Varanasi News: सपा नेता हरीश मिश्रा पर वाराणसी में हमला, करणी सेना से जुड़ा विवाद बना वजह
Varanasi News: हरीश मिश्रा ने बताया कि कुछ दिन पहले उन्होंने करणी सेना पर एक बयान दिया था, जिसे लेकर शनिवार दोपहर करीब 1:30 बजे सात से आठ की संख्या में कुछ युवक असलहे और चाकू लेकर उन पर अचानक हमला करने पहुंचे।;
Varanasi News (Photo: Social Media)
Varanasi News: वाराणसी की राजनीति में शनिवार को उस समय हलचल मच गई जब समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और 'बनारस वाले मिश्रा जी' के नाम से प्रसिद्ध हरीश मिश्रा पर सिगरा क्षेत्र में जानलेवा हमला किया गया। यह हमला कथित तौर पर करणी सेना से जुड़े कुछ लोगों द्वारा किया गया, जो मिश्रा द्वारा कुछ दिन पहले दिए गए एक बयान से आहत थे।
हरीश मिश्रा ने बताया कि कुछ दिन पहले उन्होंने करणी सेना पर एक बयान दिया था, जिसे लेकर शनिवार दोपहर करीब 1:30 बजे सात से आठ की संख्या में कुछ युवक असलहे और चाकू लेकर उन पर अचानक हमला करने पहुंचे। मिश्रा ने आरोप लगाया कि ये लोग उनके बयान से नाराज़ थे और बदले की नीयत से हमला किया गया। घटना के तुरंत बाद मौके पर सिगरा इंस्पेक्टर संजय मिश्रा, विद्यापीठ चौकी प्रभारी और थाना चेतगंज की फोर्स के साथ पहुंचे और हालात को संभाला।
घटना के दौरान घायल हुए दो युवकों को पुलिस ने अपनी हिरासत में लेकर थाने पहुंचाया। घटना की सूचना मिलते ही सपा जिला अध्यक्ष सुजीत यादव, कैंट विधानसभा की पूर्व प्रत्याशी पूजा यादव सहित सैकड़ों कार्यकर्ता सिगरा थाने पहुंच गए और धरने पर बैठ गए। सपा नेताओं की स्पष्ट मांग थी कि जब तक हमले में शामिल असलहाधारी लोगों की गिरफ्तारी की सूचना नहीं दी जाएगी, धरना समाप्त नहीं किया जाएगा।
धरने के दौरान सपा कार्यकर्ताओं ने करणी सेना और भाजपा के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। वक्ताओं ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि यदि समाजवादी पार्टी के किसी भी कार्यकर्ता पर हमला होता है, तो इसके लिए योगी आदित्यनाथ ही जिम्मेदार होंगे, जो करणी सेना जैसे संगठनों को राजनीतिक संरक्षण दे रहे हैं।
करीब 6 घंटे तक थाने में धरना चलता रहा, जिसके दौरान एडीसीपी, एसीपी चेतगंज, चेतगंज थाने के इंस्पेक्टर और अन्य पुलिस अधिकारी पूरी फोर्स के साथ मौके पर तैनात रहे और स्थिति को नियंत्रित करते रहे। दोनों पक्षों ने पुलिस को लिखित शिकायत दी है और पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। एडीसीपी ने आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इसी दौरान थाने पर पहुंचे पत्रकारों ने जब घटना की जानकारी लेने की कोशिश की तो वहां मौजूद एक महिला पत्रकार के साथ हमलावर के परिवार की एक महिला ने बदसलूकी की। महिला पत्रकार जब रिकॉर्डिंग कर रही थीं, तब उसे रोका गया और उनका मोबाइल फोन जबरन बंद कराने की कोशिश की गई। विरोध करने पर पत्रकारों के साथ अभद्रता और गाली-गलौज की गई, जिससे मीडिया प्रतिनिधियों में रोष फैल गया। पत्रकारों ने इस घटना को लेकर थाने में कार्रवाई की मांग की है।
वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि हमला करने वालों में से दो युवकों को मौके पर ही दबोच लिया गया और उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया गया। पकड़े गए युवकों में से एक ने मीडिया से बातचीत में दावा किया कि वह करणी सेना का सदस्य नहीं है, लेकिन संगठन को पसंद करता है। उसने यह भी बताया कि वह मिश्रा से फोन पर बात करके आया था और हमले की मंशा से नहीं आया था, बल्कि खुद पर ही हमला हुआ है जिसमें वह घायल हो गया।
यह घटना वाराणसी की राजनीति में नया बवाल खड़ा कर गई है। 'बनारस वाले मिश्रा जी' अपने बेबाक बयानों के लिए हमेशा चर्चा में रहते हैं, लेकिन शायद ही उन्होंने सोचा होगा कि उनका एक बयान इतनी बड़ी घटना की वजह बन जाएगा। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है और राजनीतिक गलियारों में इस पर चसपा नेता हरीश मिश्रा पर वाराणसी में हमला, करणी सेना से जुड़ा विवाद बना वजहर्चा जोरों पर है।