Varanasi News: राजगीर मिस्त्री की बेटी शालिनी ने बीएड परीक्षा में किया टॉप, प्राप्त किए इतने नंबर

Varanasi News: यूपी बीएड प्रवेश परीक्षा का परिणाम शुक्रवार को घोषित हो गया। इसमें वाराणसी की शालिनी पटेल ने 92.50 प्रतिशत अंक पाकर पूरे प्रदेश में टॉप किया है।

Update:2023-06-30 20:53 IST

Varanasi News: यूपी बीएड प्रवेश परीक्षा का परिणाम शुक्रवार को घोषित हो गया। इसमें वाराणसी की शालिनी पटेल ने 92.50 प्रतिशत अंक पाकर पूरे प्रदेश में टॉप किया है। इस सूचना के बाद शालिनी के घर में खुशी का माहौल है। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है। वाराणसी की शालिनी पटेल ने टॉप किया है। उन्हें 400 में 370 अंक मिले हैं। शालिनी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, परिवार और गुरुजनों को दिया है।

कामयाबी पर बधाई का सिलसिला

बेटी का रिजल्ट देखकर पिता का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है। रिश्तेदारों के साथ-साथ आस-पड़ोस के लोगों ने बेटी की कामयाबी पर बधाई दी। सुसवाही निवासी शालिनी पटेल ने कठिन परिश्रम की मिसाल पेश की है। उनके पिता कल्लू राम पटेल राजगीर (मिस्त्री) हैं। बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा में टॉपर होने से शालिनी बेहद खुश हैं। ‘न्यूज़ट्रैक’ से बात करते हुए उन्होंने बताया बपचन से ही उनका सपना आईएएस अधिकारी बनने का है। इसी को ध्यान में रखकर वो शुरू से ही मन लगाकर पढ़ाई कर रही हैं।

गांव के बच्चों को पढ़ाती हैं निशुल्क कोचिंग

गांव स्थित जवाहर आदर्श इंटर कॉलेज से उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई की। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से उन्होंने बीए व एमए प्रथम स्थान से पास किया। बचपन से ही बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के मुहिम से जुड़ी रहीं। सफलता के बारे में उन्होंने कही कि मेहनत बहुत जरूरी है। शुरुआती असफलताओं से घबराना नहीं हैं। शालिनी ने कहा कि अनिता देवी और पिता कल्लू राम पटेल ने लगातार उत्साहवर्धन किया। माता-पिता उनको आईएएस अधिकारी बनते देखना चाहते हैं और यह सपना पूरा करना ही उनका लक्ष्य है। शालिनी निशुल्क ट्यूशन पढ़ाती हैं। शालिनी पटेल पढ़ाई के साथ-साथ सामाजिक संस्थाओं में भी अग्रणी रही हैं। उन्होंने महामना मालवीय गंगा शोध केंद्र बीएचयू से ईको-स्किल्ड गंगामित्र का भी प्रशिक्षण लिया है। संस्था के चेयरमैन प्रख्यात पर्यावरण वैज्ञानिक प्रोफेसर बीडी त्रिपाठी का आशीर्वाद मिलता रहा। शालिनी कक्षा छह में पढ़ते हुए घर पर ही स्थानीय बच्चों को निशुल्क ट्यूशन पढ़ाती आ रही हैं। जो आज भी जारी है।

पैसे का अभाव भी नहीं तोड़ पाया सपनों को

मध्यम वर्ग परिवार से आने वाली शालिनी की पढ़ाई में पैसे का संकट कभी नहीं हुआ। माता-पिता का आशीर्वाद बच्चों पर सदैव बना रहा। शालिनी तीन बहन और एक भाई है। भाई सबसे बड़ा है। वो भी घर की आर्थिक जिम्मेदारी को उठाता है। शालिनी ने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, भाई-बहन और अध्यापकों को दिया।

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