Varanasi News: वाराणसी में हैरान कर देने वाला मामला, मां के कंकाल संग एक साल से रह रही थीं दो बेटियां, सबसे तोड़ लिए थे रिश्ते

Varanasi News: सबसे रिश्ते तोड़ रखे थे और इस वजह से रिश्तेदारों और पड़ोसियों को भी इतने लंबे समय तक इस मामले की जानकारी नहीं हो सकी।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2023-11-30 09:44 IST

varanasi two daughters living with mother skeleton  (photo: social media )

Varanasi News: वाराणसी में एक ऐसे मामले का पता चला है जिसने हर किसी को हैरान कर दिया है। दरअसल यहां पर दो बेटियां एक साल पहले मर चुकी अपनी मां के कंकाल के साथ रह रही थीं। उन्होंने सबसे रिश्ते तोड़ रखे थे और इस वजह से रिश्तेदारों और पड़ोसियों को भी इतने लंबे समय तक इस मामले की जानकारी नहीं हो सकी। बाद में शक होने पर एक पड़ोसी ने लखनऊ में रह रहे इन युवतियों के नाना को फोन पर जानकारी दी।

नाना ने अपनी दूसरी बेटी को वाराणसी भेजा। इन दोनों बेटियों की मौसी जब वाराणसी स्थित घर पर पहुंचीं तो दोनों ने घर का दरवाजा खोलने से इनकार कर दिया। इस पर मौसी ने लंका थाने की पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने घर पर पहुंचने के बाद जब जबरदस्ती दरवाजा खुलवाया तो अंदर का दृश्य देखकर हर कोई हैरान रह गया। दोनों बेटियां अपनी मां ऊषा के शव के कंकाल के साथ एक साल से रह रही थीं। पुलिस का कहना है कि दोनों बहनें मानसिक बीमारी से ग्रस्त लग रहे हैं। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

एमकॉम कर चुकी है बड़ी बेटी

इस बारे में मिली जानकारी के मुताबिक बलिया के रहने वाले रामकृष्ण पांडेय ने अपनी तीन बेटियों में सबसे बड़ी ऊषा की शादी बलिया में अखोब गांव के देवेश्वर तिवारी के साथ की थी। यह शादी करीब 30 साल पहले हुई थी मगर उषा की अपने पति के साथ पटरी नहीं बैठ सकी।

पति से अनबन होने के बाद ऊषा अपनी दोनों बेटियों पल्लवी और वैष्णवी के साथ अपने पिता के वाराणसी स्थित मकान पर रहने लगीं। यह मकान वाराणसी के लंका थाना क्षेत्र के अंतर्गत सामने घाट के मदरवां में बना हुआ है। पल्लवी ने एमकॉम तक पढ़ाई कर रखी है जबकि वैष्णवी ने हाईस्कूल करने के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी।

पिछले साल दिसंबर में हुआ था ऊषा का निधन

पल्लवी और वैष्णवी के नाना रामकृष्ण पांडेय ने बनारस में घर के पास ही कॉस्मेटिक की दुकान खुली थी मगर पल्लवी का व्यवहार ठीक न होने के कारण लगभग डेढ़ साल पहले वे लखनऊ में अपनी छोटी बेटी उपासना के घर जाकर रहने लगे। दुकान की जिम्मेदारी पल्लवी ने संभाल ली थी मगर वह दुकान को नहीं चला सकी। इस बीच 8 दिसंबर 2022 को ऊषा का निधन हो गया। करीब दो महीने पूर्व रामकृष्ण वाराणसी आए थे मगर पल्लवी ने उन्हें घर में नहीं घुसने दिया था। इस पर रामकृष्ण ने पड़ोसी रमेश सिंह को अपना नंबर दिया था ताकि जरूरत पड़ने पर उनसे संपर्क किया जा सके।

