती है। लेकिन कल के फैसले के बाद सुरक्षा अलग से नहीं बढ़ाई गई है। हमलोग समय-समय पर सुरक्षा का रिव्यू करते रहते हैं और उसके आधार पर सुरक्षा को लेकर फैसला लिया जाता है।

अवधेश राय हत्याकांड मामले में फैसला आने के बाद सुरक्षा को लेकर रिव्यू

अवधेश राय हत्याकांड मामले में कोर्ट से फैसला आने के बाद अजय राय की सुरक्षा को लेकर रिव्यू किया गया है। डिप्टी पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने ‘न्यूजट्रैक’ की टीम से बातचीत करते हुए यह बताया। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि संवेदनशीलता के आधार पर रिव्यू कर यह निर्णय लिया जाता है कि सुरक्षा घटाना है कि बढ़ाना है। इस केस से संबंधित अधिवक्ता गवाह और जजेस की सुरक्षा पहले से ही बढ़ाई गई है अलग से कोई सुरक्षा नहीं बढ़ाया गया। सुरक्षा को लेकर समय-समय पर रिव्यू भी किया जाता है।

32 साल पुराने मामले में माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को हुई है सजा

माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के खिलाफ 1991 में दर्ज मुकदमे की सुनवाई पहले प्रयागराज और फिर 2020 से वाराणसी एमपी/एमएलए कोर्ट में चल रही है। इस मुकदमे को हाईकोर्ट ने 2020 में प्रयागराज से वाराणसी एमपी/एमएलए कोर्ट में स्थानांतरित किया गया था। अवधेश राय हत्याकांड मुख्तार के खिलाफ यूपी का ऐसा पहला केस है, जिसमें ओरिजिनल डॉक्यूमेंट के बिना पूरे केस की सुनवाई पूरी हुई। ओरिजिनल डॉक्यूमेंट की कॉपी को आधार मानकर केस में गवाह, जिरह, साक्ष्य और बहस हुई। वकीलों के मुताबिक, स्टेट में ये पहला केस होगा, जो किसी कोर्ट में बिना ओरिजिनल फाइल के लड़ा गया है।

3 अगस्त 1991 को वाराणसी के लहुराबीर में अवधेश राय की उनके घर के बाहर ही हत्या कर दी गई थी। हथियारबंद अपराधियों ने संभलने का मौका दिए बिना ही गोलियां बरसाकर अवधेश को मौत के घाट उतार दिया। वारदात के वक्त छोटे भाई अजय राय भी वहीं थे। जहां मर्डर हुआ वहां से चेतगंज थाना बस थोड़ी ही दूरी पर है। अवधेश राय को अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई। अजय राय की तरफ से इस मामले में नामजद आरोपी मुख्तार अंसारी, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम, भीम सिंह, कमलेश सिंह और राकेश समेत अन्य हैं। इस केस के 2 आरोपियों की मृत्यु हो चुकी है।

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