Varanasi News: बेजुबान जानवरों के लिए अनाथालय चलाने वाली स्वाति बलानीं ने कहा- 'अनबोलते जीवों के प्रति द्वेष चिंता का विषय'
Varanasi News: स्वाति बलानी ने बताया कि भारत में पशु क्रूरता, विशेष रूप से सड़क कुत्तों के प्रति द्वेष, एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है, जिसमें 2010-2020 के बीच लगभग 493,910 जानवर पीड़ित हुए हैं। कुत्ते, विशेष रूप से सड़क कुत्ते, सबसे अधिक प्रभावित हैं।;
जानवरों के लिए अनाथालय चलाने वाली स्वाति बलानीं ने कहा- ' कुत्तों के प्रति द्वेष चिंता का विषय' (Photo- Social Media)
Varanasi News: उत्तर प्रदेश के जनपद वाराणसी के एक होटल में आयोजत प्रेस वार्ता में स्वाति बलानी ने बताया कि भारत में पशु क्रूरता, विशेष रूप से सड़क कुत्तों के प्रति द्वेष, एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है, जिसमें 2010-2020 के बीच लगभग 493,910 जानवर पीड़ित हुए हैं। कुत्ते, विशेष रूप से सड़क कुत्ते, सबसे अधिक प्रभावित हैं।
हाल के मामलों में कुत्तों के प्रति क्रूरता की घटनाएं शामिल हैं, जैसे कि इलेक्ट्रोक्यूशन, विकृति और पीटना। सड़क कुत्तों की आबादी, जो लगभग 60-62 मिलियन है, इस मुद्दे में योगदान करती है, जिसमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे राज्य उच्च काटने की घटनाओं की रिपोर्ट करते हैं। उन्होंने कहा कि कुत्ते के हमलों से संबंधित मानव मौतें प्रति वर्ष 18,000 से 20,000 के बीच होने का अनुमान है, जो मुख्य रूप से रेबीज के कारण होती हैं।
कुत्तों के साथ होने वाली हिंसा
कुछ हाल के महत्वपूर्ण घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि बेंगलुरु में एक सड़क कुत्ता अपने निजी अंगों के साथ खून से लथपथ पाया गया (मार्च 2025) - बेंगलुरु में एक कुत्ते के साथ यौन उत्पीड़न (मार्च 2025) - कटक, ओडिशा में एक घर के मालिक ने एक सड़क कुत्ते को मौत के घाट उतार दिया (मार्च 2025) - जम्मू में एक लड़के ने एक कुत्ते को लोहे की रॉड से मार डाला (मार्च 2025)- नोएडा में तेरह पिल्लों को अवैध रूप से फेंक दिया गया (मार्च 2025) - गौरेला, छत्तीसगढ़ में एक कुत्ते को डंडों से मार डाला गया (अगस्त 2024) गौर करने की बात है दस साल में 5 लाख जानवर पीड़ित हुए हर साल 50000 जो मामले दर्ज हुए है। कई तो दर्ज ही नहीं हुए होंगे। यानी 18000 से 20000 की संख्या जो रेबीज से मौत का कारण है इंसानों में वो सिर्फ dogs से नहीं फैलता।
कौन हैं स्वाति बलानी
स्वाति बलानी, उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बेजुबान जानवरों के लिए अनाथालय संचालित करती हैं। वाराणसी शहर के गोविंद नगर इलाके में यह अनाथालय है। सबसे खास बात यह है कि यहां बेजुबान जानवरों को लग्जरी सुविधाएं मिलती हैं। एनिमल लवर स्वाति बलानी इसका संचालन करती हैं। इस अनोखे अनाथालय में इस समय करीब 200 जानवर हैं, जिसमें कुत्ता, बिल्ली, गाय, सांड और चील सहित ढ़ेरों पक्षियां शामिल है।
स्वाति बलानी ने बताया कि इस अनाथालय में ऐसे जानवर रहते है जिन्हें लोग पालते तो बड़े शौक से हैं लेकिन उसके बाद जब ये बेजुबान बीमार या बूढ़े होते हैं तो लोग उन्हें घर से निकाल देते है या कहीं रास्ते पर छोड़ देते हैं। ऐसे बेजुबान जानवरों को ही स्वाति अपने अनाथालय में जगह देती हैं। स्वाति घायल बेजुबान जानवरों का इलाज भी करती हैं। इसके लिए वो अपने परिचितों और जानने वालों से सहयोग राशि लेती हैं। बताते चलें कि स्वाति अपने अनाथालय में आने वाले सभी जानवरों को बेटे जैसा प्यार और दुलार करती हैं। यही वजह है कि लोग उन्हें ‘मोगली वुमेन’ कहते हैं।
इन जानवरों को मिला है यहां आश्रय
बता दें कि वर्तमान में स्वाति के घर पर 25 कुत्ते, 15 बिल्लियां, 2 सांड, 1 चील और दर्जन भर तरीके के पक्षी हैं। इन्ही पशु पक्षियों के लिए स्वाति ने अभी तक शादी नहीं की है। स्वाति ने बताया कि इन जानवरों को पालने के लिए वो अपने परिवार की सेविंग्स का इस्तेमाल करती हैं। उनके इस काम में स्वाति के जानकार और अन्य आम लोग भी मदद करते हैं। जानवरों की सेवा में स्वाति का पूरा परिवार उनकी मदद करता है।
स्वाति की एक आवाज पर दौड़े चले आते हैं
सांड हो या चील सभी स्वाति के एक आवाज पर दौड़े चले आते हैं। स्वाति की मां रीता बलानी ने बताया कि स्वाति को बचपन से ही जानवरों से विशेष लगाव था। उनके बचपन का ये लगाव इतना बढ़ जाएगा ये किसी ने नहीं सोचा था।