पड़ोसी ने दी नाना को सूचना

पल्लवी और वैष्णवी ने रिश्तेदारों के साथ ही पड़ोसी लोगों से भी रिश्ते तोड़ रखे थे। प्रधानमंत्री अन्न योजना और मां के जेवरात बेचने से मिले पैसों से दोनों का खर्च चल रहा था। यह पैसे भी खत्म हो जाने पर 27 वर्षीय पल्लवी और 17 वर्षीय वैष्णवी ने तीन-चार दिनों से पड़ोसियों से खाना मांगना शुरू कर दिया था। इस पर पड़ोसी रमेश ने रामकृष्ण को फोन करके पल्लवी और वैष्णवी की स्थिति के बारे में जानकारी दी। जानकारी मिलने के बाद रामकृष्ण पांडेय ने मिर्जापुर के जलालपुर में रहने वाली अपनी मझली बेटी सीमा चतुर्वेदी को वाराणसी भेजा। सीमा घर पर पहुंची तो पल्लवी और वैष्णवी ने दरवाजा खोलने से इनकार कर दिया।

मौसी के पहुंचने पर हुआ खुलासा

दोनों के इस रवैए पर सीमा चतुर्वेदी ने लंका थाने को पूरे मामले की जानकारी दी। लंका थाने के इंस्पेक्टर शिवाकांत मिश्रा जब पुलिस फोर्स लेकर घर पर पहुंचे तो भी दोनों युवतियों ने दरवाजा नहीं खोला। पुलिस ने जबरदस्ती दरवाजा खुलवाया तो अंदर का दृश्य देखकर हर कोई हैरान रह गया। दोनों युवतियां अपनी मां ऊषा के शव के कंकाल के साथ रह रही थीं। ऊषा के शव का कंकाल एक कमरे में पलंग पर सफेद रंग की रजाई से ढका हुआ था। इस बाबत पूछताछ करने पर पल्लवी का कहना था की मां के निधन की सूचना उन्होंने डर के मारे किसी को नहीं दी थी। दोनों बहनें घर के दूसरे कमरे में रह रही थीं।

मौसी के पहुंचने पर दरवाजा खोलने से इनकार

इस बाबत मौसी सीमा चतुर्वेदी का कहना है कि वे करीब 13-14 माह पूर्व वाराणसी आई थीं तो यहां सबकुछ ठीक था। उन्होंने अपनी बहन ऊषा से भी मुलाकात की थी मगर टीबी की बीमारी के कारण वे काफी कमजोर दिख रही थीं। यहां से जाने के बाद उन्होंने कई बार फोन पर संपर्क करने की कोशिश की मगर पल्लवी और वैष्णवी ने ऊषा से बात नहीं करवाई।

उनका कहना था कि इस दौरान उन्होंने दोनों बहनों को ऑनलाइन कुछ पैसे भेजे थे। मौसी ने बताया कि आज पिता के कहने पर जब वे वाराणसी पहुंचीं तो पल्लवी और वैष्णवी ने घर का दरवाजा खोलने से इनकार कर दिया। पुलिस को मौके पर बुलाए जाने के बाद सच्चाई उजागर हुई। उनका कहना था कि पिता की ओर से इन बेटियों की मदद भी की जा रही थी।

पड़ोसी ने समझा किसी जानवर की दुर्गंध

पल्लवी और वैष्णवी जिस घर में रह रही थीं, वह गंगा तट के किनारे है। घर के तीन तरफ खाली प्लाट हैं जिनमें झाड़ झंकाड़ उगे हुए हैं। पड़ोसी रमेश का कहना है कि प्लाट खाली होने के कारण कई बार लोग मरे हुए जानवर फेंक देते हैं जिससे दुर्गंध आती रहती है। दुर्गंध आने पर पड़ोसी को महसूस हुआ कि किसी जानवर की लाश से दुर्गंध आ रही है।

पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार

पूरे मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने घर को सील करके दोनों युवतियों को पड़ोसी के घर रख दिया है। काशी जोन के डीसीपी आरएस गौतम का कहना है कि दोनों बहनें मानसिक बीमारी से ग्रस्त लग रही हैं। ऊषा के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद पुलिस आगे कोई कदम बढ़ाएगी।

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